पंजाब कांग्रेस की स्थिति पर नजर रखने के लिए हाईकमान ने बनायी तीन सदस्यीय कमेटी, स्टेट संगठन में बड़ा फेरबदल संभव
पंजाब कांग्रेस में चल रही गुटबाजी व अंतर्कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व जय प्रकाश अग्रवाल भी शामिल हैं।
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में चल रही गुटबाजी व अंतर्कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व जय प्रकाश अग्रवाल भी शामिल हैं।
तीन सदस्यीय कमेटी सोमवार से मंत्रियों व विधायकों से वन-टू-वन मुलाकात करेगी। इसके लिए सोमवार को 25 एमएलए को दिल्ली तलब किया गया है। इनमें आठ मिनिस्टर भी शामिल हैं। शेष मिनिस्टर व एमएलए से कमेटी मंगलवार को मिलेगी।एआइसीसी ऑफिस में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू समेत पंजाब से आधा दर्जन से ज्यादा एमएलए रविवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गये हैं। हालांकि सिद्धू को पहले दिन मिलने वाले एमएलए की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।
सिद्धू मंगलवार को कमेटी के सामने पेश होंगे। नवजोत सिंह सिद्धू कल की बैठक से पहले हरीश रावत से भी मुलाकात कर सकते हैं।मंगलवार को आठ मिनिस्टर और बाकी के एमएलए कमेटी के सामने पेश होंगे।मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश अग्रवाल और हरीश रावत वाली इस कमेटी ने कांग्रेस नेताओं द्वारा ली जाने वाली फीडबैक बैठक को तीन हिस्सों में बांटा है। एक हिस्से में मंत्री व विधायक हैं, जबकि दूसरे हिस्से में पार्टी के सांसद, राज्यसभा सदस्य व प्रदेश प्रधान हैं। थर्ड फेज में कमेटी सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी बातचीत कर सकती है। हालांकि यह अभी तय नहीं है कि कमेटी सीएम के साथ कब बैठक करेगी।
उल्लेखनीय पंजाब में कांग्रेस के 80 एमएलए हैं। पार्टी ने मिनिस्टर व एमएलए को बुलाने में भी संतुलन बनाने की कोशिश की है। कमेटी ने एक जोन के विधायकों को एक बार में नहीं बल्कि माझा, दोआबा और मालवा के एमएलए को एक साथ बुलाया है, ताकि हरेक जोन का सही फीडबैक कमेटी तक पहुंचे।
कमेटी से सोमवार को यह मिनिस्टर व एमएलए मिलेंगे
कैबिनेट मिनिस्टर्स में ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत बादल, ओपी सोनी, साधु सिंह धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा, अरुणा चौधरी, सुखजिंदर रंधावा, बलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं, जबकि स्पीकर राणा केपी सिंह के अलावा, विधायकों में राणा गुरजीत सिंह, रणदीप सिंह नाभा, संगत सिंह गिलजियां, गुरकीरत कोटली, कुलजीत नागरा, पवन आदिया, राजकुमार वेरका, इंदरबीर बुलारिया, सुखविंदर सिंह डैनी, सुरजीत धीमान, अजायब सिंह भट्टी, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, अंगद सिंह, सुखपाल भुल्लर आदि शामिल हैं।
क्या है मामला
कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी और उसकी रिपोर्ट को पिछले माह हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। एसआईटी को खारिज किये जाने के बाद कांग्रेस में खासी खींचतान शुरू हो गई थी। कांग्रेस के एक धड़े ने यह आरोप लगाया कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में सही ढंग से केस को पेश नहीं किया, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू ने लगातार इसे लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोल रहे हैं। पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कैबिनेट मिनिस्टर सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा, एमपी रवनीत बिट्टू एक साथ आ गये हैं। एमएलए परगट सिंह, सुरजीत सिंह धीमान ने भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। हाई कोर्ट द्वारा एसआइटी को खारिज करने के बाद से ही कांग्रेस में विवाद बढ़ गयी है। इस अंतरकलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।जी हैं।