जम्मू-कशमीर:आतंकी संगठनों में शामिल युवाओं के परिवारों से मिले जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल
आर्मी के अफसर अब कश्मीर घाटी में ऐसे परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनके बच्चे आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। श्रीनगर स्थित चिनार कोर में जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने साउथ कश्मीर के एक स्टेडियम में जश्न-ए-जानूब नाम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान इन परिवारों को मोटिवेट किया।
कहा- बच्चों को दलदल से निकालें बाहर
श्रीनगर। आर्मी के अफसर अब कश्मीर घाटी में ऐसे परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं, जिनके बच्चे आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। श्रीनगर स्थित चिनार कोर में जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने साउथ कश्मीर के एक स्टेडियम में जश्न-ए-जानूब नाम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान इन परिवारों को मोटिवेट किया।
बच्चों को टारगेट कर रहे हैं वाइट कॉलर आतंकी
घाटी में ऐसा पहली बार है जब कोई सीनियर मोस्ट आर्मी अफसर घाटी में ऐसे परिवारों से व्यक्तिगत तौर पर जाकर मिल रहा है। मौके पर कश्मीर रेंज के पुलिस आईजी ने भी इन परिवारवालों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से लाइव एनकाउंटर्स के दौरान पुलिस और सुरक्षा बल लोकल आतंकियों को सरेंडर का मौका दे रहे हैं। परिवारवालों से गुहार लगाई गई कि वह हाल ही में आतंकी बने अपने बच्चों का वापस बुला लें। चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी रास्ता अपनाना पड़े।इस दौरान आर्मी कमांडर ने परिवारवालों को समझाया कि वाइट कॉलर आतंकी आपके बच्चों को टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वाइट कॉलर आतंकी खुद तो अपने बच्चों को देश और दुनिया के अच्छे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। जिंदगी का लुत्फ उठा रहे हैं, वहीं ये आपके बच्चों को आतंक की आग में झोंक दे रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूत है।
ड्रग्स के चक्कर में आ जाते हैं आतंकियों के झांसे में
आर्मी कमांडर ने कहा कि मैं आपको यहां यह बताने आया हूं कि एक युवा आतंकी बनकर बंदूक उठाता क्यों है? या तो वह लड़कियों को इंप्रेस करना चाहता है। या फिर ड्रग्स के चक्कर में आतंकियों के झांसे में आ जाता है। एक कारण यह भी हो सकती है कि वह पढ़ाई में अच्छा न हो और बंदूक के शौक में वहां चला गया हो। लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय ने कहा कि मेरी आप सभी से गुजारिश है कि अपने बच्चों को चुपचाप इन आतंकी संगठनों से वापस बुला लीजिए। उन्होंने कहा कि मैं आपको इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि अगर आतंकियों के खिलाफ किसी ऑपरेशन के दौरान कोई लड़का सरेंडर करना चाहता है तो आर्मी वह सब करेगी जो संभव होगा।
ट्रैक एंड फील्ड कांपटीशन
कार्यक्रम के दौरान कई आतंकियों के परिवार के लोग मौजूद रहे। इनमें सुमैर अहमद नजर का पिता अब्दुल हामिद नजर, उमर इशफाक मलिक का भाई मोहम्मद सलीम मलिक, नसीर अहमद वानी के पिता मोहम्मद हुसैन वानी, आदिल हुसैन वानी के पिता मोहम्मद खलील वानी, आबिद रमजान शेख और फारुख अहमद शेख और समीर अहमद शेख के पिता मोहम्मद रमजान शेख। यह सभी सक्रिय आतंकी हैं। अन्य परिवार के लोगों ने अपनी पहचान जाहिर करने से इंकार कर दिया। इस दौरान दक्षिणी कश्मीर के विभिन्न युवाओं के लिए ट्रैक एंड फील्ड कांपटीशन का भी आयोजन किया गया। इसमें पुलवामा के युवा विजेता रहे।