गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी से की मुलाकात, बताया-किन मद्दों पर हुई बात
जम्मू-कश्मीर के एक्स सीएम व सीनीयर कांग्रेस लीडर नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी प्रसिडेंट सोनिया गांधी से मुलाकात की। गुलाम नबी आजाद ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अच्छी बैठक हुई। इस बैठक में आने वाले चुनावों में कैसी तैयारी की जाए। उसमें हम अपने पार्टी को किस तरह मजबूत करें। विरोधी पार्टियों से कैसे लड़ा जाए उन तमाम मसलों पर चर्चा हुई।
- कांग्रेस में रार सुलझने के असार
नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर के एक्स सीएम व सीनीयर कांग्रेस लीडर नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी प्रसिडेंट सोनिया गांधी से मुलाकात की। गुलाम नबी आजाद ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अच्छी बैठक हुई। इस बैठक में आने वाले चुनावों में कैसी तैयारी की जाए। उसमें हम अपने पार्टी को किस तरह मजबूत करें। विरोधी पार्टियों से कैसे लड़ा जाए उन तमाम मसलों पर चर्चा हुई।
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कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अच्छी बैठक हुई। बैठक में आने वाले चुनाव में कैसी तैयारी की जाए और उसमें हम अपने पार्टी को किस तरह मज़बूत करें और विरोधी पार्टियों से कैसे लड़ा जाए उस पर चर्चा हुई: सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, दिल्ली https://t.co/NC59FjSzXj pic.twitter.com/5zXV1v8845
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2022
आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष के रूप में बने रहना चाहिए। कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पांच राज्यों में हार के कारणों पर सुझाव मांगे गयेथे। हमारे पास कुछ सुझाव थे जो हमने पार्टी अध्यक्ष से साझा किये हैं। सोनिया गांधी के साथ बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों के मसले पर बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेसी नेता चाहते हैं कि सोनिया ही पार्टी अध्यक्ष बनी रहें। किसी ने यह नहीं कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहाकि हमारी इस बार पर चर्चा हुई कि हमें एकजुट होकर लड़ाई लड़नी है। आजाद की इस बहुप्रतीक्षित मुलाकात पर सबकी नजरें थीं। हालांकि आजाद ने सोनिया गांधी के आवास '10 जनपथ' पहुंचकर उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बैठक में उन्होंने 'जी 23' समूह के पक्ष को उनके समक्ष रखा है। आजाद के बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आजाद के इस बयान से संकेत साफ है कि जी-23 के नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर अपना रुख नरम किया है। उल्लेखनीय है कि सोनिया से मुलाकात से पहले आजाद ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह के आवास पर जाकर उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं।
कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आजाद की मुलाकात से एक दिन पहले, गुरुवार को इस समूह के सदस्य भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के साथ उनकी एक घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के दौरान हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा हुई। राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था।
कांग्रेस के इस 'जी 23' समूह के नेताओं ने बुधवार को रात्रिभोज पर बैठक करके हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा की थी और कहा था कि पार्टी के लिए आगे बढ़ने का यही रास्ता है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था हो।
समान विचारधारा वाले दलों से बातचीत की बात
नेताओं एक बयान में यह भी कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए एक भरोसेमंद विकल्प पेश करने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत की शुरुआत की जाए। राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, शंकर सिंह वाघेला, अखिलेश प्रसाद सिंह, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पीजे कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा, परनीत कौर और एमए खान शामिल हुए थे।