FMGE एग्जाम बिना विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स का प्रैक्टिस : CBI ने देश भर के 91 ठिकाने पर किया रेड

FMGE एग्जाम बिना विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स का इंडिया में प्रैक्टिस किये जाने के मामले में  सीबीआइ ने बोकारो समेत देशभर के 91 ठिकाने पर गुरुवार को रेड की। सीबीआइ 14 स्टेट के मेडिकल काउंसिल और 73 विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के खिलाफ जांच कर रही है।

FMGE एग्जाम बिना विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स का प्रैक्टिस : CBI ने देश भर के 91 ठिकाने पर किया रेड
  • बिना अनिवार्य परीक्षा पास किये प्रैक्टिस करने का आरोपी डॉ मुकेश चीरा चास से अरेस्ट

रांची। FMGE एग्जाम बिना विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स का इंडिया में प्रैक्टिस किये जाने के मामले में  सीबीआइ ने बोकारो समेत देशभर के 91 ठिकाने पर गुरुवार को रेड की। सीबीआइ 14 स्टेट के मेडिकल काउंसिल और 73 विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के खिलाफ जांच कर रही है।

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आरोप है कि इन फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जाम (एफएमजीई) की एग्जाम पास किए बगैर ही पेसेंट का इलाज करने की अनुमति दे दी गई थी। इसी मामले को लेकर सीबीआई ने बोकारो, दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, गुरदासपुर, भटिंडा, खन्ना, करनाल, सवाईमाधोपुर, नरवाना, हमीरपुर, शिमला, जम्मू, श्रीनगर, देहरादून, गाजियाबाद, गुवाहाटी, तेजपुर, इंफाल, सिक्किम, राजपुर, पटना, मुंगेर, मुंबई, जयपुर, सीकर, विजयवाड़ा, वारंगल, तिरुनेलवेली, मदुरै, भोपाल, नागपुर, बुलढाणा, पुणे, जलगांव, दरभंगा, भागलपुर, चंपारण, बेगूसराय, विजाग, हाजीपुर, वैशाली, नालंदा समेत 91 ठिकाने पर रेड की है। रेड के दौरान सीबीआई ने एफएमजी एग्जाम के फर्जी पास प्रमाणपत्र सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये हैं।
मुकेश ने 2015 में रूस से किया था एमबीबीएस, हो गये थे फेल
दिल्ली सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम ने बोकारो के चीरा चास स्थित आशियाना फेज चार के गणपति टावर में रहनेवाले डॉ मुकेश कुमार पिता विनोद कुमार के आवास पर रेड मारा।  सीबीआइ ने मुकेश को अरेस्ट कर लिया। सीबीआइ ने डॉ कुमार के आवास में मेडिकल की पढ़ाई से संबंधित कागजातों की छानबीन में कई दस्तावेज ज्बत की है। सीबीआइ टीम डॉ मुकेश कुमार की वाइफ को लेकर चीरा चास की कुछ अन्य जगहों पर भी दबिश दी है।

एफएमजीइ की एग्जाम में फेल हो गये थे मुकेश 
जोधाडीह मोड़ स्थित शिव शक्ति कॉलोनी चास के मूल निवासी मुकेश कुमार ने सोवियत रूस से 2015 में मेडिकल की पढ़ाई की थी। वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा ली जाने वाली एफएमजीइ की एग्जाम में असफल हो गये थे। उन्होंने मेडिकल प्रैक्टिस के लिए बिहार मेडिकल काउंसिल से 27 अक्टूबर 2015 को रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसे नेशनल एग्जाम बोर्ड (एनबीई) ने पकड़ा और फिर दर्ज एफआइआर में आरोपित बनाया है। बोकारो में चास शिवशक्ति कालोनी निवासी विनोद कुमार के बेटे मुकेश कुमार के ठिकाने पर पहुंची सीबीआइ की टीम ने छानबीन में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये हैं। डॉक्टर बनने के बाद मुकेश पैतृक आवास छोड़ चीरा चास मेंआशियाना गार्डन के गणपति टावर के फ्लैट नंबर पी- 52 में रहने लगे। मुकेश अपनी वाइफ एवं बच्चे भी रहते थे। हाल में ही उनके पिता का निधन हुआ है। डॉ मुकेश कुमार चास ब्लॉक के मामरकुदर में प्राइेट क्लिनिक चलाते थे। वह मेडिकल के अलावा प्राइवेट बिजनस से भी जुड़े हैं। उन्होंने साल 2015 में बिहार मेडिकल काउंसिल में फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन (नंबर-43702/27-10-2015) करा लिया। 
हेल्थ मिनिस्टरी की कंरपलेन पर CBI ने 21 दिसंबर को दर्ज की थी FIR
सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी की कंपलेन पर सीबीआइ की दिल्ली स्थित एंटी क्राइम-1 पुलिस स्टेशन में 21 दिसंबर को FIR दर्ज हुई थी। सीबीआई ने राज्य चिकित्सा परिषद, पूर्ववर्ती मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के अननोन अफसरों और 73 विदेशी चिकित्सा ग्रेजुएट के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी और ठगी के आरोप में FIR दर्ज किया था। हेल्थ मिनिस्टरी ने सीबीआइ को पत्र लिखकर यह जानकारी दी थी कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करने वाले ये कथित डॉक्टर आम जनता के हित में नहीं हैं, इनके विरुद्ध कार्रवाई करें। आरोप है कि 14 राज्यों की मेडिकल काउंसिल ने विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करके वापस लौटे 73 डॉक्टर्स को ये एग्जाम पास किए बिना ही इंडिया में प्रैक्टिस करने की अनुमति दे दी थी। नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन ने हेल्थ मिनिस्टरी को बताया है कि रूस, यूक्रेन, चीन और नाइजीरिया से आये 73 विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स ने वर्ष 2011-22 के बीच स्क्रीनिंग एग्जाम नहीं दी है। बावजूद इसके उन्हें विभिन्न राज्यों की मेडिकल काउंसिलों से रजिस्ट्रेशन मिल गया है। सीबीआइ ने बताया कि कि हेल्थ मिनिस्टरी की ओर से सीबीआइ को की गयी कंपलेन में कहा गया है कि ऐसे अयोग्य चिकित्सकों के फर्जी पंजीकरण से देश के नागरिकों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
मिनिस्टरी ने बताया था कि विदेश से मेडिकल स्नातक को भारत में स्क्रीनिंग जांच पास करने के बाद ही नेशनल मेडिकल कमीशन या स्टेट मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन संभव है। यह स्क्रीनिंग जांच एग्जाम एनबीई के माध्यम से होता है, जो प्रमाण पत्रों की जांच से लेकर एग्जाम तक लेती है। एनबीई ने ही गत 12 सितंबर व 17 अक्टूबर को हेल्थ मिनिस्टरी से अनुशंसा की थी कि 73 ऐसे विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट हैं, जो भारत में स्क्रीनिंग टेस्ट पास नहीं किए। उनका विभिन्न राज्यों में प्रैक्टिस के लिए पंजीयन भी हो गया। इसके बाद ही हेल्थ मिनिस्टरी ने इस रैकेट का खुलासा करने के लिए सीबीआइ से पत्राचार किया, जिसके बाद सीबीआइ ने नियमित केस दर्ज कर जांच शुरू की है। इसी सिलसिले में सभी 91 ठिकानों पर रेड की है।