जम्मू-कश्मीर: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने जज को महिला से रेप और धोखाधड़ी का दोषी करार दिया
जम्मू-कश्मीर में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने महिला से रेप और धोखाधड़ी के एक मामले में सस्पेंड जज राकेश कुमार अबरोल को दोषी ठहराया है। उप-न्यायाधीश पर 2018 में उनसे कानूनी मदद मांगने वाली एक महिला से रेप और धोखाधड़ी का आरोप लगा था। आरोप के बाद उप-न्यायाधीश को सस्पेंड कर दिया गया था।
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने महिला से रेप और धोखाधड़ी के एक मामले में सस्पेंड जज राकेश कुमार अबरोल को दोषी ठहराया है। उप-न्यायाधीश पर 2018 में उनसे कानूनी मदद मांगने वाली एक महिला से रेप और धोखाधड़ी का आरोप लगा था। आरोप के बाद उप-न्यायाधीश को सस्पेंड कर दिया गया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट जम्मू के पीठासीन अधिकारी खलील चौधरी ने अपने फैसले में कहा कि चर्चा से जो निष्कर्ष निकलता है, वह यह है कि रिकॉर्ड पर मौजूद सभी सबूत आरोपी के अपराध की ओर इशारा करते हैं। कोर्ट ने कहा कि घटनाओं और तथ्यों की पूरी श्रृंखला इस ओर इशारा करता है कि आरोपी द्वारा किये गये सभी अपराध मानवीय संभावनाओं के अंतर्गत किया गया था। रिकॉर्ड पर लाये गये और स्थापित सभी परिस्थितियां आरोपी के अपराध के अनुरूप हैं। कोर्ट ने एवीडेंस पर कहा कि यह पीड़िता के साथ रेप के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी प्रतीत होता है। इस प्रकार, उन्हें धारा 420 और 376 (2) (के) आरपीसी के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया जाता है। कोर्ट में सजा पर शनिवार को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने कहा प्रभावी व्यक्ति, उनकी पहुंच, प्रभाव और अधिकार को ध्यान में रखते हुए, वे आम जनता या उस विशिष्ट वर्ग पर होते हैं, जिससे वे संबंधित हैं। उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अनुभव और ज्ञान के साथ अधिकार और कानून का अर्थ जानते हैं और समझते हैं।अभियोजन पक्ष के अनुसार रामबन निवासी पीड़ित महिला की और जज की मुलाकात उस समय हुई जब वह एक केस लड़ रही थी। जज होने के नाते, अबरोल ने कानूनी मदद का वादा किया। उससे घरेलू कार्यों में हाथ बटाने की बात कही। एक नाबालिग लड़की को सहारा देने के बाद महिला ने जज के घर काम करना शुरू कर दिया। जज ने महिला को उसकी बेटी को बेहतर शिक्षा देने का वादा भी किया। आरोपी ने उसे 5000 रुपये प्रति माह वेतन देने का वादा भी किया था।