धनबाद: सिक्युरिटी गार्ड पर बमबाजी के बाद ही कोलियरी से भाग गये थे केबल लुटरे, मुहाने पर तीन दिनों तक बैठी रही पुलिस
ईसीएल मुगमा एरिया की कुमारधुबी कोलियरी के भाग्यलखी इंक्लाइन में सिक्युरिटी गार्ड पर बमबाजी के बाद ही केबल लुटेरों का दल भाग निकला था। पुलिस व सीआइएसएफ द्वारा अंदर दो दिनों तक चलाए गए सर्च ऑपरेशन में केबल लुटेरों का कोई सुराग नहीं मिला। मैनजमेंट एवं प्रशासन ने लगभग मान लिया है कि इंकलाइन के अंदर कोई लुटेरे नहीं है। पुलिस, ईसीएल के सिक्यरिटी गार्ड और सीआइएसएफ के जवान माइंस के के मुहाने पर केबल लुटरों को पकड़ने के लिए तीन दिनों तक बैठे रहे।
धनबाद। ईसीएल मुगमा एरिया की कुमारधुबी कोलियरी के भाग्यलखी इंक्लाइन में सिक्युरिटी गार्ड पर बमबाजी के बाद ही केबल लुटेरों का दल भाग निकला था। पुलिस व सीआइएसएफ द्वारा अंदर दो दिनों तक चलाए गए सर्च ऑपरेशन में केबल लुटेरों का कोई सुराग नहीं मिला। मैनजमेंट एवं प्रशासन ने लगभग मान लिया है कि इंकलाइन के अंदर कोई लुटेरे नहीं है। पुलिस, ईसीएल के सिक्यरिटी गार्ड और सीआइएसएफ के जवान माइंस के के मुहाने पर केबल लुटरों को पकड़ने के लिए तीन दिनों तक बैठे रहे।
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माइंस में क्रिमिनलों के नहीं होने के बात से कोलियरी से कोल प्रोडक्शन शुरु हो गया है। फस्ट शिफ्ट में बुधवार की सुबह प्रथम पाली में 150 मजदूरों ने हाजिरी बनाई। इसमें 100 मजदूर इंक्लाइन के अंदर कोल प्रोडक्शन करने गये थे। फस्ट शिफ्ट में 24 टन कोल प्रोडक्शन हुआ। सेकेंड शिफ्ट में भी मजदूरों ने कोल प्रोडक्शन किया। इधर इलेक्ट्रिक चिरकुंडा पुलिस ने पूछताछ के बाद बुधवार की सुबह हेल्पर मंगलम कुमार को छोड़ दिया।
संभवत लुटेरे दहशत फैला कर भागने में सफल हुए
मुगमा एरिया के जीएम बीसी सिंह का कहना था कि मैनेजमेंट ,पुलिस, सीआइएसएफ व आंतरिक सुरक्षा गार्ड की एक टीम 16 पिलर जंक्शन लेबल अंत तक गई। कुछ नहीं मिलने बाद टीम वापस आ गई। एसडीपीओ पीतांबर सिंह खेरवार का कहना है कि संयुक्त जांच में किसी के अंदर होने के साक्ष्य नहीं मिला है। संभवत लुटेरे दहशत फैला कर भागने में सफल हुए होंगे।
दो दर्जन केबल लुटेरों ने बोला था धावा
उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर, रविवार की रात इंकलाइन में दो दर्जन केबल लुटेरों ने धावा बोला था। लुटेरों द्वारा की गई बम बाजी में एक सिक्युरिटी गार्ड घायल हो गया था। संभावना जताई गयी थी की माइंस के अंदर लगभग दो दर्जन केबल लुटेरे घुसे हो सकते हैं। इसके बाद लुटेरों की तलाश में दो दिनों तक तीन बार खदान के अंदर सर्च अभियान चलाया गया। एसडीपीओ पीतांबर सिंह खेरवार के नेतृत्व में माइनिंग, सर्वेयर, सेफ्टी, सीआईएसफ, ईसीएल सुरक्षाकर्मी व जिला पुलिस की 30 सदस्यीय टीम मंगलवार की दोपहर एक बजे माइंस के अंदर 16 नंबर पिलर जंक्शन तक गई। लुटेरों का कोई पता नहीं चलने पर टीम तीन बजे वापस लौट आई।
इससे पहले सोमवार की रात भी पुलिस व मैनेजमेंट की टीम दो बार माइंस के अंदर गई थी। दोनों ही बार लुटेरों का कोई सुराग नहीं लगा। पूरी प्लानिंग बना कर मंगलवार की दोपहर 16 नंबर पिलर जंक्शन तक सर्च अभियान चलाया गया। इसमें भी कामयाबी नहीं मिली। तब जाकर शाम को सेकेंड शिफ्ट के 42 मजदूर माइंस के अंदर भेजे गये। रात आठ बजे माइंस के अंदर के मजदूर भी सुरक्षित वापस लौट आये। इसके बाद दो दिनों की तलाशी में लुटेरों का कुछ पता नहीं चलने से मैनेजमेंट व प्रशासन ऐसा मान कर चल लगा है कि कि रविवार की रात हमला के दौरान लुटेरे माइंस से निकल कर भाग गये हों। क्योंकि रविवार को अवकाश में रहने के कारण खदान में कोल प्रोडक्शन बंद था। केवल इमरजेंसी के ही कुछ कर्मी व सुरक्षा गार्ड कार्यरत थे।