धनबाद: DFO ऑफिस में हाईवोल्टेज ड्रामा, रेंजर व यूनियन लीडर में भिड़ंत, आरोप-प्रत्यारोप
कोयला राजधानी धनबाद के बाइंड बिल्डिंग स्थित वन एवं पर्यावरण विभाग के ऑफिस में लगभग तीन घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। DFO विमल लकड़ा के चेंबर में रेंजर आरके सिंह व यूनियन लीडर कामेश्वर प्रसाद के बीच भिड़ंत हो गयी। हाथापाई व गाली-गलौज की भी सूचना है। मौके पर पहुंची पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। हालाकि विभागीय अफसर मारपीट की घटना से इनकार कर रहे हैं।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बाइंड बिल्डिंग स्थित वन एवं पर्यावरण विभाग के ऑफिस में लगभग तीन घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। DFO विमल लकड़ा के चेंबर में रेंजर आरके सिंह व यूनियन लीडर कामेश्वर प्रसाद के बीच भिड़ंत हो गयी। हाथापाई व गाली-गलौज की भी सूचना है। मौके पर पहुंची पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। हालाकि विभागीय अफसर मारपीट की घटना से इनकार कर रहे हैं।
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बताया जाता है कि झारखंडअवर वन सेवा संघ का डेलीगेशन फॉरेस्ट गार्ड की समस्याओं को लेकर डीएफओ विमल लकड़ा से मिलने धनबाद आया था। इसमें अलग-अलग जगह के फॉरेस्ट गार्ड भी थे। डीएफओ के धनबाद रेंजर आरके सिंह भी मौजूद थे। फॉरेस्ट गार्ड की समस्याओं को लेकर चल रही वार्ता में यूनियन लीडर कामेश्वर प्रसाद और रेंजर के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। दोनों भिड़ गये। तू-तू मैं-मैं के बाद मामला गाली-गलौज व हाथापाई तक पहुंच गयी।
विवाद बढ़ता देख डीएफओ ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ। रेंजर ने यूनियन लीडर पर बदसलूकी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग वर्चस्व कायम करना चाहते हैं। वह रिटायर्ड जरूर हो चुके हैं, लेकिन यूनियन के नाते अपने वर्चस्व को बरकरार रखना चाहते हैं। इलिगल कोल कारोबार में संलिप्त है। विरोध करने पर मुझे निशाना बनाया गया है। यूनियन नेता ने मेरे खिलाफ फॉरेस्ट गार्ड को भड़का रहे हैं। झारखंड अवर वन सेवा संघ के नेता कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि वन क्षेत्र में धड़ल्ले से कोयले का अवैध उत्खनन कर तस्करी का खेल चल रहा है। इसपर रोक लगाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। इसी मामले को लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग के कार्यालय में हंगामा हुआ है।
बताया जाता है कि फॉरेस्ट गार्ड के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्रवाई, महिला फॉरेस्ट गार्ड के खिलाफ जासूसी कराने, गलत तरीके से निकासी किये जाने, फॉरेस्ट गार्ड पर दबाव बनाने, सीनीयरटी के आधार पर फॉरेस्टर नहीं बनाये जाने, जातीय भेदभाव करने को लेकर यूनयिन व अफसर के बीच विवाद का कारण है। हालांकि डीएफओ ने किसी तरह की मारपीट व विवाद से इनकार करते हुए कहा है कि दोनों में अनुशासन की थोड़ी कमी है। इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया गया है।