धनबाद: गलत तरीके से माइनिंग सरदार का सार्टिफिकेट जारी करने का मामला, DGMS डायरेक्टर समेत आठ के खिलाफ CBI चार्जशीट
सीबीआई ने डीजीएमएसए से गलत तरीके से माइनिंग सरदार का प्रमाण पत्र जारी करने व फर्जी सार्टिफिकेट के आधार पर माइनिंग सरदार की नौकरी करने के चार वर्ष पुराने मामले में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआइ एसीबी ने मामले की इन्विस्टीगेशन पूरा करते हुए डायरेक्टर (माइंस सेफ्टी) समेत आठ के खिलाफ आरोप सही पाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है। मामले में नेम्ड दो डायरेक्टर व एक अन्य डिप्टी डायरेक्टर को क्लीनचिट दे दी गयी है।
- तीन अफसरों को क्लीन चिट
धनबाद। सीबीआई ने डीजीएमएसए से गलत तरीके से माइनिंग सरदार का प्रमाण पत्र जारी करने व फर्जी सार्टिफिकेट के आधार पर माइनिंग सरदार की नौकरी करने के चार वर्ष पुराने मामले में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआइ एसीबी ने मामले की इन्विस्टीगेशन पूरा करते हुए डायरेक्टर (माइंस सेफ्टी) समेत आठ के खिलाफ आरोप सही पाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है। मामले में नेम्ड दो डायरेक्टर व एक अन्य डिप्टी डायरेक्टर को क्लीनचिट दे दी गयी है।
जिन पर की गयी चार्जशीट
टीके मंडल (डायरेक्टर, माइंस सेफ्टी सह सेक्रेटरी ऑफ बोर्ड ऑफ माइनिंग एग्जाम, डीजीएमएस) तपेश्वर मंडल (ओवरमैन), माइनिंग सरदार, मेघलाल मंडल, अर्जुन कुमार, अमित कुमार, सहदेव प्रसाद, प्रयाग प्रसाद, विनोद कुमार मंडल।
जिन्हें मिली क्लीनचिट
डायरेक्टर मांइस सेफ्टी पी रंगनाथीश्वर, वी पापा राव, डिप्टी डायरेक्टर मांइस सेफ्टी सतीश दिगंबर छिदरवाड़।
क्या है आरोप
सीबीआइ को यह गुप्त सूचना मिली थी कि डीजीएमएस, धनबाद द्वारा गलत तरीके से माइनिंग सरदार का सार्टिफिकेट जारी किया गया है। प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआइ ने वर्ष 2017 की 29 जून को डायरेक्टर माइंस सेफ्टी समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की। सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि माइनिंग सरदार का सार्टिफिकेट जारी करने में कोल माइंस रेगुलेशन एक्ट के प्रविधानों का उल्लंघन किया गया। अफसरों ने खुद के फायदे के लिए षड्यंत्र के तहत माइनिंग सरदार का सार्टिफिकेट जारी किया। इसके आधार पर सात लोगों ने बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरियों में नौकरी प्राप्त कर ली। इससे बीसीसीएल को एक करोड़ 52 लाख रुपये का नुकसान हुआ।