Dhanbad : प्लेसमेंट एजेंसी ने किया था 802 बोतल शराब घोटाला, चूहों पर लगा शराब पीने का इल्जाम
कोयला राजधानी धनबाद के बलियापुर व प्रधानखंटा की शराब दुकानों में 802 बोतल शराब घोटला किया गया। चूहों पर शराब पीने का आरोप लगाया गया था। पर जब विभाग ने इसकी जांच कराई तो जांच में चूहे द्वारा शराब पीये जाने की बात गलत निकली है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने भी इसकी पुष्टि की है।

- जांच में शराब घोटाले का खुलासा
- मैनपावर कंपनी के खिलाफ होगी कार्रवाई
रांची। कोयला राजधानी धनबाद के बलियापुर व प्रधानखंटा की शराब दुकानों में 802 बोतल शराब घोटला किया गया। चूहों पर शराब पीने का आरोप लगाया गया था। पर जब विभाग ने इसकी जांच कराई तो जांच में चूहे द्वारा शराब पीये जाने की बात गलत निकली है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने भी इसकी पुष्टि की है।
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उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री कहा कि वहां शराब की खुदरा दुकानों में मैनपावर सप्लाई का कंट्रेक्ट प्लेसमेंट एजेंसी आरके एंड कंपनी मैनपावर प्राइवेट लिमिटेड के पास था। अपनी गलती छुपाने के लिए इस प्लेसमेंट एजेंसी ने दोष चूहों पर मढ़ा था। इसका खुलासा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की टीम ने अपनी जांच में पाया है और इससे संबंधित रिपोर्ट विभागीय मंत्री सहित सीनीयर अफसरों को सौंपी है। अब आरोपित मैनपावर आपूर्ति कंपनी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी। स्टाक में मिले अंतर की वसूली भी संबंधित एजेंसी से की जायेगी।
झारखंड में मई 2022 में लागू उत्पाद नीति के दौरान राज्य में शराब की थोक व खुदरा बिक्री झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के हाथों हो रही थी। खुदरा दुकानों के संचालन के लिए मैनपावर आपूर्ति का ठेका मैनपावर सप्लाई एजेंसियों को दिया गया था। मैनपावर सप्लाई एजेंसी को कंट्रेक्ट 31 जून 2025 तक था। इन्हीं एजेंसियों में धनबाद में मेसर्स आरके एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के पास मैनपावर सप्लाई का कंट्रेक्ट था, जिसने यह खेल किया है।
हैंडओवर-टेकओवर के दौरान सामने आया मामला
एक जुलाई 2025 से जब जेएसबीसीएल ने प्लेसमेंट एजेंसियों से शराब दुकानों को टेकओवर करना शुरू किया। इस दौरान यह खुलासा हुआ था। उत्पाद अधिकारी, दंडाधिकारी, वीडियोग्राफी की मौजूदगी में हैंडओवर-टेकओवर, स्टॉक मिलान की कार्रवाई हो रही थी। इसी बीच धनबाद जिले के बलियापुर व प्रधानखंडा की दुकानों में 802 बोतल शराब स्टाक में कम मिले थे। उन बोतलों के ढक्कनों में छेद थे। शराब गायब थी। दुकान टेकओवर के दौरान जब दुकानदारों से इसकी वजह पूछी गई तो दुकानदारों ने तर्क दिया कि इन बोतलों की शराब चूहे पी गये।
दुकानदारों ने चूहों पर आरोप लगाया कि चूहों ने पहले शराब की बोतलों के ढक्कन कुतरे, अपनी पूंछ को उस ढक्कन के भीतर डालकर भिंगोया और बाहर निकालकर उसे चाट लिया। इस तरह चूहों ने सभी संबंधित बोतलों की शराब चट कर दी। दुकानदारों के इस तर्क को मौजूद टीम ने संदेहास्पद माना। इसकी जांच हुई और दुकानों में मैनपावर सप्लाई करने वाली एजेंसी को इसके लिए दोषी माना। जांच में सामने आया है कि मैनपावर आपूर्ति एजेंसी आरके एंड कंपनी ने अपनी गलती छुपाने के लिए चूहों पर दोष मढ़ा था। विभाग अब एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। स्टॉक में हुए नुकसान की वसूली भी इसी कंपनी से की जायेगी।