Jharkhand Illegal Mining Case:ईडी के गवाह अशोक यादव को पुलिस ने भेजा था जेल, अब लगाया CCA
झारखंड के संताल परगना में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में ईडी के गवाह अशोक यादव को को साहिबगंज पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने अब अशोक यादव पर सीसीए भी लगवा दिया।
रांची। झारखंड के संताल परगना में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में ईडी के गवाह अशोक यादव को को साहिबगंज पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने अब अशोक यादव पर सीसीए भी लगवा दिया।
यह भी पढ़ें:CA सुमन ने उगला राज, इलिगल माइनिंग व मनरेगा घोटाले में कमीशन का पैसा कहां-कहां और किसके-किसके बीच बंटा
साहिबगंज के मुफ्फसिल पुलिस स्टेशन एरिया के सकरीगली पोस्ट स्थित समदा नाला का निवासी अशोक यादव पर साहिबगंज के डीसी व एसपी की अनुशंसा पर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 15 दिसंबर तक के लिए क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत निरुद्ध कर दिया है। सूचना है कि अब झारखंड हाई कोर्ट स्थित सीसीए बोर्ड से भी अशोक यादव पर सीसीए की अवधि बढ़ाने के लिए पुलिस प्रयासरत है।
ईडी को साहिबगंज पुलिस पर संदेह, मनी लॉन्ड्रिंग मामलों को कर रही कमजोर
इलिगल मामले में ईडी को साहिबगंज पुलिस से मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को खराब करने की आशंका है। इसको लेकर ईडी सतर्क हो गया है. ईडी को मिली कंपलेन से इस बात का खुलासा हुआ है कि कई ऐसे मामले हैं, जिसमें साहिबगंज पुलिस ने कार्रवाई करने में तो दिलचस्पी नहीं दिखाई। लेकिन उन मामलों को कमजोर करने का काम किया है। सोर्सेज का कहना है कि ईडी उन मामलों को लेकर विशेष रूप से सतर्क है, जिनमें झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा आरोपी हैं। ईडी ने इलिगल माइनिंग से संबंधित तत्काल ईसीआईआर में पांच महत्वपूर्ण मामलों को सम्मिलित किया। एक और महत्वपूर्ण मामला है, जिसमें लोअर कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं की गई है. सोर्सज का दावा है कि वर्तमान में कम से कम दो ऐसे मामले हैं, जिसमें या तो अभी तक एफआइआर नहीं की गई या मामले को झूठा मानकर बंद कर दिया गया।
साहिबगंज पुलिस ने बरहरवा टोल मामले में पंकज मिश्रा को दे दी क्लीन चिट
साहिबगंज जिले के बरहरवा पुलिस स्टेशन शंभू नंदन प्रसाद द्वारा मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की सेक्शन 147/149/341/342/323/379/120बी/504/506 के तहत एफआइआर दर्ज कराई गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे पंकज मिश्रा व मिनिस्टर ने फोन पर बरहरवा टोल के टेंडर में हिस्सा नहीं लेने की धमकी दी थी। मना करने पर पंकज मिश्रा के कहने पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। ईडी द्वारा इस मामले को हाथ में लेने से महीनों पहले, साहिबगंज पुलिस ने चार्जशीट दायर की और डिजिटल और अन्य सबूतों के बावजूद पंकज मिश्रा और मंत्री को क्लीन चिट दे दी। हालांकि, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे क्लीन चिट के बारे में बहुत बाद में पता चला और पुलिस ने उसे अंधेरे में रखा, इसलिए वह उपलब्ध कानूनी उपायों का सहारा नहीं ले सका। जांच के दौरान ईडी ने साहिबगंज पुलिस से पूछताछ की और बताया कि किस आधार पर पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दी गई थी।
ईडी ने रेड के दौरान बरामद किये थे करोड़ों रुपये
इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टिगेशन के दौरान ईडी ने गत आठ जुलाई को साहिबगंज में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व पंकज मिश्रा के अन्य सहयोगियों व स्टोन बिजनसमैन से जुड़े 20 ठिकानों पर एक साथ रेड की थी। इस रेड में ईडी ने कुल 5.32 करोड़ रुपये कैश बरामद की थी। रेड में करोड़ों के बैंकिंग लेन-देन व निवेश से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे। इसके लिए ईडी ने विधिवत जब्ती सूची तैयार की थी। जब्ती सूची पर नियमत: गवाहों का दस्तखत होता है। ईडी के जब्ती सूची पर तब अशोक यादव ने गवाह के तौर पर अपना साइन किया था।
मुंगेरी यादव का करीबी है अशोक यादव
अशोक यादव पंकज मिश्रा के प्रतिद्वंद्वी मुंगेरी यादव का करीबी है। ईडी की कार्रवाई के बाद ही साहिबगंज पुलिस ने मुंगेरी यादव को भी एक अन्य मामले में अरेस्ट कर जेल भेजा था और उसपर भी सीसीए के तहत कार्रवाई की है।
पुलिस ने 29 जुलाई को मुंगेरी व 30 जुलाई को अशोक यादव को अरेस्ट कर भेजा था जेल
साहिबगंज एरिया में आठ जुलाई की रेड के बाद से ही साहिबगंज पुलिस भी सक्रिय हो गई। साहिबगंज पुलिस ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में पहले 29 जुलाई को स्टोन किंग के नाम से जाना जानेवाले मुंगेरी यादव को अरेस्ट किया था। इसके अगले ही यानी 30 जुलाई को साहिबगंज पुलिस ने अशोक यादव को अरेस्ट किया था। अशोक यादव को दाहू यादव के जहाज पर फायरिंग मामले में साहिबगंज मुसफ्फिल पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में अरेस्ट किया गया था। उसपर आधा दर्जन केस है, जो बिजली चोरी, इलिगल माइनिंग व आर्म्स एक्ट से संबंधित हैं।