धनबाद: चिरकुंडा के कुख्यात मिंटू कश्यप की जेल में मौत, विनोद झा मर्डर केस का था मेन एक्युज्ड
चिरकुंडा पुलिस स्टेशन एरिया का कुख्यात क्रिमिनल आनंद वर्द्धन उर्फ मिंटू कश्यप की रविवार सुबह धनबाद जेल में मौत हो गई। पुलिस 28 जून धनबाद पोस्ट ऑफिस के पास से मिंटू को अरेस्ट किया था। पुलिस उसे विनोद झा मर्डर केस में जेल भेजी थी। बताया जाता है कि रविवार सुबह मिंटू ने सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उसे SNMMCH धनबाद में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
धनबाद। चिरकुंडा पुलिस स्टेशन एरिया का कुख्यात क्रिमिनल आनंद वर्द्धन उर्फ मिंटू कश्यप की रविवार सुबह धनबाद जेल में मौत हो गई। पुलिस 28 जून धनबाद पोस्ट ऑफिस के पास से मिंटू को अरेस्ट किया था। पुलिस उसे विनोद झा मर्डर केस में जेल भेजी थी।
बताया जाता है कि रविवार सुबह मिंटू ने सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उसे SNMMCH धनबाद में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जेल सुपरिटेंडेंट अजय कुमार ने कहा कि सुबह मिंटू कश्यप की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसके सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जेल हॉस्पीटल के डॉक्टर के प्रारंभिक जांच के बाद उसे एसएनएमसीएच रेफर कर दिया। जेल से उसे छह बजे एसएनएमसीएच ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। आशंका है कि हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई।
क्वारंटाइन वार्ड में था मिंटू
मिंटू कश्यप जेल में आने के बाद कारंटाइंड वार्ड में था। मेडिकल बोर्ड द्वारा मिंटू के बॉडी पोस्टमार्टम करायी गयी है। डीसी उमाशंकर सिंह ने मिंटू के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल टीम टीम गठित की है।
विनोद मर्डर केस का था मेन एक्युज्ड
चिरकुंडा पुलिस स्टेशन एरिया तालडंगा हाउसिंग कॉलोनी में 24 फरवरी को विनोद झा की गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। इसमें मिंटू मेन एक्युज्ड था। वह लोजपा से जुड़ा था। वसूली का काम करता था। पैसे के लेन-देन में विवाद के बाद विनोद ने मिंटू का साथ छोड़ दिया। इसके बाद मिंटू ने विनोद की मर्डर करवा दी। मिंटू फरार था। धनबाद पुलिस ने 28 जून को मिंटू को अरेस्ट कर चिरकुंडा पुलिस के हवाले किया था। इसके बाद उसे जेल भेजा गया था।
इंटर स्टेट क्रिमिनलों के नेटवर्क से जुड़ा था मिंटू
मिंटू कश्यप इंटर स्टेट क्रिमिनलों के नेटवर्क से जुड़ा था। यूपी के शूटर गुड्डू शुक्ला से संबंध रखा था। शुक्ला हो ही विनोद झा की मर्डर की सुपारी दी थी।
किडनैप वर्ल्ड में कमाना चाहता था नाम
मिंटू चिरकुंडा में रहते हुए बिहार के क्रिमिनलों के साथ मिलकर फिरौती वसूलने के लिए किड़नैपिंग की घटना को अंजाम देने की तैयारी में जुट गया था। इस बात को लेकर ही विनोद झा से उसकी अनबन भी हुई थी। विनोद झा उसके सभी कारनामों का राजदार था।
पूर्व में विनोद झा कुछ दिनों तक मिंटू के साथ दोस्त के नाते रहता था। लेकिन मिंटू की क्राइम नेचर के कारण वह उससे पिंड छुड़ा लिया था। इसके बाद मिंटू कश्यप ने विनोद झा की मर्डर करवा दी। विनोद झा की हत्या में मिंटू कश्यप बिहार के कुछ क्रिमिनलों का भी मदद लिया था। उसके साथ एक महिला को भी पुलिस विनोद झा हत्याकांड में ढूंढ़ रही थी। पुलिस का मानना था कि विनोद झा की मर्डर की साजिश मिंटू कश्यप के उसी महिला दोस्त के घर बनी थी। हालांकि काफी दिनों तक पुलिस महिला दोस्त को ढूंढ़ती रही पर पुलिस महिला मित्र को नहीं ढूंढ़ पाई। अंत में पुलिस ने महिला मित्र के पुत्री को अरेस्ट कर जेल भेजा।
चिरकुंडा में बन गया दबंग
मिंटू पहले तो चिरकुंडा में वह छोटी-छोटी घटनाओं में शामिल रहा। छोटे क्रिमिनल पर उसकी चर्चा होती रही। मारपीट से जुड़े कुछ मामला पुलिस तक भी पहुंचा पर अधिकांश मामले में उसके दंबग प्रभाव के कारण समझौता हो गया। पश्चिम बंगाल के नितुरिया में पहली बार वह आर्म्स एक्ट के मामले में जेल गया था। इसके बाद वह सूदखोरी के धंधे में लिप्त हो गया। पश्चिम बंगाल में जेल में रहते हुए वह यूपी और बिहार के कुछ क्रिमिनलों से नेटवर्क जुड़ा। इसके बाद चिरकुंडा के कई व्यवसायियों के कि़डनैपिंग की योजना बनाई। हालांकि विनोद झा की मर्डर के बाद इस तरह उलझा कि पहले ही उसका अंत हो गया। मिंटू चिरकुंडा में रहते हुए बिहार के क्रिमिनलों के साथ मिलकर फिरौती वसूलने के लिए किडनैपिंग की घटना को अंजाम देने की तैयारी में जुट गया था। उसकी इसी मंशा को लेकर विनोद झा से उसकी अनबन भी हुई थी। विनोद झा उसके सभी कारनामों का राजदार था।
मिंटू के बॉडी के कई दावेदार, चार तो जेल के ही अंदर
क्रिमिनल मिंटू कश्यप की रविवार सुबह धनबाद जेल में मौत के बाद प्रशासन के सामने एक नई तरह की समस्या आन पड़ी है। यह समस्या है कि बॉड किसे सौंपा जाय ? दरअसल, बॉडी के कई दावेदार सामने आये हैं। इनमें एक जेल के अंदर बंद मिंटू की महिला मित्र और एक कथित पुत्र शामिल हैं। दूसरी तरफ सगे भाई पिंटू कश्यप ने बॉडी लेने से इन्कार कर दिया है।मिंटू कश्यप के बॉडी के चार दावेदार जेल में ही है। उन्होंने बॉडीशव पर दावा किया है। लेकिन दस्तावेज उनके पक्ष में नहीं हैं, जिसके कारण जेल प्रशासन उन्हें रिश्तेदार नहीं मान रहा है। जेल प्रशासन ने मिंटू कश्यप के भाई पिंटू चौबे से संपर्क साधा लेकिन वह भी बॉडी लेने से इन्कार कर दिया। पिंटू चौबे ने जेल प्रशासन से कहा है कि मिंटू कश्यप उसका भाई जरूर है, पर पिछले डेढ़ दशक से उसका कोई संबंध नहीं है। लिहाजा वह बॉडी लेकर क्या करेगा?
जेल में कथित पुत्र
जेल में बंद मिंटू कश्यप के कथित पुत्र अभिषेक ने मिंटू कश्यप के बॉडी पर दावा ठोका है। पर दस्तावेज उसके पक्ष में नहीं है। दस्तावेज में अभिषेक के पिता का नाम अमरेश कुमार लिखा है। वहीं रीता देवी की पुत्री अनुष्का कुमारी तथा रीता देवी की बहन गीता देवी ने भी मिंटू कश्यप के बॉडी पर दावा किया है। इन सभी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है।
प्रतिष्ठित व पढ़े- लिखे परिवार का मिंटू बचपन से ही था झगड़ालू प्रवृत्ति
मिटू कश्यप चिरकुंडा के प्रतिष्ठित व पढ़े- लिखे परिवार से आता था। उसके पिता मिलिद कश्यप चिरकुंडा में सरकारी स्कूल के शिक्षक थे। वह अच्छे साहित्यकार कवि व उपन्यासकार के रूप में पूरे इलाके में प्रसिद्ध थे। धनबाद के एक अखबार से भी जुड़े रहे थे। उनकी प्रतिष्ठा निरसा क्षेत्र के पहले पत्रकार के रूप में भी थी। निरसा व चिरकुंडा के अखबार जगत में उनका बड़ा नाम था। इनके दो पुत्र पिटू चौबे व मिटू कश्यप के साथ तीन पुत्री है। मिटू कश्यप ने वर्ष 1985 में मैट्रिक पास किया था। कहा जाता है कि मिटू बचपन से ही झगड़ालू किस्म का था। वह क्राइम वर्ल्ड का किंग बनना चाहता था। मिंटू की गलत हरकत से पिता के साथ भाई भी परेशान रहते थे। बड़े भाई ने मिटू कश्यप से रिश्ता खत्म कर लिया था। जीएम कोर्ट में मिंटू के खिलाफ मर्डर की साजिश की कंपलेन दर्ज कराई थी। डीजीपी व चीफ सेकरटेरी को कंपलेन भेजा था। मिंटू के पिता मिलिद कश्यप का वर्ष 2016 में निधन हो गया। मिटू तालडांगा हाउसिग कॉलोनी में अपने परिवार के साथ अलग से रह रहा था। पत्नी सुचित्रा शर्मा और एक 12 साल की बेटी भी है। फरवरी में विनोद झा हत्याकांड में मिटू का नाम आने के बाद से पत्नी व बेटी घर में नहीं रह रही है।
मिटू कश्यप पर लगा था CCA
मिटू कश्यप पर वर्ष 2017 में सीसीए लगाथा। पुलिस वर्ष 2010 से 2017 के बीच इसके छिनतई, रंगदारी व अन्य आपराधिक मामलों के कारण मिंटू से परेशान थी। वह झारखंड -बिहार व बंगाल के कई क्रिमिनलों के संपर्क में था। कई बार जेल जाने के कारण क्रिमिनलों से संपर्क बढ़ गई थी। वर्ष 2016-17 मैथन में मिंटू की क्रिमिनल वारदात व एक बिजनसमैन से से रंगदारी का मामला सामने आया था। इसके बाद मिटू के खिलाफ सीसीए लगाया गया था। जिला बदर के आदेश के बाद उसने पड़ोसी राज्य बंगाल को अपना ठिकाना बना लिया था।