धनबाद: नौकरी के नाम पर 88 लाख रुपये ठगी करने वाला बीसीसीएल अफसर दीपक झा अरेस्ट
धनसार पुलिस ने बीसीसीएल में नौकरी लगाने के नाम पर 11 लोगों 88 लाख रुपये की ठगी मामले के मुख्य आरोपी बीसीसीएल अफसर दीपक कुमार झा को अरेस्ट कर लिया है। बिनोद नगर स्थित सुंदरम भवन निवासी दीपक कुमार झा बीसीसीएल के इजे एरिया सुदामडीह में मैनेजर हैं। पुलिस ने दीपक को सोमवार धनसार चौक से दबोचा।
- एक आरोपी को आठ माह से हैं जेल में
- जमुई निवासी तीसरा आरोपी है फरारा
- 11 लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर 88 लाख रुपये की ठगी का मामला
धनबाद। धनसार पुलिस ने बीसीसीएल में नौकरी लगाने के नाम पर 11 लोगों 88 लाख रुपये की ठगी मामले के मुख्य आरोपी बीसीसीएल अफसर दीपक कुमार झा को अरेस्ट कर लिया है। बिनोद नगर स्थित सुंदरम भवन निवासी दीपक कुमार झा बीसीसीएल के इजे एरिया सुदामडीह में मैनेजर हैं।
पुलिस ने दीपक को सोमवार धनसार चौक से दबोचा। कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस दीपक को जेल भेज दी है।धनसार पुलिस ने 11 लाख ठगी के मामले में एक अभियुक्त अजीत सिंह को पिछले जनरी माह में अरेस्ट की थी। मामले में तीसरा अभियुक्त बिहार के जमुई निवासी आजाद सिंह अभी फरार हैं।
फ्लैश बैक
धनसार बरमसिया निवासी निवासी विकास कुमार वर्मा ने वर्ष 2019 में धनसार पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया था। एफआइआर में आरोप है कि बीसीसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर धनबाद के 11 युवकों से 88 लाख रुपये की ठगी की गयी। बीसीसीएल अफसर दीपक झा के किरायेदार सह कोर्ट में चाय दुकान चलाने वाले आजाद सिंह से विकास की मुलाकात हुई थी। उसने विकास को अजीत से मिलवाया और कहा कि मेरे पास एक आदमी है जो नौकरी लगवा देगा। दोनों ने वििकास की दीपक कुमार झा से मुलाकात करवायी। दीपक ने कहा कि बीसीसीएल में नौकरी लग जायेगी इसके लिए 10-10 लाख रुपये लगेंगे। छह माह के अंदर बीसीसीएल में क्लर्क की नौकरी मिल जायेगी।
विकास ने अपने कई साथियों की इसकी जानकारी दी। बरमसिया में रहने वाले अभिषक राज, अनिल यादव, सोम राउत, सुमित कुमार और प्रमोद पासवान के अलावा अन्य छह लड़कों ने 22 अप्रैल तक आठ-आठ लाख रुपये दीपक कुमार झा को दे दिये। छह माह बीते जाने के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली। इसके बाद पुलिस में कंपलेन की गयी। विकास वर्मा ने धनबाद एसएसपी से लिखित कंपलेन की थी। एसएसपी के निर्देश पर डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) मुकेश ने मामले की जांच की। डीएसपी ने वर्ष 2019 की चार नवंबर पूछताछ करने के लिए दीपक को बुलाया था। लेकिन इसके पहले विकास और उसके अन्य साथी मौके पर पहुंच गये और उसे बाहर ही पकड़ लिया। मारपीट के बाद दीपक को धनबाद पुलिस को हवाले कर दिया गया। पुलिस ने दीपक को पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया था।