BJP को डिस्टर्ब मत करो, चुनाव बाद तुमको असम ले जाऊंगा:CM हिमंता का अल्टीमेटम
असम में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा नौकरी से इस्तीफा देकर बक्सर लोकसभा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
पटना। असम में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा नौकरी से इस्तीफा देकर बक्सर लोकसभा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिहार के भोजपुर के निवासी असम कैडर के आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा के बारेमें पूर्व में चर्चा थी कि वह बीजेपी के टिकट पर लड़ेंगे लेकिन पार्टी ने अपने एमए लएको मैदान में उतार दिया है।
यह भी पढ़ें:-Dhanbad: कोल बिजनसमैन हरीशसिंह ने एलबी सिंह और कुंभनाथ पर रंगदारी मांगने का लगाया आरोप
आनंद मिश्रा ने जनवरी में यह कहते हुए पुलिस की नौकरी छोड़ थी कि अब आजादी से जिंदगी जीना चाहते हैं। सामाजिक कार्यों में समय बिताना चाहते हैं। उन्होंने खरमास खत्म होते ही 16 जनवरी 2024 के प्रभाव से अपना त्यागपत्र स्वीकार करनेकेलिए असम सरकार से अनुरोध किया था। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। बताया जा रहाथा कि आनंद मिश्रा बक्सर से चुनाव लड़ने कि आरएसएस के संपर्क में थे। 2011 बैच के आईपीएस आनंद मिश्रा असम के लखीमपुर जिले मेंएसपी के रूप तैनात थे। असम के मुख्य सचिव को उन्होंने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।उन्हें मणिपुर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल में नियुक्त किया गया था। बीजेपीके कई बड़े नेताओं सेउनके बहुत बेहतर संबंध हैं। मूल रूप सेआरा जिले के रहनेवाले हैं।
असम-मेघालय कैडर के तेज-तर्रार अफसरों में आनंद मिश्रा का नाम शामिल है। अपने करियरमें आनंद मिश्रा ने 150 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी अच्छीखासी फैन फॉलोइंग है। पहले बीजेपी से टिकट मिलने की अटकले थीं। लेकिन बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर इंडिपेंटेंट कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।वह एक ब्राह्मण परिवार से हैं। अपने मिशन को लेकर क्षेत्रमें एक्टिव रहे। समाजसेवा करते हुए वह छात्रों को मुफ्त कोचिंग दे रहे थे। जब उन्हेंअसम धुबरी में तैनात किया गया था, तब उनकी फिटनेस व्यवस्था और गिटार बजाने के कौशलसोशल मीडिया पर चर्चा में रहा। सोशल मीडिया पर उनकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग थी।आइपीएस आनंद मिश्र मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले केशाहपुर प्रखंड अंतर्गत पड़सौरा गांव के निवासी हैं। उनके पिता पश्चिम बंगाल के कोलकातामें रहता है। उनकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई हुई है।
आनंद मिश्रा की गिनती असम के बेहदतेज तर्रार पुलिस अफसर में होती है। असम के नगांव जिले में तैनाती के दौरान उन्होंनेड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और खूब चर्चा में रहे। आईपीएस आनंद मिश्रा तेजविद्यार्थी रहे। उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस की एग्जाम मात्र 22 के उम्र में क्रैककर ली। उनका जन्म साल 1989 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। उनके पिता कोलकातामें हिंदुस्तान मोटर्स में इंजीनियर थे। स्कूलिंग के बाद कोलकाता के जेवियर्स कॉलेजसे आनंद ने ग्रेजुएशन किया और सिविल सर्विस की तैयारी में लग गये।बक्सर से आईपीएस मिश्रा के चुनाव लड़ने के पीछे कहा जारहा है कि यह लोकसभा सीट को ब्राह्मण बहुल है। इस सीट से बीते सात छह चुनाव भारतीयजनता पार्टी के ब्राह्मण प्रत्याशियों ने जीत दर्ज किया हैं। वर्तमान सांसद अश्विनीचौबे से पहले इसी पार्टी के लालमुनी चौबे बक्सर से लगातार चार बार प्रतिनिधित्व करचुके हैं। कहा जा रहा था कि बक्सर लोकसभा सीट सेचुनाव लड़ने के लिए ही आनंद मिश्र ने अपना इस्तीफा दिया है।
बक्सर में BJP को डिस्टर्ब मत करो, चुनाव बाद तुमको असम ले जाऊंगा: CM हिमंता का अल्टीमेटम
असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बक्सर में चुनावी जनसभाको संबोधित करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी और एक्स आईपीएस आनंद मिश्रा को अल्टीमेटम देदिया। हिमंता कहा कि यहां पर बीजेपी को डिस्टर्ब मत करो। चुनाव बाद तुमको दोबारा असमले जाऊंगा।हिमंता बिस्वा ने कहा कि बीजेपी को वोट देना है, और बाकीजो आनंद मिश्र यहांआकर घूम रहा है ना, चुनाव के बाद दोबारा असम ले जाऊंगा। जो करनाहै, उधर ही करो बिहार आकर डिस्टर्ब मत करो। असम में तुम्हारा अभी भी घर है, मैंअसममें तुमको ले जाऊंगा। वहीं रहो, सुखी रहो, यहां बीजेपी को डिस्टर्ब करनेके लिए बक्सरमें घूमा-घूमी मत करो।