धनबाद: कोरोना संक्रमित बीसीसीएल स्टाफ की मौत, सेंट्रल हॉस्पीटल में हंगामा
बीसीसीएल के कुसुंडा एरिया के विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में डंपर ऑपरेटर जमींदार साव की मौत रविवार को रांची में एंबुलेंस में ही हो गयी। कोरोना संक्रमित स्टाफ की हालत गंभीर होने के बाद सेंट्रल हॉस्पीटल से रांची रेफर किया गया था।
धनबाद। बीसीसीएल के कुसुंडा एरिया के विश्वकर्मा प्रोजेक्ट में डंपर ऑपरेटर जमींदार साव की मौत रविवार को रांची में एंबुलेंस में ही हो गयी। कोरोना संक्रमित स्टाफ की हालत गंभीर होने के बाद सेंट्रल हॉस्पीटल से रांची रेफर किया गया था। हॉस्पीटल में एडमिट करने से पहले ही एंबुलेंस में ही उसकी मौत हो गयी। जमींदार की मौत की खबर पाकर जेएमएम (कुंती गुट) के कार्यकर्ताओं ने सेंट्रल हॉस्पीटल पहुंचकर हंगामा किया।
हंगामा कर रहे लोगों का आरोप है कि सेंट्रल हॉस्पीटल में इलाज में लापरवाही बरती गयी। हलांकि हॉस्पीटल मैनेजमेंट ने आरोप को बेबुनियाद बताया है। गंभीर हालत में जमींदार साव को सेंट्रल हॉस्पीटल से रांची रेफर किया गया था। मेडिकल स्टाफ उसे एंबुलेंस रांची पहुंचकर एक हॉस्पीटल से दूसरे हॉस्पीटल का चक्कर काटते रहे। पेसेंट को कहीं एडमिट नहीं लिया गया और अंततः उसकी मौत हो गयी।
पेसेंट को थी न्यूरो प्रोबलम एडमिट कर दिया कोरोना वार्ड में
जेएमएस (कुंती गुट) के सचिव अरविंद सिंह का कहना है कि जमींदार साव की मौत कोरोना से नहीं, बल्कि न्यूरो की प्रोबलम से हुई है। उन्हें दो साल पहले क्लोटिंग के बाद सेंट्रल हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था। बाहर रेफर किये जाने से पर इलाज से ठीक हो गये। दो दिन पहले बेहोश होकर गिर जाने से हेड के पिछले हिस्से में चोट लग गयी। इसके बाद सेंट्रल हॉस्पीटल कराया गया। न्यूरो प्रोबलम का इलाज व जांच करने की बजाय उन्हें कोविड-19 पॉजिटिव बताकर कोविड वार्ड के आइसीयू में एडमिट कर दिया गया। हालत बिगड़ने पर रांची रेफर किया गया। गंभीर हालत के कारण किसी हॉस्पीटल ने एडमिट नहीं लिया और उनकी मौत हो गयी।