झारखंड: कोर्ट में आज से फिजिकल होगी सुनवाई, हाई कोर्ट ने जारी किया निर्देश
झारखंड की सभी कोर्ट में दो फरवरी से फिजिकल कोर्ट शुरू हो जायेगा। हाई कोर्ट की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। कोरोना वायरस को लेकर जारी गाइडलाइन के तहत फिजिकल कोर्ट में सुनवाई होगी।
रांची। झारखंड की सभी कोर्ट में दो फरवरी से फिजिकल कोर्ट शुरू हो जायेगा। हाई कोर्ट की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। कोरोना वायरस को लेकर जारी गाइडलाइन के तहत फिजिकल कोर्ट में सुनवाई होगी।
कोर्ट में मंगलवार से फिजिकल सुनवाई
हाई कोर्ट की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार स्टेट के सभी लोअर कोर्ट में मंगलवार से फिजिकल सुनवाई होगी।फिजिकल कोर्ट में फेस मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टैंसिंग का पालन, सैनिटाइजेशन का पालन किया जाना आवश्यक है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ ने बताया कि दो फरवरी से राज्य की लोअर कोर्ट में फिजिकल कोर्ट में सुनवाई होगी। उक्त सुनवाई हाई कोर्ट की ओर से बनाए गए दिशा-निर्देश (एसओपी) के तहत होगी। इस दौरान कोर्ट को सभी नियमों का पालन करना होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी कोविड-19 यूजर मैनुअल के तहत सभी को ट्रेनिंग दी गई थी।
हाई कोर्ट ने राज्य की कोर्ट को तीन कटेगरी में बांटा है और इसी अनुरूप दिशा-निर्देश भी जारी किये गये हैं। जिन जिलों में कोरोना के 50 से कम एक्टिव केस हैं, वहां 50 परसेंट फिजिकल और 50 परसेंट वर्चुअल कोर्ट बैठेगी। जिला जज रोटेशन के आधार पर फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट तय करेंगे। विषयवार और कैडर के अनुसार कोर्ट की व्यवस्था होगी। जिन जिलों में कोरोना के 50 से 100 तक एक्टिव केस हैं, वहां एक तिहाई फिजिकल और दो तिहाई वर्चुअल कोर्ट बैठेगी।यहां याचिकाएं मौजूदा व्यवस्था के साथ-साथ ई सेवा केंद्र से भी दाखिल की जा सकेंगी। इन जिलों में एक एक फैमिली कोर्ट, जिला जज, एडीजे, सीजेएम की कोर्ट बैठेगी। दो सिविल जज, एक एसडीजेएम और न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) की कोर्ट बैठेगी।
150 से अधिक एक्टिव केस वाले जिलों में एक चौथाई फिजिकल और तीन चौथाई वर्चुअल कोर्ट में सुनवाई होगी। इन जिलों में याचिका ड्राप बॉक्स में डाले जाएंगे। इन जिलों के जिला जज को विषयवार रोस्टर तैयार करने का अधिकार दिया गया है।उल्लेखनीय कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फिजिकल कोर्ट को बंद कर दिया गया था। ऑनलाइन ही सुनवाई हो रही थी। स्टेट में कोरोना वायरस के मामले कम होने के बाद एडवोकेट संघ फिजिकल कोर्ट शुरू करने की मांग कर रहा था।