Jharkhand: हेमंत सोरेन को बड़ी राहत, Ranchi Land Scam Case में हाईकोर्ट से मिली बेल

झारखंड के एक्स हेमंत सोरेन को रांची जमीन घोटाले में बेल मिल गयी है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने शुक्रवार (28 जून) को जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन को बेल दी। झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 50 हजार रुपये के दे मुचलके पर बेल दी गई।

Jharkhand: हेमंत सोरेन को बड़ी राहत, Ranchi Land Scam Case में हाईकोर्ट से मिली बेल
जेल से बाहर आयेंगे हमंत सोरेन।

रांची। झारखंड के एक्स हेमंत सोरेन को रांची जमीन घोटाले मामले में बेल मिल गयी है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने शुक्रवार (28 जून) को जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन को बेल दी। झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 50 हजार रुपये के दे मुचलके पर बेल दी गई।

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ईडी ने 31 जनवरी 2024 की रात लंबी पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया था। बेल बॉन्ड भरने के बाद रांची बिहार मुंडा सेंट्रल जेल से हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ जायेंगे। रांची जमीन घोटाला मामले के आरोपी हेमंत सोरेन लंबे समय से बेल के लिए प्रयास कर रहे थे। हेमंत सोरेन की बेल पिटीशन याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 13 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने 13 जून को सुरक्षित रख लिया था फैसला
झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर 13 जून को आखिरी बार सुनवाई हुई थी। उस दिन झामुमो नेता के वकील कपिल सिब्बल ने अपने मुवक्किल को बेल देने की पैरवी कोर्ट में की थी। उनकी दलीलों काईडी के वकील एसवी राजू ने विरोध किया और कोर्ट से आग्रह किया कि हेमंत सोरेन को बेल नहीं दी जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।सुनवाई के दौरान ईडी की ओर कहा गया था कि हेमंत सोरेन ने अनधिकृत रूप से बड़गाईं अंचल के 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। यह पीएमएलए एक्ट में निहित प्रविधानों के तहत मनी लॉन्ड्रिंग है। ईडी ने कहा था कि हेमंत सोरेन प्रभावशाली व्यक्ति हैं। बेल मिलने पर जांच को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्हें बेल की सुविधा नहीं दी जाए।

भूखंड पर कब्जा करने का गलत आरोप

इससे पहले 10 जून को हुई सुनवाई में हेमंत सोरेन की ओर से पेश सीनीयर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि सोरेन पर रांची के बार्गेन क्षेत्र में 8.86 एकड़ के भूखंड पर कब्जा करने का गलत आरोप लगाया गया है और यह धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध नहीं बनता है, जिसके लिए सोरेन को हिरासत में लिया गया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि भूमि दस्तावेजों में फेरबदल किया गया और सोरेन ने मूल भूस्वामियों को जबरन बेदखल कर दिया। सिब्बल ने जवाब दिया कि मूल भूस्वामियों ने तब कोई शिकायत नहीं की जब उनकी जमीन कथित तौर पर ली गई तो और न ही अधिकारियों से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि जबरन बेदखली की यह घटना 2009-10 में घटित हुई बतायी जाती है, लेकिन रिपोर्ट 2023 में ही तैयार की गई। सिब्बल ने दलील दी कि यदि सोरेन के खिलाफ सभी आरोप सही भी हों, हों तो भी यह जबरन बेदखली का एक दीवानी मामला होगा, न कि आपराधिक मामला।
हेमंत सोरेन की ओर दी गई दलील
हेमंत सोरेन की ओर से इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा गया था कि यह मनी लॉन्ड्रिंग नहीं, हीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। केंद्र ईडी का दुरुपयोग कर रहा है। विनोद सिंह के व्हाट्सऐप चैट में जिस 8.86 एकड़ जमीन पर बैंक्वेबैंक्वेट हॉल बनाने की बात कही जा रही है, वह उस जमीन का नहीं है। यह केवल ईडी का अनुमान है। सदर पुलिस स्टेशन में जोमामला दर्ज हुआ है, उसकी जांच बाकी है। ईडी कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है, इसलिए याचिका दाखिल की गई है।

पीएमएलए कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने खारिज की थी याचिका
बड़गाईं में 8.5 एकड़ जमीन के कथित घोटाला मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा लीडर और झारखंड के एक्स सीएम हेमंत सोरेन के एडवोकेट लगातार बेल के लिए कोर्ट में अर्जियां लगा रहे थे। मनी लॉंड्रिग केस में अरेस्ट किये गये हेमंत सोरेन ने पीएमएलए कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में बेल की अर्जी दी, लेकिन बार-बार उनकी बेल अर्जी खारिज हो जा रही थी। आखिरकार आज उनको झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली।
पांच महीने से जेल में थे हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन पिछले पांच महीनों से जेल में थे। इस बीच उन्हें एकत पारिवारिक कार्यक्रम के जाने के लिए कुछ दिनों के लिए जमानत दी गई थी लेकिन इसके बाद फिर वह जेल चले गये थे। हालांकि हाई कोर्ट ने अब उन्हें बड़ी राहत देते हुए बेल दे दी है।