गुमला में डायन बताकर पांच लोगों की मर्डर पर झारखंड हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान,चीफ सेकरेटरी व डीजीपी से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट ने गुमला में डायन-बिसाही के नाम पर एक ही फैमिली के पांच लोगों की निर्मम हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने गुरुवार को चीफ सेकरेटरी, होम सेकरेटरी डीजीपी और समाज कल्याण विभाग के सेकरेटरी से जवाब मांगा है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने गुमला में डायन-बिसाही के नाम पर एक ही फैमिली के पांच लोगों की निर्मम हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने गुरुवार को चीफ सेकरेटरी, होम सेकरेटरी डीजीपी और समाज कल्याण विभाग के सेकरेटरी से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने पूछा है कि इस घटना के बाद अब तक क्या कार्रवाई की गई। गवर्नमेंट की ओर से डायन-बिसाही के मामले से निबटने के लिए क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं। मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। सुनवाई के दौरान गुरुवार को चीफ जस्टिस ने महाधिवक्ता राजीव रंजन को बुलाया। कोर्ट ने उनसे कहा कि यह घटना शर्मनाक है और सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है। स्टेट में डायन-बिसाही के नाम पर हत्या और प्रताड़ना की घटनाएं लगातार हो रही हैं। डायन-बिसाही को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उसके बाद भी ऐसी घटना होना विचलित करने वाली है। सरकार को फिर से सोचना होगा और डायन-बिसाही कुप्रथा के खिलाफ असरदार तरीके से जागरूकता अभियान चलाना होगा।
कोर्ट ने कहा कि झालसा भी इस कुप्रथा के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके बाद भी इस तरह की घटना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है। कोर्ट ने झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) को भी घटनास्थल पर एक टीम भेज कर मामले की जांच करने और इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय कि पिछले सप्ताह गुमला के कामडारा थाना क्षेत्र के पकरा बुरुहातु गांव में पांच लोगों की टांगी से काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी।