Jharkhand: डुमरी MLA जयराम महतो के खिलाफ रंगदारी मांगने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का FIR दर्ज

डुमरी एमएलए जयराम कुमार महतो पर रंगदारी,अवैध कब्ज़ा, चोरी सहित सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा है। मामले में जयराम समेत सात के खिलाफ चंद्रपुरा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज किया गया है। मामले में जयराम महतो, संदीप महतो, तिलक महतो, नितेश, संजीत कुमार, राहुल पासवान और बिनोद चौहान सहित 40 अज्ञात लोगों को एक्युज्ड बनाया गया है। 

Jharkhand: डुमरी MLA जयराम महतो के खिलाफ रंगदारी मांगने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का FIR दर्ज
जयराम महतो और उनको घेर कर खड़ी भीड़।
  • सीसीएल क्वार्टर पर कब्जा और चोरी का लगा आरोप
  • स्थानीय लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई: जयराम

बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले के डुमरी एमएलए जयराम कुमार महतो व उनके छह समर्थकों पर रंगदारी,अवैध कब्ज़ा,चोरी सहित सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा है। मामले में जेएलकेएम अध्यक्ष सह डुमरी एमएलए जयराम कुमार महतो समेत सात के खिलाफ चंद्रपुरा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज किया गया है। मामले में जयराम महतो, संदीप महतो, तिलक महतो, नितेश, संजीत कुमार, राहुल पासवान और बिनोद चौहान सहित 40 अज्ञात लोगों को एक्युज्ड बनाया गया है। 
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यह है मामला
आरोप है कि जयराम महतो के समर्थकों ने सीसीएल क्वार्टर पर जबरन कब्जा कर लिया था। लोकल पुलिस व सीआईएसएफ जवान जब बुधवार की रात एक बजे क्वार्टर को खाली कराने और उसमें बंद सीसीएल के मेनेजमेंट ट्रेनी को छुड़ाने पहुंची तो एमएलए जयराम महतो आधी रात को बेरमो पहुंच गये। वहां पहुंचकर पुलिस वालों से भिड़ गये। डुमरी एमएलए जयराम महतो दो बजे रात में सेंट्रल कॉलोनी मकोली पहुंचे। वहीं पर उपस्थित मजिस्ट्रेट को काफी खड़ी खोटी सुनायी। जबकि यह क्वार्टर पहले से ही सीसीएल ने अपने एमटी को आवंटित किया था।
सीसीएल ढोरी एरिया के सिक्युरिटी अफसर ने की कंपलेन
सीसीएल ढोरी एरिया के सिक्युरिटी अफसर सुरेश कुमार सिंह ने चंद्रपुरा पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दिया है। आवेदन में कहा है कि 25 दिसंबर 2024 की शाम साढ़े पांच बजे सूचना मिली कि मकोली स्थित क्वार्टर नंबर डी/02 पर पर अज्ञात लोग कब्जा कर रहे हैं। क्वार्टर में रह रहे ट्रेनी अफसरों के सामान हटाकर अफसरों को आवास से भगाया जा रहा है।
क्वार्टर में घुसे थे 25-30 अज्ञात लड़के 
सूचना के आधार पर सीसीएल ढोरी एरिया के सिक्युरिटी अफसर ने सीसीएल के सुरक्षा पदाधिकारी शीलचंद, प्रधान सुरक्षा प्रहरी कृपाल सिंह, अनाम वारिश और माणिक दिगार, होमगार्ड जितेंद्र कुमार रजक, सीआईएसएफ इंस्पेक्टर एके सिंह के साथ वहां पहुंचे। वहां देखा कि 25-30 अज्ञात लड़के क्वार्टर के अंदर घुसे हैं। हल्ला-गुल्ला कर रहे हैं। क्वार्टर में रह रहे ट्रेनी अफसर विनय वर्मा, राहुल राज, प्रद्युम्न कुमार काफी भयभीत और परेशान लग रहे थे। बार-बार इन अज्ञात लड़कों से बचाने का अनुरोध कर रहे थे।
‘डुमरी विधायक के आदेश पर कर रहे थे हंगामा’
सिक्युरिटी अफसर ने आवेदन में  लिखा है, ‘बातचीत के क्रम में इन लोगों से पता चला कि सभी लड़के झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) पार्टी के कार्यकर्ता हैं। डुमरी एमएलए जयराम महतो के आदेश पर यहां आकर क्वार्टर में हंगामा कर रहे हैं। इसकी सूचना मैने लोकल पुलिस व सीसीएल मैनेजमेंट को दी। मौैके पर पहुंचे मकोली ओपी प्रभारी संजय कुमार सिंह ने लड़कों को समझाया-बुझाया। अनुरोध किया कि वे चले जाएं, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए।’ इस बीच, चंद्रपुरा थाना प्रभारी अमन कुमार, नावाडीह थाना प्रभारी अमित सोनी, गांधीनगर ओपी थाना प्रभारी पिंटू महथा, बोकारो झरिया ओपी प्रभारी श्रीनिवास कुमार सिंह पहुंचे। उनके समझाने पर भी लोग नहीं माने। बाद में बेरमो इंस्पेक्टर सहित कई पुलिस स्टेशन की पुलिस वहां पहुंची। लड़कों से क्वार्टर से जाने का अनुरोध किया, लेकिन वे बदतमीजी करते हुए हल्ला-गुल्ला करने लगे. गाली-गलौज भी की।
‘जयराम महतो ने पुलिस के साथ किया अभद्र व्यवहार’
बेरमो प्रखंड के आवासीय दंडाधिकारी को इसकी सूचना दी गयी। गाली-गलौज करने वाले 30-40 लड़कों में विनोद चौहान, राहुल पासवान, संजीत कुमार, नितेश कुमार, तिलक महतो और संदीप महतो शामिल थे। रात के लगभग दो बजे उपद्रवियों के सहयोग से विधायक जयराम महतो उस क्वार्टर में आये। उपद्रवी लड़कों का सहयोग करते हुए खुद भी पुलिस के साथ अभ्रद व्यवहार करने लगे। सरकारी काम में बाधा भी पहुंचायी।
‘आवासीय दंडाधिकारी ने भीड़ को बाहर निकालने का दिया आदेश’
पुलिस कंपलेन में सिक्युरिटी अफसर ने लिखा है कि‘हमलोगों ने आवासीय दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी के माध्यम से विनम्रतापूर्वक डुमरी विधायक को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे उल्टे आग बबूला हो गये। अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करने लगे।आवासीय दंडाधिकारी व पुलिसकर्मियों को औकात में लाने की बात बोलने लगे। इस पर आवासीय दंडाधिकारी ने भीड़ को नाजायज भीड़ (मजमा) घोषित किया गया। पुलिस को क्वार्टर में घुसे उपद्रवियों को बाहर निकालने का निर्देश दिया।
पुलिस कंपलेन में आरोप लगाया गया है कि ने कहा है कि विधायक और उनके समर्थकों ने पुलिस से ही झंझट करना शुरू कर दिया। विधायक की शह पाकर कोई भी उपद्रवी क्वार्टर से नहीं निकला। पुलिस ने कोई बल प्रयोग नहीं किया। अगर पुलिस ने बल प्रयोग किया होता, तो हिंसा की नौबत आ सकती थी। भीड़ में कई लड़के शराब के नशे में थे.।पुलिस ने इस मामले में बीएनएस कांड संख्या 137/24 के तहत एफआइआर दर्ज किया है। सभीसाात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(2), 190, 223, 126 (2), 115 (2), 333, 303 (2), 132, 308 (3), 308 (5), 352, 351 (2) लगायी गयी है।
स्थानीय लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई: जयराम
वहीं जयराम महतो ने कहा कि यहां स्थानीय व ग्रामीण लोगों के स्वाभिमान की लड़ाई है। साढ़े पांच हजार ऐसे क्वार्टर हैं, जिन पर अवैध कब्जा है। इसी को लेकर ग्रामीण लगातार आवाज उठा रहे हैं। अगर सही रास्ते से काम नहीं निकल रहा है, तो उंगली टेढ़ी करें, खुद मैनेजेंट और प्रशासन आयेगा। मुझे क्वार्टर की किसी वस्तु की जरूरत नहीं है। पुलिस प्रशासन स्थानीय लोगों के साथ गलत व्यवहार कर रहा था। इसलिए मैं रात को दो बजे आया। दूसरे दिन बेरमो एसडीएम आकर मनमानी कर रहे थे, तब मुझे फिर आना पड़ा। पुलिस और प्रशासन आम जनता को नहीं पहचानते। इसलिए इस काम में अपने कार्यकर्ताओं को मेरे नाम से यह कार्य करने के लिए कहा था।
सीसीएल अवैध कब्जा वाले क्वार्टर को खाली करवाये
जयराम महतो ने कहा कि सीसीएल अवैध कब्जा वाले क्वार्टर को खाली करवाये, नहीं तो मैं स्थानीय ग्रामीणों को राजा हरिश्चंद्र बनने की सलाह नहीं दूंगा। सीसीएल और प्रशासन संवैधानिक बात नहीं कर रहे हैं। संविधान की धारा आम व्यक्ति तक ही क्यों है। यहां कई माफिया टाइप लोग हैं, जो सात-आठ क्वार्टर कब्जा करके बेच रहे हैं। सीसीएल के अफसर संवैधानिक तरीके से सीसीएलकर्मी के अलावा जो भी क्वार्टर का अवैध कब्जाधारी है, उसे खाली करवाये। गांव का कोई आदमी क्वार्टर में जाता है, तो उसे दुत्कारा जाता है। माफिया के लोग जाते हैं, तो उन्हें सम्मान दिया जाता है। ग्रामीणों की बातों को सही तरीके से कोई सुन नहीं रहा था।
जहां भी  गैरकानूनी काम होंगे, वहां आंदोलन किया जायेगा
उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि रास्ता गलत है, पर मामले को हाइलाइट करने के लिए यह करना जरूरी था। प्रशासन का एक विधायक के प्रति इस तरह का रवैया है, तो आम लोगों के साथ किस तरह का होगा, यह सोचा जा सकता है। यह देखकर साफ जाहिर होता है कि प्रशासन ने महिलाओं और कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाया है। इन लोगों के पक्ष में मैं विधायक के रूप में बात करने आया था, तब मैनेजमेंट को चाहिए था कि वह सामने से आकर शांतिपूर्ण बात करता। जहां भी ऐसे गैरकानूनी काम होंगे, वहां आंदोलन किया जायेगा। रास्ता टेढ़ा है, पर मजबूरी में हमलोगों को बाध्य होकर ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।