झारखंड: देवघर जमीन खरीद मामले में एमपी निशिकांत दूबे नहीं, सिर्फ उनकी वाइफ पर ही FIR, रिकार्ड में नहीं मिला साइन
जमीन खरीद मामले में देवघर पुलिस ने गोड्डा एमपी डॉ. निशिकांत दुबे नहीं, सिर्फ उनकी वाइफ अनामिका गौतम के खिलाफ नेम्ड एफआइआर दर्ज की है।
देवघर। जमीन खरीद मामले में देवघर पुलिस ने गोड्डा एमपी डॉ. निशिकांत दुबे नहीं, सिर्फ उनकी वाइफ अनामिका गौतम के खिलाफ नेम्ड एफआइआर दर्ज की है। कंपलेनेंट विष्णुकांत झा ने एफआइआर दर्ज करने के लिए दिए गए आवेदन में बीजेपी एमपी डॉ. निशिकांत दुबे, उनके करीबी सहायक शेषाद्री दुबे समेत और कई लोगों का नाम दिया था। देवघर पुलिस ने आवेदन के साथ मिले कागजात व रिकार्ड का अध्ययन करने के बाद एफआइआर में एमपी को नेम्ड नहीं किया है।
देवघर एसपी पियूष पांडेय ने कहा है कि किसी भी दस्तावेज में एमपी का साइन नहीं है। इसलिए एफआइआर में एमपी के नेम्ड नहीं किया गया है। पुलिस कंपलेन के आधार पर दर्ज केस की गहराई से जांच करेगी। मामले में किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी। मामले में संलिप्त किसी दोषी को छोड़ा जायेगा। यदि कोई साजिशकर्ता है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
20 करोड़ की जमीन तीन करोड़ में खरीदने का आरोप
विष्णुकांत झा की ओर से कंपलेन में आरोप है कि दावघर टाउन में तिवारी चौक के पास एलओकेसी धाम की लंबी-चौड़ी बेनामी जमीन अनामिका के नाम से वर्ष 2019 की 20 अगस्त को खरीदी गई। एमपी ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर अफसरों से मिलीभगत से 20 करोड़ की जमीन तीन करोड़ में रजिस्ट्री कराई। उन्होंने देवघर के रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार, देवघर सीओ, अनामिका, शेषाद्री दुबे व अनामिका के अधिवक्ता पर शपथ पत्र में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। आरोप है कि इतनी बड़ी रकम कैश देने का प्रावधान नहीं है। इसलिए मामला मनी लांड्रिग व गवर्नमेंट के साथ धोखाधड़ी करने तथा रेवन्यू को नुकसान पहुंचाने का है। उन्होंने जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
सीएम को पत्र लिखकर की गयी कंपलेन
विष्णुकांत झा ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखर कंपलेन की है। पत्र में कहा गया है कि देवघर में जिस जमीन पर निशिकांत ने मकान बनाया है उसका पेमेंट किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया है। निशिकांत और ध्रुवकांत कुशवाहा के बीच संबंध का पता लगाने की मांग की गयी है। कहा गया है कि एमपी ने जिस जमीन पर घर बनाया है, वह कार्निवाल इंपीरियो एलएलबी के नाम से रजिस्टर्ड है, जिसका प्रतिनिधित्व कुशवाहा ने किया था। पत्र की प्रतिलिपि चीफ सेकरेटरी सीआइडी एडीजी, देवघर डीसी व एसपी को भी दी गई है।कंपलेन करने वाले ने आवेदन के साथ राशि प्रप्ति की रसीद भी मुहैया करायी है। रसीद में इस बात का उल्लेख है कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए उनकी वाइफ की तरफ से तीन करोड़ कैश रुपये दिये गये, यह नियम के विरुद्ध हैं।आरोप लगाया गया है कि नोटबंदी के बाद से दो लाख से ज्यादा कैश देकर किसी भी चीज को खरीदने पर मनाही है। लेकिन एमपी की वाइफ अनामिका गौतम ने एक वेंडर को सात लाख और बाकी आठ वेंडरों को 2.93 करोड़ रुपये कैश देकर जमीन खरीदी है। मामले उच्च स्तरीय जांच कराने को कहा गया है।
मामले की जांच को लेकर हाई कोर्ट PIL
गोड्डा MP निशिकांत दुबे की वाइफ नाम जमीन खरीदने की जांच को लेकर हाई कोर्ट में भी PIL दाखिल की गई है। राम आयोध्या शर्मा की ओर से एडवोकेट राजीव कुमार ने याचिका दाखिल की है। मामले की जांच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कराने की मांग की गई है। तीन करोड़ रुपये के कैश पेमेंट को नियमों का उल्लंघन बताया गया है। एमपी की वाइफ अनामिका गौतम द्वारा खरीदी गयी जमीन का रजिस्ट्रेशन रदद् करने और जमाबंदी खारिज करने की मांग की गयी है।
रजिस्ट्री में रेवन्यू नहीं हुआ नुकसान
डॉ दुबे ने की ओर से मीडिया को कहा कहा गया है कि बम्पास टाउन की जमीन कोलकाता के व्यक्ति की है। उन्होंने किसी को पावर ऑफ अटार्नी दी थी। उन्होंने उससे जमीन ली है, न कि विष्णुकांत झा से। उन्होंने कहा कि जमीन की सरकारी कीमत 19.46 करोड़ है। इसी हिसाब से रजिस्ट्री फी 1.60 करोड़ रुपये पेमेंट किये गये। इसमें रेवन्यू की कैसे क्षति हुई है।नियमानुसार जमीन रजिस्ट्री करायी गयी है। एमपी के बयान से स्पष्ट है कि मामले में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।