झारखंड: दल बदल मामले में बाबूलाल को हाईकोर्ट से झटका, स्पीकर की कार्रवाई पर लगी रोक हटायी, स्वत संज्ञान की वैधता पर दो मार्च को सुनवाई
एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सोमवार को दलबदल मामले में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ स्पीकर की कार्रवाई पर लगाई गई रोक को हटा दिया है।
रांची। एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सोमवार को दलबदल मामले में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ स्पीकर की कार्रवाई पर लगाई गई रोक को हटा दिया है।
स्पीकर के स्वत: संज्ञान की वैधता पर 2 मार्च को होगी सुनवाई
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पीकर के उस जवाब को देखते हुए अंतरिम राहत को हटा दिया जिसमें स्पीकर ने कहा है कि स्वत: संज्ञान लेते हुए जारी नोटिस के मामले में आगे कोई प्रोसिडिंग नहीं करेंगे। हालांकि कोर्ट ने स्पीकर के स्वत संज्ञान लेने की वैधता पर सुनवाई करने के लिए दो मार्च की तिथि निर्धारित की है।
बाबूलाल की ओर से कहा गया था कि यह मामला हाईकोर्ट में लंबे समय से है इसलिए इस पर फैसला सुनाया जाना चाहिए जबकि स्पीकर की ओर से कहा गया था कि अब वे स्वत संज्ञान वाले मामले में आगे नहीं बढ़ेंगे। उल्लेखनीय है कि अनुसूची के तहत दलबदल मामले में स्पीकर ने स्वत संज्ञान लेते हुए बाबूलाल मरांडी को नोटिस जारी किया था।जिसकी वैधता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
बीजेपी एमएलए बिरंची नारायण की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है।
बिरंची नारायण ने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दल बदल के मामले में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ नये नोटिस के संबंध में झारखंड विधानसभा के स्पीकर अब कार्रवाई कर सकते हैं। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। वही इलेक्शन कमीशन की तरफ से अधिवक्ता आकाशदीप और बाबूलाल मरांडी की तरफ से अधिवक्ता आर एन सहाय ने पक्ष रखा।
उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को हाई कोर्ट ने बीजेपी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। सिर्फ बाबूलाल की याचिका पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि बीजेपी में कई लोग हैं जिन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। क्योंकि यह पद काफी महत्वपूर्ण है।
बाबूलाल ने मांगा था समय
दल बदल मामले में बाबूलाल मरांडी के द्वारा काउंटर का जवाब दाखिल करने के लिये समय मांगा गया था।जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान विधानसभा ने हाईकोर्ट में लॉ पॉइंट पर काउंटर एफिडेविट दायर किया था। इस पर बाबूलाल मरांडी को रिज्वाईनडर दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। वहीं हाईकोर्ट ने 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने जल्द इस मामले का समाधान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट इसके लिए प्रतिबद्ध है।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को खारिज किया था याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को दल बदल मामले में झारखंड विधानसभा के द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट को यह निर्देश दिया था कि झारखंड हाइकोर्ट दल बदल के मामले में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुनाये।
17 दिसंबर को फिर जारी किया गया था नोटिस
झारखंड विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने एमएलए भूषण तिर्की के आवेदन पर 10वीं अनुसूची के तहत बाबूलाल मरांडी को एक बार फिर 17 दिसंबर को नोटिस जारी दिया है। नोटिस में बाबूलाल मरांडी से दोबारा यह पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जाए? इस पर जवाब मांगा गया है।
अध्यक्ष को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं
पूर्व में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए बाबूलाल मरांडी को नोटिस जारी किया गया था। इस पर हाइकोर्ट ने 17 दिसंबर को यह कहते हुए रोक लगा दी थी. कि 10वीं अनुसूची में स्वतः संज्ञान लेकर अध्यक्ष को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है। जबकि अदालत में सुनवाई के दौरान विधानसभा की तरफ से पक्ष रहे महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा था की दल बदल के इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा लिया गया संज्ञान संवैधानिक है। आर्टिकल 226 के तहत जब तक विधानसभा के न्यायाधिकरण में यह मामला लंबित है. अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।