उत्तर प्रदेश की 13 और बिहार की सात विधान परिषद सीटों के लिए 20 जून को होगा चुनाव
उत्तर प्रदेश की 13 और बिहार की सात विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार की विधान परिषद की सीटों के चुनाव की घोषणा कर दी है। आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश की सभी 13 सीटें 6 जुलाई 2022 जबकि बिहार की सभी सात सीटें 21 जुलाई 2022 को खाली होने वाली हैं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की 13 और बिहार की सात विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार की विधान परिषद की सीटों के चुनाव की घोषणा कर दी है। आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश की सभी 13 सीटें 6 जुलाई 2022 जबकि बिहार की सभी सात सीटें 21 जुलाई 2022 को खाली होने वाली हैं।
उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों की तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर 23 जून को होंगे उपचुनाव
आयोग द्वारा जारी बयान के मुताबिक दो जून को विधान परिषद की सीटों के चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जायेगी। इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। नौ जून तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी। 13 जून तक नामांकन पत्रों की वापसी की जा सकेगी। इसके बाद 20 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। मतदान के बाद पांच बजे सभी वोटों की गिनती की जायेगी और चुनाव परिणाम जारी कर दिये जायेंगे।आयोग के अनुसार चुनाव के दौरान कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा। आयोग ने तीनों स्टेट के चीफ सेकरेटरी को निर्देश दिया है कि कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल के पालन को सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकारी को नामित करें।
उत्तर प्रदेश में जिनकी सीटें खाली होंगी
अतर सिंह राव, डॉ. कमलेश कुमार पाठक, जगजीवन प्रसाद, दिनेश चंद्र, दीपक सिंह, बलराम यादव, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र, योगी आदित्यनाथ, रणविजय सिंह, राम सुंदर, शत्रुद्र प्रकाश ओर सुरेश कुमार कश्यप।
बिहार में इनकी सीटें खाली होंगी
बिहार विधान परिषद की सात सीटों में अर्जुन सहनी, मो. कमर आलम, गुलाम रसूल, रोजिना नाजीह, रणविजय कुमार सिंह, मुकेश सहनी एवं सीपी सिन्हा उर्फ चंदेश्वर प्रसाद सिन्हा की सीटें 21 जुलाई 2022 को रिक्त हो रही हैं।
बिहार में सात सदस्यों का कार्यकाल हो रहा है समाप्त
75 सदस्यीय बिहार विधान परिषद में वर्तमान में विधायकों द्वारा निर्वाचित किए जाने वाले सदस्यों की संख्या 27 है। इसी 27 में सात सीटें रिक्त हो रही हैं। विधान परिषद की सीटों की बात करें तो इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक के छह-छह यानी 12, स्थानीय निकायों से 24 के साथ राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 सदस्य होते हैं। मनोनयन वाले सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता रखने वाले होते हैं।
31 एमएलए पर होगा एक एमएलसी का चुनाव
विधानसभा कोटे की सीट होने की वजह से इसमें वोटर एमएलए होते हैं। एमएलए की संख्या के हिसाब से दलों को सीटें मिलती हैं। अमूमन दल आपसी समझौते के तहत संख्या बल के हिसाब से सीटों का बंटवारा कर लेते हैं। वोटिंग की स्थिति नहीं बनती है। बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या 243 है। संविधान में तय प्रावधान के तहत एक विधान पार्षद को चुनने के लिए 31 विधायकों के मत की जरूरत पड़ती है। सदस्यों की वर्तमान संख्या के हिसाब से भाजपा को सहयोगी दलों की मदद से तीन, राजद को दो, जदयू को एक और वामदल को एक सीट मिलने की उम्मीद है।