धनबाद जज मर्डर केस: साबरमती जेल में आरोपी लखन व राहुल में फाइटिंग
धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत के आरोपित लखन वर्मा और राहुल वर्मा की दोस्ती के बीच खटास आ गई है। फिलहाल गुजरात के साबरमती जेल में अस्थायी रूप से रह रहे दोनों के बीच मारपीट हुई।
धनबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत के आरोपित लखन वर्मा और राहुल वर्मा की दोस्ती के बीच खटास आ गई है। फिलहाल गुजरात के साबरमती जेल में अस्थायी रूप से रह रहे दोनों के बीच मारपीट हुई।
मारपीट के दौरान जेल में बंदियों के बीच अफरातफरी मच गई। जेल प्रशासन ने दोनों को अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट किया। राहुल वर्मा का मंगलवार को फिर से पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। उसका दोबारा नार्को एनालिसिस भी कराने की तैयारी है। सोर्सेज के अनुसार लखन वर्मा तमाम तरह के टेस्ट और पूछताछ में बार-बार कह रहा है कि नशे में उसने जज को टक्कर मारी।
घटना के समय राहुल उसके साथ था जबकि राहुल वर्मा का गुजरात पहुंचते ही सूर बदल गया है। वह पूछताछ और टेस्ट के दौरान कह चुका है कि घटना के वक्त वह ऑटो पर लखन के साथ नहीं था। इसी बात को लेकर दोनों के रिश्ते में कड़वाहट आ गई है। इस कारण दोनों जेल में आपस में भिड़ गये। सीबीआई लखन और राहुल का पहले ही पॉलीग्राफ टेस्ट करा चुकी है। दोनों की ब्रेन मैपिंग और नार्को एनालिसिस भी हो चुका है लेकिन दोनों के अलग-अलग बयान सामने आने के बाद असलियत सामने लाने के लिए सीबीआई दोबारा राहुल का टेस्ट करा रही है।
जज के लैपटॉप व टैब में नहीं मिली मर्डर की जानकारी
कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जज उत्तम आनंद के सरकारी लैपटॉप और टैब को कब्जे में लेकर गहन छानबीन कर रही थी। सीबीआई ने मंगलवार को उत्तम आनंद के लैपटॉप और टैब को वापस लौटा दिया। लैपटॉप और टैब में सीबीआई को मर्डर या साजिश के संबंध में कोई सुराग नहीं मिल सका। सीबीआइ लैपटाप और टैब से यह जानना चाहती थी कि न्यायाधीश ने किन-किन मामलों की सुनवाई की थी। किसे-किसे सजा सुनाई थी। सीबीआई की विशेष अदालत में एक आवेदन देकर सीबीआई ने लैपटॉप और टैब को वापस करने की इजाजत मांगी। कोर्ट ने सीबीआई की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए लैपटॉप व टैब को सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा करने का निर्देश दिया।
टेस्ट के लिए सात सितंबर तक की मांगी मोहलत
सीबीआई ने मंगलवार को धनबाद सीबीआई की विशेष दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल के न्यायालय में आवेदन देकर टेस्ट के लिए सात सितंबर तक की अवधि बढ़ाने की मांग की। इससे पहले तीन सितंबर तक दोनों को धनबाद जेल लाने की मंजूरी कोर्ट से मिली थी। कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी को स्वीकार कर लिया है। बताया जा रहा है तीन सितंबर तक सभी टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर दोनों को गुजरात से धनबाद लाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने दोनों को प्लेन से वापस लाने का निर्देश दिया है।
बताया जाता है कि एक पखवार पहले धनबाद कोर्ट में भी दोनों के बच टेंशन हुई थी। राहुल वर्मा की मां के हंगामा करते हुए लखन पर अपने बेटे राहुल को फंसा देने का आरोप लगाया था। राहुल केस में फंस जाने के लिए लखन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसी बात को लेकर दोनों दोस्तों के बीच मारपीट हुई।
फ्लैश बैक
धनबाद के जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह की मॉनिग वॉक पर निकले थे। इसी दौरान रणधीर वर्मा चौक के समीप एक ऑटो ने धक्का मार दिया था। इस हादमें में जज की मौत हो गई। लखन वर्मा ऑटो चला रहा था। राहुल उसके बगल में बैठा था। घटना को लेकर मर्डर की FIR दर्ज की गई थी। पुलिस जज को टक्कर मारनेवाले आटो को जब्त कर ड्राइवर लखन और उसके सहयोगी राहुल को भी अरेसट कर ली थी। रिमांड पर लेकर पूछतछ की गयी। झारखंड पुलिस के एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में पुलिस जांच कर रही थी। अब सीबीआइ इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआई दोनों आरोपियों का नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग समेत अन्य जांच के लिए अहमदाबाद लेकर गई है। जांच में काफी समय लग रहा है। लैब में जांच के बाद सीबीआइ दोनों को साबरमती जेल में रख देती है। जरूरत अनुसार दोनों को जेल से लैब लाया जाता है।