Happy Birthday Shibu Soren:शिबू सोरेन की जीवनी पर लिखी गयी तीन पुस्तकों का सीएम हेमंत सोरेन ने किया लोकार्पण
सीएम हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन के जन्मदिन के अवसर पर आज राजधानी रांची में गुरुजी के संघर्ष पर लिखी गयी तीन किताबों का लोकार्पण किया।
- पिता जीवन संघर्ष पर लिखी गई 3 पुस्तकों का आज उनके बेटे सीएम हेमंत किया लोकार्पण
रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन के जन्मदिन के अवसर पर आज राजधानी रांची में गुरुजी के संघर्ष पर लिखी गयी तीन किताबों का लोकार्पण किया। मौके पर एक्स सीएम शिबू सोरेन, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री बादल, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक मथुरा महतो, एमएलए बसंत सोरेन, मंगल कालिंदी, इरफान अंसारी, पुस्तक के लेखक प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा अनुज कुमार सिन्हा, डॉ. पीयूष कुमार व अन्य उपस्थित थे।
राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में कार्यक्रम आयोजित कर प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित तीन पुस्तक ‘दिशोम गुरु : शिबू सोरेन (हिंदी),ट्राइबल हीरो : शिबू सोरेन (अंग्रेजी)’ और ‘सुनो बच्चों, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू सोरेन (गुरुजी) की गाथा’ का लोकार्पण किया गया। अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित इन तीनों पुस्तकों का प्रकाशन नई दिल्ली की संस्था प्रभात प्रकाशन ने किया है।दिशोम गुरु : शिबू सोरेन (हिंदी)’ में जहां शिबू सोरेन के जीवन के संघर्ष की गाथा है। वहीं, 'ट्राइबल हीरो : शिबू सोरेन' नामक पुस्तक हिंदी का अंगरेजी में अनुवाद है। तीसरी पुस्तक ‘सुनो बच्चों, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू सोरेन (गुरुजी) की गाथा’ में श्री शिबू सोरेन के संघर्ष का चित्रावली के माध्यम से बच्चो को बताने का प्रयास किया गया है।
दिशोम गुरु : शिबू सोरेन नामक इस पुस्तक में मूलत: शिबू सोरेन के जीवन के संघर्ष को बताया गया है। वहीं, इस पुस्तक में इस बात की विस्तार से चर्चा की गयी है कि किन हालातों में शिबू सोरेन को स्कूल छोड़ कर महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन में उतरना पड़ा। कैसे उन्होंने आदिवासियों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया. कैसे धान काटो आंदोलन चलाया। उनका लंबा समय पारसनाथ की पहाड़ियों और जंगलों में बीता। कैसे गुरुजी ने आदिवासी समाज काे एकजुट कर सामाजिक बुराइयों कोदूर करने का अभियान चलाया।
पुस्तक में इस बात का उल्लेख है कि कैसे उन्होंने विनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिल कर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया। पुस्तक में उनके राजनीतिक जीवन का भी विस्तार से वर्णन है। श्री सोरेन के जीवन की रोचक और दुर्लभ फोटो भी उपलब्ध है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में क्षमता की नहीं है। कमी चेतना की है। यह राज्य लंबे संघर्ष की उपज है। कहा कि झारखंड में निवास करने वाले लोगों ने संघर्ष किया है। संघर्ष के प्रारंभिक दिनों में शिक्षा का अभाव था। यही वजह रही कि कई लोगों की गाथा सहेज कर नहीं रखी गई। लेकिन समाज में कई ऐसे लोग भी रहे, जिन्होंने इस संघर्ष को करीब से देखा, समझा और उसे संजोकर रखने का प्रयास किया। कुछ लोग अपने संघर्ष की ऐसी छाप लोगों के दिलों में छोड़ते हैं कि उन्हें कागजों में उतारना गौरव की बात होती है।
शिबू सोरेन ने कहा कि अलग राज्य के लिए हमने आंदोलन किया। आज हम अलग झारखंड राज्य में हैं। कहा कि पुस्तक में महाजनी आंदोलन के संबंध में लिखा गया है। इस प्रथा का अंत भी हुआ। झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन किया। आज हम सब अलग झारखंड राज्य में हैं। लेकिन अभी तक आदिवासी किसान, मजदूर कमोबेश लाभान्वित नहीं हो सके हैं।