Jharkhand: देवघर में BJP प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में हेमंत गवर्नमेंट पर जमकर साधा निशाना

झारखंड बीजेपी कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक सोमवार को देवघर में शुरु हुआ। मिशन 2024 को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ। दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित करते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव मेंसभी सीटों पर जीत को लेकर विचर-विमर्श किया गया।

Jharkhand: देवघर में BJP प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में हेमंत गवर्नमेंट पर जमकर साधा निशाना
  • कई राजनीतिक प्रस्ताव पारित

देवघर। झारखंड बीजेपी कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक सोमवार को देवघर में शुरु हुआ। मिशन 2024 को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ। दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित करते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव मेंसभी सीटों पर जीत को लेकर विचर-विमर्श किया गया।

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बीजेपी के प्रस्ताव में झारखंड की हेमंत सोरेन गवर्नमेंट पर जमकर निशाना साधा गया। देवघर मैहर गार्डन में आयोजित बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया। बीजेपी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय मंत्री आशा लकड़ा की मौजूदगी में ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया गया। दुमका एमपी सुनील सोरेन ने प्रस्ताव पेश किया।  प्रस्ताव का समर्थन राजमहल एमएलए अनंत ओझा ने किया। राजनीतिक प्रस्ताव में केंद्र सरकार की उपलब्धियों और झारखंड की हेमंत सरकार की विफलताओं पर बात रखी गयी है।नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने का संकल्प कार्यसमिति में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के कार्यकाल को बढ़ाये जाने का स्वागत किया गया। वहीं, उनके कुशल नेतृत्व में पार्टी की सांगठनिक संरचना को बूथ स्तर तक धारदार एवं मजबूत बनाते हुए वर्ष 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी को तीसरी बार भारत का पीएम बनाने का संकल्प व्यक्त करती है।  कार्यसमिति में प्रस्ताव पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। गोड्डा एमपी डॉ निशिकांत दुबे, एक्स एमपी सूरज मंडल सहित कई सदस्यों ने सुझाव दिये।


झारखंड में परिसीमन हो, अनसर्वेड जिले के लिए भी नीति बने

 गोड्डा एमपी डॉ निशिकांत दुबे कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चाकरते हुए कहा कि झारखंड में परिसीमन लागू क्यों नहीं हो रहा है। एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीट ट्राइब्ल्स की कम हो रही है। इसका कारण है कि 2008 के बाद आदिवासियों की संख्या घट रही है। इसके निहितार्थ हैं बांग्लादेशी घुसपैठिये। इसलिए परिसीमन लागू होना चाहिए। 1932 खतियान लागू हो, इसमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आज तक जहां सर्वे हुआ ही नहीं, वैसे जिलों के लिए नीति बने। श्री दूबे ने कहा कि देवघर, जामताड़ा, मधुपुर, नाला, दुमका, धनबाद, बोकारो, चाइबासा, पलामू सहित कोल्हान का पार्ट जहां सर्वे नहीं हुआ, इन जिलों का मुद्दा भी राजनीतिक प्रस्ताव का पार्ट होना चाहिए। संताल परगना में साइबर क्राइम बड़ा मुद्दा है, जिसे आइएसआइ कंट्रोल कर रही है। बांग्लादेशी घुसपैठिये इस इलाके की डेमोग्राफी बदल रहे हैं, ये सारे मुद्दे होने चाहिए।
हेमंत गवर्नमेंट भ्रष्टाचार में लिप्त, डिसमिस करें सेंट्रल
एक्स एमपी सूरज मंडल कार्यसमिति की बैठक मेंराजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य की सरकार भ्रष्टाचार मेंलिप्त है. माफिया सरकार चला रहे हैं। ऐसी सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2024 में मोदी जी को कोई दिक्कत नहीं होगी, वे हैट्रिक लगायेंगे। लेकिन विधानसभा में पार्टी को गंभीर होने की जरूरत है। कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग के चेयरमैन लोकनाथ प्रसाद ने झारखंड मेंओबीसी को 52 प्रतिशत आरक्षण करनेकी अनुशंसा की थी, राजनीतिक प्रस्ताव में उक्त मुद्दे को लाना चाहिए। स्थानीयता नीति पर श्री मंडल ने कहा कि तत्कालीन रघुवर सरकार में बनी विधानसभा कमेटी मेंमंत्री अमर बाउरी की रिपोर्ट पर जो स्थानीयता नीति बनी थी, वह सही थी। लेकिन उस वक्त स्थानीयता नीति 1986 को आधार बना दिया गया। इस कारण यह नौबत आयी है। श्री मंडल ने कहा कि संताल परगना गरीब है। इसलिए भारत सरकार दुमका में हाइकोर्ट का बेंच बनाये। 
संताल परगना पर सेंट्रल का फोकस
प्रस्ताव में कहा गया कि संताल परगना क्षेत्र के विकास पर मोदी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। बाबाधाम में एयरपोर्ट और एम्स सहित पूरे राज्य को 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात मिली है। इसी देवघर की पावन धरती पर 1000 करोड़ की लागत से 48 किलोमीटर लंबी बाइपास की योजना प्रस्तावित है। साहेबगंज बंदरगाह के अलावा संताल परगना में रेल मार्गों का जाल बिछाया गया है। साहेबगंज बंदरगाह पर गंगा विलास क्रुज के ठहराव ने देश विदेश के पर्यटकों को झारखंड की लोक संस्कृति और परंपरा से जोड़ा है। यह ऐतिहासिक पहल झारखंड में पर्यटन की नयी क्रांति लायेगी।
BJP के विकास की लकीर को मिटा रही है हेमंत गवर्नमेंट
प्रस्ताव में कहा गया है कि दिसंबर 2019 में शपथ लेने वाली झारखंड सरकार ने राज्य की जनता को निराशा और हताशा सिवा कुछ नहीं दिया है। बीजेपी ने विकास की लकीर जहां तक खींची थी उसे भी मिटाने का काम इस सरकार ने किया है। दिशाहीन, नीति और नियत विहीन अवसरवादी सरकार, लूट, झूठ और भ्रष्टाचार की पर्याय बन चुकी है। इस सरकार नेगांव, गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, किसान, महिला, नौजवान सभी वर्गों के साथ छल किया है। झामुमो, कांग्रेस और राजद की महागठबंधन वाली यह सरकार महाठगबंधन सरकार साबित हुई है।
संताल परगना को लूट और भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु बना रही हेमंत सरकार
प्रस्ताव में कहा गया है कि एक ओर केंद्र सरकार संताल परगना के विकास के मार्गको प्रशस्त कर रही है। वहीं दूसरी ओर हेमंत सरकार इस क्षेत्र को लूट और भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु बना रही है। राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति के कारण गौ-तस्करी का सुरक्षित क्षेत्र बन गया है। केवल साहेबगंज जिलेमें 1000 करोड़ सेज्यादा के अवैध खनन घोटाले उजागर हुए हैं। राज्य संपोषित भ्रष्टाचार झारखंड में राज्य संपोषित भ्रष्टाचार ने प्रदेश में रिकार्ड बनाया है। यह एक कर्मचारी से शुरू होकर अफसर, एमएलए, मिनिस्टर और सीएम तक पहुंचकर समाप्त होता है। सीएम के विधायक प्रतिनिधि जेल में कैद हैं। सत्ता का संरक्षण ऐसा कि इन आरोपियों को जेल और हॉस्पिटल मे भी वीवीआइपी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। विधायक प्रतिनिधि तो जेल सेही अफसरों को आदेश दे रहे हैं। पूरे राज्य मेंखान–खनिज, बालू, जमीन की लूट के साथ भ्रष्टाचार का अमिट काला अध्याय लिखा जा रहा है। सरकारी योजनाओं, ठेका– टेंडर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ट्रांसफर–पोस्टिंग का उद्योग तेजी सेफल फूल रहा है।
परिवारवाद की नयी परिभाषा गढ़ रही सरकार
हेमंत सरकार में परिवादवाद का नया चेहरा उजागर हुआ है। केवल राजनीतिक भागीदारी के लिए ही नहीं बल्कि लूट और भ्रष्टाचार में भी परिवारवाद शामिल हुआ है। राज्य के जल, जंगल, जमीन को सोरेन परिवार अपनी जागीर समझ रहा है। आदिवासी व दलित विरोधी है हेमंत सरकार झारखंड सरकार आदिवासी, दलित विरोधी है। सरकार के हाथ आदिवासियों और दलितों के खून से सने हैं। सरकार गठन के साथ चाईबासा मेंआदिवासियों का सामूहिक नरसंहार हुआ। सिद्धो–कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मूकी हत्या, होनहार दारोगा रूपा तिर्की की हत्या, पशुत स्करों द्वारा संध्या टोपनो की हत्या, दलित नवयुवक संजू प्रधान की मॉब लिंचिंग, दलित देबू तुरी की पुलिस कस्टडी मेंहत्या सहित कई मामलों ने राज्य सरकार की आदिवासी एवं दलित विरोधी चेहरा उजागर किया है। आदिवासी सीएम होने के बावजूद बलात्कार की शिकार पीडि़तों में सर्वाधिक आदिवासी और दलित समाज की बहन–बेटियां हैं।
सरकार ने टीएसी को विवादित बनाया
हेमंत सरकार ने टीएसी के गठन को विवादित बना दिया। नगर निकाय चुनाव मेंमेयर सीट को आरक्षित करने में आदिवासी और दलित को लड़वाया। आदिवासियों के लिए आरक्षित औद्यौगिक भूमि को सीएम ने अपनी पत्नी के नाम करवाने और सीएनटी, एसपीटी एक्ट का सबसे अधिक उल्लंघन कर सोरेन परिवार द्वारा गरीबों की जमीन हड़पने की उपलब्धि इनके नाम दर्ज है। राज्य में खान–खनिज, बालू, जमीन की लूट के साथ भ्रष्टाचार का अमिट काला अध्याय लिखा जा रहा है। सरकारी योजनाओं, ठेका– टेंडर मेंभ्रष्टाचार का बोलबाला है। ट्रांसफर–पोस्टिंग का उद्योग तेजी सेफल फूल रहा है।
झारखंड में युवा विरोधी सरकार 
प्रत्येक वर्ष पांच लाख युवाओं को नौकरी देने के वायदों के अनुसार तीन साल में 15 लाख युवाओं को नौकरियां मिलती परंतु अब तक मात्र 357 लोगों को नौकरी दी गयी है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने मेंभी सरकार नाकाम रही है। राज्य का बेरोजगारी दर 18 फीसदी के आंकड़ों के साथ देश में पांचवें स्थान पर है जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी अधिक है।
महिला विरोधी है हेमंत सरकार
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार महिला विरोधी है। अपराधियों के निशानेपर सबसे अधिक महिलाएं, बहन, बेटियां हैं। दुमका का अंकिता प्रक्ररण, अरमान अंसारी द्वारा दुमका में आदिवासी नाबालिग लड़की के साथ रेप के बाद पेड़ से लटकाकर हत्या, रब्बानी अंसारी द्वारा धर्म छिपाकर नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ यौन शोषण कर कुएं में फेंकने का मामला, साहिबगंज में दिलदार अंसारी द्वारा पहाडि़या आदिवासी युवती रूबिका के 50 टुकड़े करने एवं पहचान छिपानेके लिए रूबिका की खाल तक उतारनेके महिला उत्पीड़न के बहुचर्चित मामले ने राज्य को पूरे देश में कलंकित करने का काम किया है।
PFI से जुड़े लोग बदल रहे डेमोग्राफी
पीएफआई से जुड़े लोगों ने आदिवासी लड़कियों से शादी करके संताल परगना में लगभग 10 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी है। इस इलाके की डेमोग्राफी तेजी सेबदल रही है। सरकार की तुष्टीकरण नीति के कारण लव जिहाद के मामले में भी वृद्धि हुई है।
झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त
झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हो चुकी है। विकास की बजाय हत्या, लूट, बलात्कार, साम्प्रदायिक हिंसा मेंप्रदेश अव्वल है।
लगातार बीजेपी एवं हिंदुवादी नेताओं को टारगेट कर हमले हो रहे हैं। उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है।  पांच हजार से अधिक रेप के मामले, 5258 मर्डर, 28234 चोरी, 1978 डकैती, 4485 किडनैपिंग के मामले सरकार के प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलती है।
स्वास्थ्य और बिजली व्यवस्था लचर
राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है। ना पर्याप्त अस्पताल हैंना पर्याप्त। राज्य के लोगों को 24 घंटे में से सिर्फ आठ घंटे ही बिजली मिल रही है।अंडरग्राउंड केबलिंग कार्य में राज्य सरकार विफल है।100 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली देनेकी घोषणा का वादा कर सत्ता में आयी सरकार अब किसानों के ऊपर मुकदमे दर्ज कर रही है। किसानों के बिजली कनेक्शन बिल बकाये के नाम पर काटे जा रहे हैं।
पेयजल पर सरकार गंभीर नहीं है, शिक्षा का भी हाल बेहाल
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना हर घर नल से जल को तेजी से धरातल पर नहीं उतारने के कारण राज्य में आज भी लोग लाल पानी पीने को विवश हैं। तीन वर्षों में कक्षा एक से लेकर 12 तक में पांच लाख विद्यार्थी बढ़ गये जबकि 4000 शिक्षक कम। राष्ट्रीय औसत 26 विद्यार्थी पर एक शिक्षक का तो झारखंड में 55 विद्यार्थी पर एक शिक्षक हैं। सरकार द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई। 6000 से अधिक विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे हैं। अधिकांश हाई स्कूल में पांच मुख्य विषयों के शिक्षक तक नहीं हैं। संताल परगना में हेडमास्टर बिना ही 8602 स्कूल चल रहे हैं। सीएम के जिले में एक भी स्कूल में हेडमास्टर नहीं हैं। सड़क की स्थिति दयनीय, सिंचाई में रुचि नहीं झारखंड में सड़कों की स्थिति दयनीय हो गयी है। राजधानी की सड़कें भी जर्जर और गड्ढों से भरी पड़ी है। पीएमजीएसवाई का हाल बुरा है। हेमंत सरकार को सिंचाई एवं जल संचय में कोई रूचि ही नहीं है और न ही इनकी प्राथमिकता में किसान एवं कृषि के लिए सिंचाई उपलब्ध कराना है। हेमंत सरकार ने सिंचाई का बजट घटाकर लगभग आधा यानी 14 सौ करोड़ रुपये कर दिया है।
वित्तीय कुप्रबंधन और विकास कार्य ठप
हेमंत सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण झारखंड के चालू वित्तीय वर्षमेंदिसंबर तक 57259 करोड़ की योजना बजट में से 25305 करोड़ मात्र 44 प्रतिशत राशि ही खर्च हुए हैं। राज्य सरकार पैसे का रोना रोती है जबकि खजाने में हजारों करोड़ रुपये पड़े हैं।
संवैधानिक संस्थाओं पर हमला
सरकार को संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ काम करने में महारत हासिल है। गवर्नर के खिलाफ सीएम द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर लोकतंत्र को कलंकित करने का काम किया गया। सीएम के प्रतिनिधि ईडी के खिलाफ कोर्ट गये।
कांग्रेस पार्टी दोहरा रही इतिहास, सत्ता सुख मेंदोहरा चरित्र उजागर
राज्य की सत्ताधारी गठबंधन की मुख्य घटक दल कांग्रेस पार्टी अपने इतिहास को ही दोहरा रही है। जनता जानती है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी भी है और उसकी पोषक भी। आजाद भारत में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार और घोटालों का रिकार्ड बनाया है। झारखंड में भी कांग्रेस जब–जब सत्ता की सहभागी बनी, अपने इतिहास को दोहराया। राज्य के जल, जंगल जमीन को लुटवाने में कांग्रेस पूरी तरह भागीदार है।
नाकामी को छुनानेके लिए खतियानी जोहार यात्रा
एक तरफ राज्य सरकार लूट, झूठ और भ्रष्टाचार मेंशामिल है वहीं दूसरी तरफ राज्य के मुखिया अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए खातियानी जोहार यात्रा का ढोंग कर रहे हैं।इस यात्रा में करोड़ों रुपये राज्य सरकार के खजाने से पानी की तरह बहाये जा रहे हैं।
ब्रिटेन को पछाड़ भारत दुनियांकी 5वीं अर्थव्यवस्था बना
दुनिया के सर्वमान्य नेता भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व मेंभारत पुन: विश्व गुरुगु के रूप मेंउभर रहा है। वैश्विक मंदी के दौर मेंभी भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की नीतियों और इसके प्रति उनकी सशक्त प्रतिबद्वता पर मुहर लगाती है। जब विपक्षियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था का हाल श्रीलंका सरीखे होने की बात कहकर मोदी सरकार की नीतियों का उपहास उड़ाया जा रहा था उसी दौरान भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनियां की 5वीं सबसेबड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
कोरोना काल मेंआर्थिक राहत पैकेज वरदान साबित हुआ
भारत को जी–20 की अध्यक्षता मिलना विश्व पटल पर भारत के बढ़तेमहत्व का परिचायक है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनेक असाधारण उपलब्धियों से देश का हर नागरिक गौरवान्वित है। स्वच्छ भारत अभियान, जनधन योजना, उज्जवला योजना, मुद्रायोजना, आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना, वन नेशन–वन राशन कार्ड, नागरिकता संशोधन कानून, अनुच्छेद–370 और तीन तलाक को समाप्त करना आदि के रूप मेंमोदी सरकार के ऐतिहासिक कार्यों की लंबी श्रृंखला है। 
जनजाति समुदाय को मिला सौगात 
 मोदी सरकार मेंजनजाति समुदाय को देश स्तर पर मिलेसौगातों को देखा जाए तो आदिवासी कल्याण का बजट 21 हजार करोड़ से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ किया गया। आवास के क्षेत्र में तीन गुणा वृद्धि की गई। 1.30 करोड़ आदिवासी घरों में पेयजल की व्यवस्था, 1.45 करोड़ घरों में शौचालय की व्यवस्था, तीन करोड़ से अधिक जनजातीय किसानों को प्रतिवर्ष डीबीटी के माध्यम से 6000 रूपया प्रतिवर्ष खाते में पहुंचायी जा रही है। 462 एकलव्य विद्यालय की सौगात दी गयी। मोदी सरकार द्वारा दो वित्तीय वर्ष में आदिवासी बहुल गांवों के विकास के लिए दिये गये 135 करोड़ रूपये में से मात्र 13 करोड़ खर्चकरना आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। राज्य सरकार नेअब तक अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं किया है।
चाईबासा और राजमहल सीट पर फोकस
बीजेपी की मिशन 2024 के तहत देवघर में दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पहले दिन झारखंड की हेमंत सरकार के खिलाफ उलगुलान का ऐलान किया गया। चाईबासा और राजमहल सीट पर फोकस करने पर जोर दिया, वहीं ग्रास रूट पर काम शुरू करनेकी बात भी कही गयी। बैठक मेंकहा गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की दो लोकसभा सीट चाईबासा और राजमहल मेंअधिक फोकस करना है। इन दोनों सीटों पर ग्रास रूट के स्तर पर अभी से काम शुरू होगा। हर मंडल में विस्तारक की नियुक्ति होगी व संगठन का काम जड़ तक मजबूत करना है। दोनों सीट पर नाराज कार्यकर्ताओं से मिलना है। हर मंडल में कैंप कर घर-घर बीजेपी के कार्यकार्ता जायेंगे। हर दिन के कार्यों की ऑनलाइन समीक्षा होगी व केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली तक रिपोर्ट जायेगी।

बैठक में राज्य के सभी 14 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल करनेका लक्ष्य रखा गया। हर सीट पर चुनाव के मद्देनजर संगठनात्मक कार्य तेज करना है। पांच फरवरी तक सभी जिलों में कार्यसमिति की बैठक कर लायेगी। 12 फरवरी तक मंडलों में कार्यसमिति की बैठक कर लायेगी। दोनों बैठकें मुख्यालय से दूर होगी। इन बैठकों में भोजन की नहीं व्यवस्था होगी, कार्यकर्ता घर से ही लंच बॉक्स लेकर आयेंगे। इसके बाद किसी एक कार्यकर्ता के घर पर सामूहिक भोजन करेंगे। प्रत्येक बूथ पर 11 फरवरी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समर्पण दिवस के रूप में मनायी जायेगी। 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती समरसता दिवस के रूप में मनायी जायेगी।सभी कार्यकर्ता अपने घरों में झंडा लगायेंगे।
कार्यसमिति की बैठक में पहले चरण में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में राज्य की राजनीतिक परिस्थियों की समीक्षा की गयी। कार्य योजना बनायी गयी। दूसरे चरण में सभी जिला प्रभारी व जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में सांगठनिक जिम्मेवारियां तय की गयी। 
बैठक में अन्नपूर्णा देवी, राज्यसभा एमपी आदित्य साहु, धनबाद एमपी पीएन सिंह, गोड्डा एमपी डॉ निशिकांत दुबे, जमशेदपुर एमपी विद्युतवरण महतो, पलामू एमपी बीडी राम, चतरा एमपी सुनील सिंह, दुमका एमपी सुनील सोरेन, रांची एमएलए सीपी सिंह, धनबाद एमएलए राज सिन्हा, हटिया एमएलए नवीन जायसवाल, कोडरमा एमएलए नीरा यादव, देवघर एमएलए सह जिलाध्यक्ष नारायण दास, सारठ एमएलए रणधीर सिंह, बोकारो एमएलए बिरंची नारायण, एमएलए जयप्रकाश भाई पटेल आदि उपस्थित थे।