झारखंड: शेल कंपनी मामले में हाई कोर्ट खारिज कर चुका है PIL, उन्हीं दस्तावेजों पर फिर किया गया PIL: AG
झारखंड एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने प्रेस कांफ़्रेंस कर शेल कंपनी के मामले में हुई सुनवाई पर स्टेट गवर्नमेंट का पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में शिवशंकर शर्मा पीआइएलकर्ता हैं। उन्होंने आठ अप्रैल 2021 में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट हुई सुनवाई के दौरान काफी नाराज था। इस याचिका से सप्लीमेंट्री एफिडेविट दायर करने के लिए पिटीशनर के एडवोकेट ने दो सप्ताह का समय लिया है।
रांची। झारखंड एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने प्रेस कांफ़्रेंस कर शेल कंपनी के मामले में हुई सुनवाई पर स्टेट गवर्नमेंट का पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में शिवशंकर शर्मा पीआइएलकर्ता हैं। उन्होंने आठ अप्रैल 2021 में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट हुई सुनवाई के दौरान काफी नाराज था। इस याचिका से सप्लीमेंट्री एफिडेविट दायर करने के लिए पिटीशनर के एडवोकेट ने दो सप्ताह का समय लिया है।
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महाधिवक्ता ने कहा सही साबित हुई तो कोर्ट सख्त कार्रवाई करेगा
दीवान इंद्रनील सिन्हा ने भी 2013 में एक पीआइएल दायर किया था। उसी याचिका से सभी पेपर को निकाल कर कॉपी पेस्ट किया गया है। जबकि इस पेपर के आधार पर दायर पीआइएल वर्ष 2013 में ही डिसमिस कर दिया गयाथा। 50 हजार का जुर्माना लगाया था।ईडी इस केस में सिर्फ पार्टी है। ईडी से सिर्फ रिपोर्ट मांगी गयी है। दीवान इंद्रनील सिन्हा ने जो याचिका दायर की थी, उस केस में भी राजीव कुमार एडवोकेट थे। इस पिटीशनर के भी एडवोकेट राजीव कुमार ही हैं।
एजी ने कहा कि सुनवाई में आज कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि अगर यह बात सही साबित हुई तो कोर्ट सख्त कार्रवाई करेगा। महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि अब तक इस मामले से जुड़े एक ही पक्ष की खबरें प्रकाशित हो रही थीं। मीडिया के समक्ष दोनों ही पक्षों की पूरी जानकारी आनी चाहिए।