भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी 3D निगरानी रडान, दुश्मनों पर नजर रखेगी 'तीसरी आंख'
भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी 3D निगरानी रडार ‘लांजा-एन’। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स व इंद्रा कंपनी का संयुक्त निर्माण। ड्रोन, लड़ाकू विमान और मिसाइलों पर नजर रखेगा।

- भारतीय नौसेना की ताकत दोगुनी, मिला घातक 3D निगरानी रडार
- हवा और सतह दोनों लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम
- टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और स्पेन की इंद्रा कंपनी का संयुक्त निर्माण
- लंबी दूरी तक ड्रोन, लड़ाकू विमान और मिसाइलों का पता लगाने की क्षमता
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने स्वदेशी तकनीक में एक और बड़ी छलांग लगायी है। उसे पहला 3D निगरानी रडान ‘लांजा-एन’ मिल गया है। इसे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने स्पेन की इंद्रा कंपनी के सहयोग से तैयार किया है।
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यह अत्याधुनिक रडार हवा और सतह दोनों प्रकार के लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि यह लंबी दूरी से दुश्मन के ड्रोन, लड़ाकू विमान और यहां तक कि मिसाइलों तक का भी सटीक पता लगा सकता है। नौसेना ने इस रडार को अपने युद्धपोत पर तैनात कर दिया है, जिससे समुद्री सुरक्षा कवच और मजबूत हो गया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह रडार भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देगा और समुद्र में उसकी ‘तीसरी आंख’ की तरह काम करेगा।
ऐसे और अधिक राडार भारतीय नौसेना के युद्धपोतों, विध्वंसक और विमान वाहक पोतों पर लगाए जायेंगे। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। लांजा-एन को वायु रक्षा और मिसाइल रोधी अभियानों के लिए दुनिया में सबसे उन्नत माना जाता है।टीएएसएल ने कहा कि 3डी एयर सर्विलांस रडार (3डी-एएसआर) के उत्पादन के साथ वह अगली पीढ़ी के नौसैनिक निगरानी रडार सिस्टम के निर्माण और एकीकरण की क्षमता प्रदर्शित करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गयी है।
समुद्री परीक्षण में खरा उतरा लांजा-एन रडार
लांजा-एन रडार को शामिल करने से पहले व्यापक समुद्री परीक्षण किए गए, जहां इसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया गया। अब इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर मौजूद सभी सिस्टम्स के साथ पूरी तरह से एकीकृत कर दिया गया है। इस सिस्टम को स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत किया गया है। कर्नाटक में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के संयंत्र में रडार असेंबली, एकीकरण और परीक्षण केंद्र पहले ही स्थापित किया है, जिससे डिलीवरी में तेजी आयेगी।
टीएएसएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुकरण सिंह ने कहा है कि इंद्रा के साथ हमारा सहयोग भारत में रडार निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तकनीकी विशेषज्ञता और मजबूत स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठाकर, हम उन्नत रक्षा तकनीकों के लिए मजबूत इकोसिस्टम बना रहे हैं।इंद्रा की नेवल बिजनेस यूनिट की प्रमुख, एना बुएंडिया ने कहा कि टीएएसएल के साथ सहयोग सिर्फ रडार की आपूर्ति तक ही सीमित नहीं है। हमने मिलकर बेंगलुरु में रडार फैक्ट्री स्थापित करने के लिए काम किया है।