- साक्षी बनीं IIT ISM की बेस्ट गर्ल
धनबाद। IIT ISM ने सोमवार को 42वां दीक्षांत समारोह मनाया। 2020-21 बैच के पासआउट स्टूडेंट्स को डिग्रियां मिलीं। वाराणसी की रहने वाली साक्षी को माता गुरदेव कौर मेमोरियल अवार्ड फार बेस्ट गर्ल से सुशोभित किया गया।
एमएससी टेक एप्लाइड जियोलाजी ब्रांच की साक्षी शर्मा को अपने ब्रांच के साथ ही विभिन्न गतिविधियों में तीन गोल्ड मेडल मिले। साक्षी को एमएससी टेक प्रोग्राम, प्रो.एनएल शर्मा गोल्ड मेडल और माता गुरदेव कौर मेमोरियल अवार्ड फार बेस्ट गर्ल स्टूडेंट मिला। कार्यक्रम में कुल 1832 स्टूडेंट को प्रमाण पत्र और पदक दिया गया। इससे पूर्व छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस कोड भी जारी कर दिया गया था। डिग्री पाने वालों में पीएचडी, बीई, बीटेक, ड्यूल डिग्री, एमटेक, एमबीए और एमएससी के छात्र शामिल हैं। दीक्षांत सत्र के दौरान एक छात्र को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल और 54 छात्रों को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया गया। इसके अलावा 11 छात्रों को सिल्वर मेडल दिया गया। 18 छात्रों को स्पांसर मेडल और तीन विद्यार्थियों को पीएचडी थीसिस अवार्ड से नवाजा गया।
लड़कियों की कटेगरी में साक्षी ने श्रेष्ठ प्रदर्शन कर इंस्टीच्युट और अपने परिजनों का भी मान बढ़ाया। साक्षी को अपने ब्रांच में 9.75 सीजीपीए मिला। साक्षी के पिता संजीव शर्मा प्राइवेट कंपनी में डाटा एंट्री आपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। मां तृप्ति शर्मा गृहिणी हैं। सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल भेलूपुर से स्कूलिंग करने के बाद साक्षी ने आइआइटी आइएसएम में एडमिशन लिया। साक्षी ने बताया कि जियोलाजी उनका पसंदीदा विषय रहा है। आइएसएम इस ब्रांच के लिए बेस्ट इंस्टीच्युट है इसलिए यहां एडमिशन लिया। साक्षी का इंडियन आयल दिल्ली में सीधे आफिसर रैंक पर 16.2 लाख के पैकेज पर कैंपस सिलेक्शन हुआ। वह आगे पीएचडी की सोच रही हैं। इसके बाद एग्जीक्यूटिव एमबीए करना है।
स्टूडेंट भविष्य में इनोवेशन पर ध्यान दें: रेड्डी
आईआईटी आइएसएम के 42वां दीक्षांत समारोह में डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष एवं रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी सतीश रेड्डी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।समारोह को सम्बोधित करते हुए जी सतीश रेड्डी ने छात्रों से आह्वान किया कि भविष्य में इनोवेशन पर ध्यान दें। स्पेस साइंस, रॉकेट टेक्नोलॉजी, रक्षा टेक्नोलॉजी आदि विषयों पर शोध करें ताकि पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को साकार किया जा सकें। उन्होंने कहा कि हम रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बने तभी सुपर पावर बन सकेंगे। भारत सुपर सोनिक मिसाईल, डेवलप करने की दिशा में काम कर रहा है। स्वदेशी प्रक्षेपण यान से पृथ्वी से 36 हजार किमी दूर अन्तरिक्ष में उपग्रह स्थापित करने में सफल हुआ है। वर्ल्डका सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट आईआईटी के छात्रों के द्वारा ही निर्माण किया गया है। ये कुछ उदाहरण है जो आपको देश के लिए इनोवेशन के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
जियोलाजी रहा साक्षी का पसंदीदा विषय
इंस्टीच्युट के डायरेक्टर प्रो. राजीव शेखर ने संस्थान से जुड़े विभिन्न अकादमिक और प्रशासनिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया।उन्होंने दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने वाले छात्रों को बेहतर भविष्य के लिये शुभकामनाएं दी।