पश्चिम बंगाल में जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद एक्शन में होम मिनस्टरी, तीन आइपीएस को सेंट्रल डिपुटेशन पर बुलाया
पश्चिम बंगाल के दौरे पर गये बीजेपी प्रसिडेंट जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने पहले बंगाल के चीफ सेकरेटरी और डीजीपी को समन भेजकर तलब किया था। अब सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने नड्डा की सिक्युरिटी के लिए जिम्मेदार बंगाल के तीन आइपीएस अफसरों राजेश मिश्रा, प्रवीण कुमार व भोला नाथ पांडे हैं को सेंट्रल डिपुटेशन पर बुलाया है।
- तीनों आईपीएस बीजेपी प्रसिडेंट की सिक्युरिटी के लिए थे जिम्मेदार
- सेंट्रल गवर्नमेंट व ममता सरकार में खींचतान और बढ़ी
- स्टेट गवर्नमेंट चीफ सेकरेटरी व डीजीपी को भेजे जाने से पहले ही कर चुकी इन्कार
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दौरे पर गये बीजेपी प्रसिडेंट जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट काफई सख्त हो गयी है। इस घटना को लेकर सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने पहले बंगाल के चीफ सेकरेटरी और डीजीपी को समन भेजकर तलब किया था। अब सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने नड्डा की सिक्युरिटी के लिए जिम्मेदार बंगाल के तीन आइपीएस अफसरों राजेश मिश्रा, प्रवीण कुमार व भोला नाथ पांडे हैं को सेंट्रल डिपुटेशन पर बुलाया है।
अफसरों के अनुसार उक्त तीनों आइपीएस अफसर बीजेपी प्रसिडेंट की सिक्युरिटी के लिए जिम्मेदार थे। इधर, सेंट्रल के इस कदम के बाद ममता सरकार के साथ खींचतान और बढ़ गई है। स्टेट गवर्नमेंट पहले ही चीफ सेकरेटरी व डीजीपी को होम मिन्सटरी भेजे जाने से पहले ही इन्कार कर चुकी है। स्टेट गवर्नमेंट ने तीनों आइपीएस अफसरों को भी सेंट्रल डिपुटेशन पर भेजने से इन्कार कर दिया है।इस मामले में ममता गवर्नमेंट ने होम मिनिस्टरी को लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि आइपीएस अफसरों को होम मिनिस्टरी अटैच नहीं कर सकता।
होम मिनिस्टरी के अनुसार तीनों आइपीएस अफसर बंगाल कैडर के हैं और उन्हें सेंट्रल डिपुटेशन में सेवा के लिए बुलाया गया है। सेंट्रल गवर्नमेंट के अनुसार इन अफसरों को उनकी गलती के कारण होम मिनिस्टरी बुलाया गया है, जिनकी वजह से नड्डा के काफिले पर हमला हुआ। उन्होंने बताया कि यह फैसला अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू होने वाली नियमावली के तहत लिया गया है। उल्लेखनीय है कि सामान्य तौर पर अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी को सेंट्रलडिपुटेशन पर बुलाने से पहले संबंधित राज्य की सहमति ली जाती है।
ममता के रुख पर सेंट्रल गवर्नमेंट सख्त
भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियमावली, 1954 के अनुसार सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट के बीच किसी प्रकार की असहमति होने पर 'संबंधित स्टेट गवर्नमेंट को सेंट्रल का निर्णय मानना होगा। इस रूल के अनुसार सेंट्रल होम मिनिस्टरी की ओर से जिन तीन आईपीएस अफसरों को शनिवार को सेंट्रल डिपुटेशन पर सेवा के लिए बुलाया गया है, उनके पास आदेश मानने के अतिरिक्त और कोई चारा नहीं है। पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट उन्हें कार्यमुक्त करने के लिए बाध्य है।
यह है रूल
डिपुटेशन के रूल्स के अनुसार, किसी स्टेट व सेंट्ल गवर्नमेंट की सहमति से, सेंट्रल गवर्नमेंट या किसी अन्य स्टेट गवर्नमेंट की सेवा के लिए या सेंट्रल गवर्नमेंट या किसी अन्य स्टेट गवर्नमेंट के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी या संघ आदि में डिपुटेशन किया जा सकता है। किसी प्रकार की असहमति होने पर मामले पर निर्णय सेंट्रल गवर्नमेंट लेगी। स्टेट गवर्नमेंट को उस निर्णय को लागू करना होगा।
तीन IPS अफसर सेंट्रल डिपुटेशन पर रहेंगे
अइपीएस अफसरों के लिए सेंट्रल होम मिनिस्टरी Controller Authority है। 2011 बैच के आइपीएस अफसर भोलानाथ पांडेय डायमंड हार्बर के एसपी हैं। 2004 बैच के आइपीएस प्रवीण त्रिपाठी, प्रेसीडेंसी रेंज के डीआईजी हैं। 1996 बैच के आईपीएस राजीव मिश्रा साउथ बंगाल के एडीजी हैं। पश्चिम बंगाल कैडर के इन तीन आईपीएस अफसरों को सेंट्रल गवर्नमेंट की सेवा में डिपुटेशन पर बुलाया गया है। पश्चिम बंगाल में गुरुवार को बीजेपी प्रसिडेंट जे पी नड्डा के काफिले पर हुए हमले और इस संबंध में कथित तौर पर सिक्युरटी में हुई चूक के बाद सेंट्रलहोम मिनिस्टरी ने यह निर्णय लिया है।