झारखंड: 10 लाख के इनामी PLFI जोनल कमांडर शनिचर के घर पहुंचे गुमला SP, परिजन से सरेंडर कराने की अपील
एसपी एचपी जनार्दनन ने सोमवार को कामडारा ब्लॉक के सरिता बड़काटोली गांव में 10 लाख रुपये के इनामी PLFI जोनल कमांडर शनिचर सुरीन के माता- पिता से मुलाकात किया। एसपी ने नक्सली कमांडर के माता- पिता से अपील करते हुए बेटे को सरेंडर करने के लिए समझाया।
गुमला। एसपी एचपी जनार्दनन ने सोमवार को कामडारा ब्लॉक के सरिता बड़काटोली गांव में 10 लाख रुपये के इनामी PLFI जोनल कमांडर शनिचर सुरीन के माता- पिता से मुलाकात किया। एसपी ने नक्सली कमांडर के माता- पिता से अपील करते हुए बेटे को सरेंडर करने के लिए समझाया।
एसपी ने परिजनों से कहा कि शनिचर सुरीन सरेंडर करने के बाद कुछ सालों तक जेल में रहकर अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सकेगा। नक्सली शनिचर के माता- पिता ने कहा कि कई महीनों से शनिचर सुरीन घर नहीं आया है। न ही घर के किसी सदस्य से मिला है। माता- पिता ने कहा कि वे लोग शनिचर सुरीन से संपर्क करेंगे, ताकि उसे सरेंडर करने के लिए समझाया जा सके।
एसपी ने कहा कि शनिचर सुरीन PLFI के सुप्रीमो दिनेश गोप दस्ते के साथ घूमता है। वह चाईबासा और खूंटी जिला के इलाके में ज्यादा एक्टिव हैं। स्टेट गवर्नमेंट ने उसपर 10 लाख रुपये का इनाम रखा है। पुलिस आज नहीं तो कल उसे खोज निकालेगी। शनिचर सुरीन के माता- पिता से कहा गया है कि वे अपने बेटे को सरेंडर करने के लिए दबाव बनाये, ताकि शनिचर सुरक्षित जीवन जी सके।एसपी ने कहा कि पुलिस प्रयास कर रही है कि जितने भी उग्रवादी और नक्सली हैं उसके घर जाकर उन लोगों के परिवार से मिले।ताकि नक्सली और उग्रवादियों का मन बदल जाये और वे सरेंडर कर सके।अगर जो सरेंडर नहीं करते हैं, तो उन्हें जंगल में एनकाउंटर में मार गिराने में पुलिस कभी पीछे नहीं हटेगी। मौके पर एसडीपीओ दीपक कुमार, इंस्पेक्टर बैजू उरांव, कामडारा थानेदार देवप्रताप धान उपस्थित थे।
उग्रवादियों की खोज में पैदल चले
गुमला एसपी, बसिया SDPO और अन्य जवानों PLFI के उग्रवादियों की खोज में कामडारा इलाके के बड़काटोली, सरिता और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाये। एसपी व पुलिस टीम घंटो पैदल चलकर गांव के लोगों से मुलाकात किये। गांव में लोगों की समस्याओं से अवगत हुए। उग्रवादियों के आने- जाने के संबंध में जानकारी लेते हुए लोगों से कहा है कि उग्रवादी किसी के अपने नहीं होते हैं। इसलिए अगर कोई उग्रवादी नजर आये या परेशान करें, तो इसकी सूचना पुलिस को दें, ताकि उग्रवादियों की जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखते हुए पुलिस कार्रवाई कर सके।