Himachal Pradesh : पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामले में IG समेत 8 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद

हिमाचल प्रदेश में पुलिस कस्टडी में सूरज नामक युवक की मौत मामले में कोर्ट ने आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनायी है। सूरज की वाइफ ममता ने कहा कि उसके हसबैंड के मर्डर के आरोपियों को मिली उम्र कैद की सजा से में संतुष्ट है।

Himachal Pradesh : पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामले में  IG समेत 8 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद
आईजी जहूर जैदी (फाइल फोटो)।

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कोटखाई में 2017 को 16 वर्षीय स्कूली छात्रा के बलात्कार और हत्या के आरोपी सूरज नामक युवक की पुलिस कस्टडी में हुई मौत होने के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट ने आईजी जहूर हैदर जैदी और सात अन्य पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। दोषी पुलिस अफसरों में तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, एसआइ राजिंदर सिंह, एएसआइ दीप चंद शर्मा, हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह और रफी मोहम्मद के साथ कांस्टेबल रंजीत सटेटा शामिल हैं। 
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इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने 18 जनवरी को आरोपी सूरज की हिरासत में मौत से संबंधित मामले में आठ पुलिस अफसरों को दोषी ठहराया था। CBI के सरकारी वकील के मुताबिक अधिकारियों को कई धाराओं के तहत दोषी पाया गया है। जिसमें हत्या, अपराधिक साजिश, गलत कारावास और झूठी गवाही देना शामिल है। 
यह है मामला 
चारजुलाई 2017 को 16 वर्षीय लड़की लापता हो गई थी।र दो दिन बाद उसका शव मिला था। पोस्टमार्टम के बाद पुष्टि हुई कि लड़की के साथ बलात्कर कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने जहूर जैदी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया। जांच दल ने सूरज समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन हिरासत में सूरज की मौत हो गई थी। पुलिस ने शुरुआत में लड़की की हत्या के मामले में एक अन्य आरोपी राजिंदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा मामला
हिमाचल हाईकोर्ट ने बाद में दोनों मामलों को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने जांच के बाद जहूर जैदी और अन्य पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2019 में इस मामले को शिमला से चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया। 

आरोपियों को मिली उम्र कैद की सजा से सूरज की वाइफ ममता संतुष्ट

सूरज की वाइफ ममता ने कहा कि उसके हसबैंड के मर्डर के आरोपियों को मिली उम्र कैद की सजा से मैं संतुष्ट है। अब उसे लग रहा है कि भले ही देर से लेकिन न्याय मिला है।ममता ने कहा कि पुलिस ने जो कहानी गढ़ी थी। इसमें राजू को आरोपी बनाया था। उस पर उन्हें शुरू से विश्वास नहीं था। राजू के साथ उनके परिवार पिछले छह साल से रह रहा था। सूरज और राजू एक साथ काम करते थे। एक परिवार की तरह रहते थे। ममता ने कहा कि जब वह सूरज से अंतिम बार जेल में मिली थी, सूरज ने कहा था कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद वह बरी हो जाएगा। वह पूरी तरह से निर्दोष है, तुम अपना और बच्चों का ध्यान रखो। इसी बात को आगे बढ़ते हुए आज तक परिवार को साथ लेकर चल रही हूं।
ममता ने कहा कि पुलिस इस मामले में सूरज को पहले भी अरेस्ट कर चुकी थी। उस समय पुलिस ने कुछ और आरोपियों को पकड़ा और सूरज को छोड़ दिया था।इसके बाद जब जांच तेज हुई तो उसे कई बार सुबह या फिर शाम को गेस्ट हाउस में पूछताछ के लिए बुलाया गया। कुछ ही दिनों बाद एकदम से शाम के समय पुलिस आई और सूरज को उठाकर ले गई। इसके बाद वे एक बार ही सूरज से पांच मिनट के लिए मिल सकी, इस दौरान जो बातें हुईं, वो आखिरी रह गयी।
सूरज ने जो कहा उसे पूरा करने के लिए दिन रात ईमानदारी से मेहनत कर रही हूं। ईमानदारी के साथ अपने बच्चों को पढ़ाई करवाकर एक बेहतर इंसान बना कर सूरज के सपने को पूरा करूंगी।