झारखंड:निशिकांत दुबे को फर्जी डिग्री विवाद मामले में हाई कोर्ट से बड़ी राहत,  FIR व लोओर कोर्ट की कार्यवाही निरस्त

बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे को डिग्री विवाद से जुड़े मामले में झारखंड हाई कोर्ट से बुधवार को बड़ी रहात मिली है। जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्टने निशिकांत दुबे के खिलाफ फर्जी डिग्री मामले में दर्ज FIR सहित लोअर कोर्ट की कार्यवाही को निरस्त कर दिया है। 

झारखंड:निशिकांत दुबे को फर्जी डिग्री विवाद मामले में हाई कोर्ट से बड़ी राहत,  FIR व लोओर कोर्ट की कार्यवाही निरस्त

रांची। बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे को डिग्री विवाद से जुड़े मामले में झारखंड हाई कोर्ट से बुधवार को बड़ी रहात मिली है। जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्टने निशिकांत दुबे के खिलाफ फर्जी डिग्री मामले में दर्ज FIR सहित लोअर कोर्ट की कार्यवाही को निरस्त कर दिया है। 

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कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि ऐसा प्रतीत होता है कि निशिकांत दुबे के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाता है।सुनवाई के दौरान निशिकांत दुबे की ओर से बताया गया कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं वह निराधार है। राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई थी। लेकिन आयोग शिकायत पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस को इस तरह के मामले में जांच करने का अधिकार नहीं है।

राज्य सरकार की ओर से जांच को सही बताया गया

झारखंड सरकार की मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा गया था कि निशिकांत दुबे ने वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में एमबीए की डिग्री दिल्ली यूनीवर्सिटी से प्राप्त करने की जानकारी दी है। झूठी डिग्री का हवाला देकर उन्होंने लोगों में भ्रम फैलाया है। इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करते हुए इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस पर लोअर कोर्ट की ओर से संज्ञान भी सही धाराओं में लिया गया है।

निर्वाचन आयोग में की गई थी शिकायत

मामले में भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत की गई थी। उन्होंने बिना जांच किए ही शिकायत को खारिज कर दिया है। इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। यहां सुनवाई लंबित है। मामले में पुलिस की कार्रवाई नियमानुसार बिल्कुल सही है।पुलिस को ऐसा करने का अधिकार भी है।इस दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि इसकी शिकायत आयोग को मिली थी। आयोग ने इस मामले में कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई से आयोग को कोई लेना नहीं है। इस दौरान सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद और चुनाव आयोग की ओर से डा. अशोक कुमार सिंह ने पक्ष रखा।