Dhanbad: BCCLअफसर की मौत के बाद सदमे में मां-बेटी, बिना बिजली वाले कमरे में गुजारे छह माह
कोयला राजधानी धनबाद के सरायढेला पुलिस स्टेशन एरिया के श्री शिव शक्ति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 104 और 102 में मां-बेटी पिछले छह महीने से कमरे में बंद रही। बीसीसीएल के रिटायर अफसर स्वर्गीय चंद्र प्रकाश अग्रवाल की वाइफ लतिका अग्रवाल और उनकी बेटी स्वाति अग्रवाल बिना बिजली वाले कमरे में छह माह गुजार दिये।
- सदमे में बेटी और मां बनीं मानसिक रोगी
- डालसा के न्यायाधीश के तीन घंटे की कड़ी काउंसलिंग के बाद सुधरी दोनों की स्थिति
- श्री शिव शक्ति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 104 और 102 में रहती हैं मां-बेटी
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के सरायढेला पुलिस स्टेशन एरिया के श्री शिव शक्ति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 104 और 102 में मां-बेटी पिछले छह महीने से कमरे में बंद रही। बीसीसीएल के रिटायर अफसर स्वर्गीय चंद्र प्रकाश अग्रवाल की वाइफ लतिका अग्रवाल और उनकी बेटी स्वाति अग्रवाल बिना बिजली वाले कमरे में छह माह गुजार दिये।
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बैंक मोड़ मटकुरिया में रहने वाली बड़ी बेटी स्वाति अग्रवाल के आवेदन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार और स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया।प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा के निर्देश पर मंगलवार को अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने स्पेशल टीम का गठन किया। टीम में डॉक्टर राजीव कुमार, मनोरोग चिकित्सक डॉ मिनाक्षी, काउंसलर अभिषिक्ता मुखर्जी, एलएडीसीएस डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, डालसा सहायक राजेश सिंह, अरूण कुमार थाना प्रभारी सरायढेला थाना प्रभारी नूतन मोदी व पुलिस बल अपार्टमेंट पहुंचे।
मां बेटी को तीन घंटे तक काउंसलिंग करते रहे न्यायाधीश और चिकित्सक
श्री शिव शक्ति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 104 और 102 में मां बेटी को मानने और काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई। दोनों मां बेटी अपार्टमेंट के चौथे तले पर रूम नंबर 401 और 402 में रहते हैं। कमरे के अंदर जाने पर पता चला कि यहां 6 महीने से बिजली कटी हुई है। मां और बेटी इसी अंधेरे में ही रहती है। किसी के पास जाना या मिलना जुलना बिल्कुल बंद है। पहले तो मां बेटी ने किसी भी प्रकार से टीम के साथ बात करने से मना कर दिया। इसके बाद काफी माल मशक्कत करने के बाद लगभग तीन घंटे तक काउंसलिंग की प्रक्रिया चली। इसके बाद मां बेटी बात मानने को राजी हुए।
12 अक्टूबर 2023 को चंद्र प्रकाश अग्रवाल की मौत के बाद दोनों को हुआ सदमा
लतिका अग्रवाल के हसबैंड चंद्र प्रकाश अग्रवाल बीसीसीएल में अफसर थे। रिटायरमेंट के बाद 12 अक्टूबर 2023 को चंद्रप्रकाश अग्रवाल का निधन हो गया। उस समय मां बेटी ने बॉडी के साथ लगभग नौ घंटे तक अपने कमरे में ही रह गये। पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बॉडीको कमरे से बाहर निकल गया था और अंत्येष्टि के लिए भेजा गया था।बताया जाता है तब से मां बेटी सदमे में ही रह गये। धीरे-धीरे वह अंधेरे के आदी होने लगे। बड़ी बेटी स्वास्थि अग्रवाल मटकुरिया के बैंक मोड में रहती है। लंबे समय हो जाने के बाद बड़ी बेटी ने इसकी शिकायत जिला विधिक सेवा प्राधिकार और विभाग के अधिकारियों से किया। आवेदन आने के बाद प्राधिकार ने इसे गंभीरता से लिया।
दोनों बिजली में रहने के लिए हुईं राजी
स्वाति अग्रवाल ने टीम के सामने बताया कि उसके पिता जिंदा है। उनके पिता की मृत्यु नहीं हुई है। पिता हमेशा हमारे साथ ही रहते हैं। उनके पिता को लाइट और बिजली पसंद नहीं है। इसलिए बिजली और लाइट का प्रयोग नहीं करते हैं। किसी प्रकार से मां बाहर से खान की चीज लाती है। बाद में काउंसलिंग के बाद मां बेटी राजी हुई कि उनसे उनकी मानसिक की स्थिति ठीक नहीं। मनोचिकित्सक और काउंसलर ने भी काफी काउंसलिंग की। तीन घंटे के बाद दोनों बिजली में रहने के लिए राजी हो गये।
धनबाद के अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन व डॉक्टर राजीव ने बताया कि काउंसेलिंग के दौरान बेटी ने कहा कि उसके पिता जिंदा है। उनके पिता की मृत्यु नहीं हुई है। पिता हमेशा हमारे साथ ही रहते हैं। उनके साथ षडयंत्र किया गया है। इसलिए बिजली और लाइट का प्रयोग नहीं करते हैं। मां किसी प्रकार से मां बाहर से खाने की चीज लाती है। काउंसलिंग के बाद मां-बेटी इलाज के लिए राजी हुईं। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। अपार्टमेंट के लोगों का कहना था कि मां-बेटी सभी लोगों से पूरी तरह कट कर रहे थे।