धनबाद: पुलिस कस्टडी से रामधीर को छुड़ाने में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट से एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह की सजा निरस्त
सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने झारखंड के एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह को बड़ी राहत मिली है। पुलिस कस्टडी से रामधीर सिंह को छुड़ाने के मामले में धनबाद सीबीआइ के स्पेशल जज राजीव कुमार सिन्हा ने लोअर कोर्ट से बच्चा सिंह को मिली एक साल की सजा निरस्त कर दी है। हालांकि इसी मामले में कोर्ट ने बच्चा सिंह के अनुज रामधीर सिंह को कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी है। रामधीर की सजा बरकरार रखी गई है।
- रामधीर को नहीं मिली राहत
- CBI की स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शिखा अग्रवाल की कोर्ट ने सुनायी थी बच्चा व रामाधीर सिंह को एक साल की सजा
धनबाद।सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने झारखंड के एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह को बड़ी राहत मिली है। पुलिस कस्टडी से रामधीर सिंह को छुड़ाने के मामले में धनबाद सीबीआइ के स्पेशल जज राजीव कुमार सिन्हा ने लोअर कोर्ट से बच्चा सिंह को मिली एक साल की सजा निरस्त कर दी है। हालांकि इसी मामले में कोर्ट ने बच्चा सिंह के अनुज रामधीर सिंह को कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी है। रामधीर की सजा बरकरार रखी गई है।
रामधीर सिंह की सजा बरकार
पुलिस कस्टडी से रामाधीर सिंह को छुड़ाने के 17 वर्ष पुराने मामले में बच्चा सिंह व रामधीर सिंह को एक साल की सजा सुनायी गयी थी। सीबीआइ के स्पेशल जज ने ने रामाधीर सिंह की अपील को खारिज करते हुए उनकी सजा को बहाल रखा है। वहीं बच्चा सिंह को राहत देते हुए उनके सजा के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट में सोमवार को बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट अनूप कुमार सिन्हा , अभय कुमार सिन्हा , समर श्रीवास्तव एवं सिद्धार्थ शर्मा ने पैरवी की। जबकि सीबीआई की ओर से विशेष अभियोजक चंदन कुमार सिंह ने सीबीआई का पक्ष रखा।
सजा के आदेश को दी थी चुनौती
सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट में रामधीर सिंह व बच्चा सिंह ने अपील दायर कर लोअर कोर्ट द्वारा दी गयी एक वर्ष के सजा के आदेश को चुनौती दी थी। उल्लेखनीय है कि रामाधीर सिंह, विनोद सिंह मर्डर केस में बिहार मुंडा सेंट्रल जेल होटवार रांची में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
दोनों भाई को हुई थी एक वर्ष की सजा
धनबाद सीबीआइ के स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शिखा अग्रवाल की कोर्ट ने वर्ष 2020 की 20 मार्च को मामले के आरोपी रामाधीन सिंह व बच्चा सिंह को एक-एक वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। वहीं छह अन्य आरोपी हुए साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था।
क्या था आरोप
वर्ष 2003 की तीन अक्टूबर को धनसार में कोल कारोबारी प्रमोद सिंह की मर्डर हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रमोद सिंह की मर्डर में रामाधीर सिंह का हाथ है। झरिया स्थित जनता मजदूर संघ के ऑफिस में संकीर्तन चल रहा था। रामधीर वहां मौजूद थे। पुलिस झरिया में रेड कर प्रमोद मर्डर केस रामाधीर सिंह को अरेस्ट की। आरोप है कि इसी दौरान बच्चा सिंह की मौजूदगी में रामाधीर समर्थकों ने जबरन उन्हें छुडा लिया था। बच्चा सिंह ने पुलिस को सबक सिखाने की धमकी दी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले का जांच किया था।