Jharkhand: देवघर रोपवे हादसा मामले में DRILकंपनी ब्लैक लिस्ट, स्टेट गवर्नमेंट ने लगाया करोड़ों का जुर्माना
झारखंड के देवघर में दो साल पहले हुए केबल कार हादसे के मामले में स्टेट गवर्नमेंट ने आरोपी कम्पनी दामोदर रोपवेज एंड इंफ्रा (DRIL)को पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
- झारखंड पर्यटन विकास निगम के एमडी ने कंपनी को नौ करोड़ 11 लाख रुपये जमा करने का जारी किया पत्र
रांची। झारखंड के देवघर में दो साल पहले हुए केबल कार हादसे के मामले में स्टेट गवर्नमेंट ने आरोपी कम्पनी दामोदर रोपवेज एंड इंफ्रा (DRIL)को पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। गवर्नमेंट ने कंपनी पर नौ करोड़ 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। त्रिकूट पहाड़ी पर केबर कार का संचालन यही दामोदर कम्पनी ही करती थी।
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देवघर की त्रिकूट हिल्स पर अप्रैल 2022 में हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 से अधिक लोगों को लगभग 46 घंटे तक हवा में फंसेरहनेके बाद NDRF,आर्मी, एयरफोर्स और प्रशासन के संयुक्त अभियान से बचाया गया था। स्टेट के पर्यटन विभाग के अनुसार, 766 मीटर लंबा त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। दुर्घटना के बाद इसके पीछे के कारणों की जांच के लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक जांच समिति गठित की गई थी। उस समय भी हादसे को लेकर DRIL पर लापरवाही के आरोप भी लगे थे। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया था।
मामले में जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने पीटीआई से कहा, 'झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC)बोर्ड ने DRIL को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट में डालने का फैसला किया है। कंपनी करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने बताया कि JTDC के प्रबंध निदेशक ने कंपनी को 9.11 करोड़ रुपये जमा करने के लिए पत्र जारी किया है। ऐसा न करने पर DRIL के खिलाफ सिविल क्षति का मुकदमा दायर किया जायेगा।
कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ: DRIL
यह है मामला
देवघर (झारखंड) के पास त्रिकूट हिल पर 10 अप्रैल, 2022 को हादसा हुआ था। रोपवे संचालन के दौरान अचानक हवा में बंद हो गया था, जिससे 59 यात्री रोपवे के अन्दर हवा में फंस गये थे। जांच में तैयार सरकारी रिपोर्ट में कहा गया कि 10 अप्रैल, 2022 को जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस और NDRF के कर्मियों द्वारा10 यात्रियों को बचाया गया। एक यात्री की मौत हो गई।' कहा गया है कि 12 अप्रैल, 2022 तक चले बचाव अभियान के दौरान 46 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया था, जबकि दो यात्रियों की मौत हो गई थी।