Jharkhand Deoghar Airport: दिन हो या रात, अब कम विजिबिलिटी में भी देवघर में उतरेगी फ्लाइट

झारखंड में देवघर एयरपोर्ट पर अब अब कम विजिबिलिटी में भी फ्लाइट लैंड कर सकेंगी।

Jharkhand Deoghar Airport: दिन हो या रात, अब कम विजिबिलिटी में भी देवघर में उतरेगी फ्लाइट
  • अब 550 मीटर की विजिबिलिटी पर उतरेगी फ्लाइट
  • बिहार-झारखंड का पहला एयरपोर्ट बना देवघर
  • रन वे पर 900 मीटर तक कैट वन एप्रोच लाइट लगी

देवघर। झारखंड में देवघर एयरपोर्ट पर अब अब कम विजिबिलिटी में भी फ्लाइट लैंड कर सकेंगी। यहां महज 550 मीटर विजिबिलिटी में फ्लाइटों की लैंडिंग होगी। इस तरह देवघर बिहार-झारखंड का इकलौता एयरपोर्ट हो गया है, जहां ऐसी विजिबिलिटी में फ्लाइट उतर सकेंगे।

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देवघर एयरपोर्ट के रनवे पर 900 मीटर तक कैट वन एप्रोच लाइट लगाया गया है। अभी पटना और रांची एयरपोर्ट के रनवे पर 900 मीटर कैट वन एप्रोच लाइटिंग नहीं है। वहां भी 420 मीटर तक ही कैट वन एप्रोच लाइट है। देवघर एयरपोर्ट तीन वर्ष की यात्रा पूरा करने से पहले ही बिहार-झारखंड में अव्वल आ गया है। अब यहां रात में भी महज 550 मीटर की विजिबिलिटी में पायलट लैंडिंग करा लेगा। डीजीसीए ने कैट वन लाइट लगने के बाद, जांच परख कर गुरूवार को एनओसी दे दिया है।

देवघर एयरपोर्ट का रनवे है बड़ा

देवघर एयरपोर्ट का रनवे ढाई किलोमीटर लंबा है। यह पटना एयरपोर्ट के रनवे से भी बड़ा है। रनवे के पश्चिम छोड़ से कैट वन एप्रोच लाइट लगाने का काम शुरू हुआ था। देवघर में अब तक 420 मीटर तक ही कैट वन एप्रोच लाइट लगा हुआ था। अब इसकी लंबाई 900 मीटर हो गयी है। इसके लग जाने के बाद पायलट को दूर से ही देवघर एयरपोर्ट का रनवे दिखने लगेगा। आइएलएस ( इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम ) तो पहले से ही लगा हुआ है। यह दोनों पायलट को सुविधा देता है। इसके नहीं होने से ही पहले खराब मौसम में परेशानी होती रही थी। चलिए अब तो देवघर एयरपोर्ट आधुनिक सुविधा से लैस हो गया है। अब दिन-रात का कोई अड़चन नहीं होगा।

पांच हजार विजिबिलिटी से घटकर हो गया 550 मीटर की दृश्यता

12 जुलाई 2022 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने देवघर एयरपोर्ट का शुभारंभ किया था। उस वक्त फ्लाइट की लैंडिंग पांच हजार मीटर की विजिबिलिटी पर हो रही थी।देवघर एयरपोर्ट के तीन वर्ष होने से पहले विजिबिलिटी 550 पर पहुंच गयी है। रनवे पर लाइट बढ़ाने का काम बहुत तेजी से किया गया। इसलिए इतनी जल्दी संभव हो पाया। इस दिशा में बीजेपी एमपी डॉ. निशिकांत दुबे लगातार प्रयास करते रहे। जिससे एक एक कर सुविधाएं बहाल हो रही है। आधुनिक सिस्टम वाला बिहार-झारखंड का पहला एयरपोर्ट हो गया।

रनवे के पश्चिम छोर से ही आइएलएस व एप्रोच लाइट

आइएलएस रनवे के पश्चिमी छोर पर लगा है। इधर से ही कम दृश्यता में फ्लाइट की लैंडिंग हो रही है। इस सिस्टम के चालू होने से पहले 800-1000 मीटर की विजिबिलिटी पर विमान उतर रहा था। कैट वन एप्रोच लाइट लगते ही यह घटकर 550 हो गया है। 14 जून 2024 से पहले 1400 से 1600 तक की विजिबिलिटी पर फ्लाइट की लैंडिंग हो रही थी। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम से गाइड होकर पायलट विमान की लैंडिंग कर रहे हैं। पहले विजुअल फ्लाइट रूट लागू था। उसके बाद स्पेशल विजुअल फ्लाइट रूट हुआ।

देवघर से कई शहरों के लिए फ्लाइट की सुविधा

देवघर एयरपोर्ट से दिल्ली, बेंगलुरू और कोलकाता की हर दिन सीधी फ्लाइट है। मुंबई की सप्ताह में तीन दिन। इसी तरह पटना और रांची के लिए सप्ताह में एक दिन पटना तो दूसरे दिन रांची के लिए एटीआर की सुविधा है। संताल के साथ-साथ अब धनबाद, गिरिडीह, बिहार का भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, बांका, जमुई के लोग भी देवघर एयरपोर्ट से यात्रा कर रहे हैं। कम्युनिकेशन की एक बड़ी सुविधा मिल गयी है।

एमपी डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा है कि देवघर एयरपोर्ट पर कैट वन एप्रोच लाइटिंग की सुविधा डीजीसीए की हरी झंडी मिलने के बाद मिल गयी है। अब रात्रि विमान सेवा का विस्तार होगा। जल्द ही देवघर से दिल्ली की रात्रि विमान सेवा शुरू होगी। देश के अन्य शहरों के लिए नाइट फ्लाइट सेवा बढ़ाने के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू होगी। आने वाले समय में गुवाहाटी के लिए भी देवघर से फ्लाइट होगा।