Jharkhand: दिशोम गुरु शिबू सोरेन सिर्फ व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार: हेमंत सोरेन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार हैं। श्राद्ध भोज में देशभर से दिग्गज नेताओं ने दी श्रद्धांजलि।

Jharkhand: दिशोम गुरु शिबू सोरेन सिर्फ व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार: हेमंत सोरेन
राजनाथ सिंह को देख भावुक हुए सीएम हेमंत ।

रांची। झारखंड की राजनीति के पितामह और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज में रविवार को अपार जनसैलाब उमड़ा। इस अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन ने भावुक होते हुए कहा – "दिशोम गुरु सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार हैं। उनकी सोच, उनकी लड़ाई और उनका आंदोलन हमेशा जीवित रहेगा।
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"झारखंड मुक्ति मोर्चा केसंस्थापक, झारखंड के एक्स सीएम, एक्स सेंट्रल मिनिस्टर, आठ बार के लोकसभा सांसद, राज्यसभा के सदस्य और अलग झारखंड राज्य के लिए सबसे लंबे समय तक संघर्ष करने वाले दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज के दिन उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों की भीड़ ने साबित कर दिया कि शिबू सोरेन एक व्यक्ति नहीं, एक संस्था थे। किसी जाति, धर्म या क्षेत्र के नेता नहीं थे, वह झारखंड के सच्चे जननायक थे।
गुरुजी का श्राद्ध भोज संपन्न होते ही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने फेसबुक पर पिता की यादव में संदेश दिया है। उन्होंने लिखा- देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्य के कोने-कोने से आज नेमरा की क्रांतिकारी भूमि पर आया विशाल जनसमूह अत्यंत भावुक करने वाला है। बाबा दिशोम गुरुजी के प्रति आप सभी के इस स्नेह, सम्मान और समर्पण के लिए मैं अनेक-अनेक धन्यवाद देता हूं, आभार और जोहार करता हूं।
झारखंड के करोड़ों लोगों के लिए वटवृक्ष जीवन जिया स्मृति शेष बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी ने। वह वटवृक्ष जिसकी गहरी जड़ों ने यहां की वीर और क्रांतिकारी भूमि में हर कोने, हर घर तक पहुंचकर, अपनी विशाल छाया से सबको छांव दिया। बाबा का महान जीवन झारखंड और राज्यवासियों के लिए, संघर्ष, त्याग और सेवा से परिपूर्ण रहा। उन्होंने झारखंड की आत्मा को सींचा, राज्य की अस्मिता की रक्षा की और जन-जन को पहचान व आत्मसम्मान दिलाया।
बाबा दिशोम गुरुजी की प्रेरणा ने कई पीढ़ियों को राह दिखाई है। यहां की माटी की सुगंध में, नदियों की गूंज में, पहाड़ों की दृढ़ता में और परंपराओं की गरिमा में - हर जगह बाबा दिशोम गुरुजी की अमिट छाप और आत्मा बसी हुई है। वह वटवृक्ष, जिसकी जड़ें अटूट हैं और जिसकी छाया आने वाली पीढ़ियों को सदियों तक संबल और मार्गदर्शन प्रदान करती रहेंगी।दिशोम गुरु सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार हैं - जो हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखेंगे और झारखंड को उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने की ताकत देते रहेंगे।
अंतिम जोहार बाबा....
वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें!
वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन जिंदाबाद!
जय झारखण्ड!