पांच लाख का इनामी रवींद्र मेहता अरेस्ट,झारखंड-छत्तीसगढ़ पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ पर की नक्सलियों की घेराबंदी
झारखंड पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ पर एक्टिव पांच लाख का इनामी माओवादियों का सब जोनल कमांडर रवींद्र मेहता उर्फ छोटा अरेस्ट किया है।झारखंड पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। वह पलामू के विश्रामपुर पुलिस स्टेशन के कौडिया टोला भुखला का रहने वाला है।
रांची। झारखंड पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ पर एक्टिव पांच लाख का इनामी माओवादियों का सब जोनल कमांडर रवींद्र मेहता उर्फ छोटा अरेस्ट किया है।पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। वह पलामू के विश्रामपुर पुलिस स्टेशन के कौडिया टोला भुखला का रहने वाला है।
झारखंड पुलिस की टीम ने रवींद्र को अरेस्ट कर गढ़वा में रखा है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। रवींद्र मेहता उर्फ छोटा व्यास को लातेहार, पलामू व गढ़वा के बोर्डर एरिया छकरबंधा से अरेस्ट किया गया है।
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रवींद्र मेहता छकरबंधा केआसपास के इलाके के साथ-साथ बूढ़ा पहाड़ में एक्टिव था। उसके खिलाफ पलामू के विश्रामपुर, पांडु, हुसैनाबाद, हैदरनगर, छतरपुर, हरिहरगंज, नोडीहा बाजार समेत कई पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज हैं। पुलिस को रवींद्र मेहता की काफी दिनों से तलाश थी। उसपर बिहार के गया और औरंगाबाद में भी एफआइआर दर्ज है। रवींद्र मेहता उर्फ छोटा व्यास पर अपने साथियों के साथ मिलकर पलामू के विश्रामपुर पुलिस स्टेशन के कौडिया में वर्ष 2013-14 में टीएसपीसी 15 उग्रवादियों की मर्डर का भी आरोप है। अन्य कई बड़े नक्सल हमले में भी उसकी संलिप्तता है।
बूढ़ा पहाड़ एरिया में नक्सलियों की घेराबंदी तेज
गढ़वा, लातेहार व पलामू जिला स्थित छत्तीसगढ़ बोर्डर से सटे बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की घेराबंदी तेज कर दी गयी है। झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवान लगातार नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। बूढ़ा पहाड़ के घनघोर थलिया व तिसिया के जंगल में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की मौजूदगी है। सूचना है कि अभी इस एरिया में 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य कुख्यात नक्सली सौरभ व मरकुस बाबा के अलावा कुख्यात नवीन यादव, मृत्युंजय भुइया, संतू भुइया जैसे नक्सली शरण लिए हुए हैं। इसी सूचना पर शुक्रवार की दोपहर से सुरक्षाबल के जवान पहुंचे थेइस ऑपरेशन में में झारखंड पुलिस को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ का भी साथ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ मिलकर झारखंड पुलिस उक्त एरिया में ऑपरेशन चला रही है।
पुलिस सोर्सेज के अनुसार इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवानों के अलावा झारखंड पुलिस की एसटीएफ का असाल्ट ग्रुप, आइआरबी व जैप के जवान भी शामिल हैं। कोबरा व असाल्ट ग्रुप के जवान बड़े नक्सलियों की टोह में घेराबंदी कर रखा है। बताया जाता कि सुरक्षा बल को भारी पड़ता देख बड़े नक्सली अंदर जंगल में चले गये हैं। , नक्सलियों को घने जंगल का लाभ मिल रहा है।
पुलिस हेडक्वार्टर का तर्क है कि पुलिस का यह नियमित ऑपरेशन है। यह आगे भी जारी रहेगा। एक दिन पहले उम्मीद थी कि पुलिस को बड़ी सफलता मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि, अब भी बूढ़ा पहाड़ पर जमे नक्सलियों की तलाश की जा रही है।
बुलबुल जंगल के बाद बूढ़ा पहाड़
लोहरदगा-लातेहार बोर्डर पर स्थित बुलबुल जंगल में झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ ने मिलकर आपरेशन डबल बुल चलाया था। इस ऑपरेशन में पुलिस को तीन दर्जन के आर्म्स के अलावा के अलावा एक दर्जन नक्सलियों की गिरफ्तारी में सफलता मिली थी। इनमें सब जोनल रैंक के तीन हार्डकोर भी पकड़े थे। उनका सरगना 15 लाख का इनामी रवींद्र गंझू दस्ते के साथ फरार था। अब कहा जा रहा है कि रवींद्र गंझू ने बुलबुल जंगल से बूढ़ा पहाड़ पर पहुंच गया है। वहां उसे कई बड़े नक्सलियों का भी साथ मिल रहा है। झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ की टीम भी बुलबुल से बूढ़ा पहाड़ पहुंच सर्च ऑपरेशन चला रही है।