Jharkhand: दुमका में छात्रा को पेट्रोल डालकर युवती को जिंदा जलानेवाले शाहरुख और नईम को उम्रकैद
झारखंड की उपराजधानी दुमका में घर में सो रही छात्रा को जिंदा जलानेवाले मो शाहरुख हुसैन और उसके साथी मो नईम अंसारी उर्फ छोटू को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर एक लाख पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है।
- कोर्ट ने दोनों पर लगाया एक लाख पांच हजार का जुर्माना
दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका में घर में सो रही छात्रा को जिंदा जलानेवाले मो शाहरुख हुसैन और उसके साथी मो नईम अंसारी उर्फ छोटू को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर एक लाख पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है।
यह भी पढ़ें:Jharkhand: देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की मिली अनुमति, अब हर मौसम में 24 घंटे उड़ान भर सकेंगे विमान
कोर्ट ने जुर्माने की राशि पीड़िता के परिवार को भुगतान करनेका आदेश दिया। दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश और पॉक्सो कोर्ट के स्पेशल जज रमेश चंद्रा की कोर्ट ने दोनों को 19 मार्च को ही मामले मेंदोषी ठहराया था। सजा के बिंदु पर 28 मार्च को सुनवाई हुई। कोर्ट ने भादवि की धारा 302 के तहत मुख्य अभियुक्त शाहरुख हुसैन को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करनेपर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। वहीं भादवि की धारा 506 के तहत शाहरुख को दो साल की सजा सुनाई गई है। पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर उसे एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।शाहरुख के सहयोगी नईम अंसारी उर्फ छोटू को भादवि की 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उस पर 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर उसे भी एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा। दोनों दोषियों की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मामले में मुख्य आरोपी मो. शाहरुख हुसैन और उसके साथी मो. नईम अंसारी उर्फ छोटू की गिरफ्तारी हुई थी। मामले की छानबीन करने के लिए 12सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था। पुलिस ने चार्जशीट में 26 लोगों को गवाह बनाया था। पुलिस ने 102 पेज से अधिक की चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में समर्पित की थी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई गई सजा
दोनों दोषियों को जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई। दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने शाम को लगभग 4.30 बजे अपना फैसला सुनाया। कोर्ट में फैसला सुनाए जानेके वक्त दोनों पक्षों के लोग मौजूद थे। सजा सुनाए जाने के वक्त दोनों दोषियों के चेहरों पर मायूसी छायी हुई थी।
छात्रा के पिता, बड़ी बहन बहनोई थे कोर्ट में मौजूद
फैसले के समय पीड़ित छात्रा के पिता, बड़ी बहन, बहनोई एवं कई दोस्त कोर्ट पहुंचे हुए थे। फैसलेके बाद कोर्ट के बाहर छात्रा के पिता ने कहा कि दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा मिलने पर परिवार को संतोष मिला है। कोर्ट पर उन्हें भरोसा था। दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा मिल गई।
बचाव पक्ष ने कोर्ट से लगाई कम सजा की गुहार
बचाव पक्ष के अधिवक्ता सिकंदर मंडल व पीड़ित पक्ष की ओर से लोक अभियोजक चम्पा कुमारी बहस कर रही थीं। सुनवाई के दौरान कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि दोनों दोषियों का पूर्व में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। न ही समाज में दोनों बदनाम हैं। अधिवक्ता ने कोर्ट से गुजारिश करते हुए कहा कि दोनों के जीवनस्तर को देखते हुए कम से कम सजा दी जाए। वहीं लोक अभियोजक चम्पा कुमारी ने कहा कि यह घटना बहुत ही जघन्य है, इसलिए दोनों दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
फ्लैश बैक
दुमका टाउन के जरुवाडीह मुहल्ला स्थित अपने घर के कमरे में 17 वर्षीय छात्रा सोई थी। 23 अगस्त 2022 की अलसुबह खिड़की से बेड पर पेट्रोल छिड़क कर माचिस से आग लगा दी गई थी। इससे छात्रा गंभीर रूप से झुलस गई थी। एकसप्ताह तक वह मौत से संघर्ष करती रही। अंतत: रांची के रिम्स मेंइलाज के दौरान उसने 27 अगस्त 2022 को दम तोड़ दिया था। छात्रा को पेट्रोल छिड़ककर जलानेकी घटना के बाद पूरे दुमका जिले में लोगों ने आंदोलन किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लोग सड़कों पर उतरे थे।
12 सदस्यीय एसआईटी ने की थी जांच
27 अगस्त की मौत के बाद जब छात्रा का बॉडी दुमका पहुंचा तो मुहल्ले का वातावरण पूरा गमगीन हो गया था। हल्ले में सुरक्षा- व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। दुमकावासी दोनों दोषियों को फांसी की सजा देनेकी मांग कर रहे थे। इस मामले 12 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया गया था। रांची पुलिस हेडक्वार्टर से एडीजी, सीआईडी सहित कई सीनीयर अफसर दुमका जांच पड़ताल करने के लिए पहुंचे थे। एसआईटी ने 112 पेज के चार्जशीट को 10 सितम्बर 2022 को कोर्ट में समर्पित कर दिया था। पुलिस ने चार्जशीट में 26 लोगों को गवाह बनाया था। 23 सितम्बर 2022 को चार्जफ्रेम कर गवाहों को नोटिस जारी किया था। 28 अक्टूबर से गवाहों की गवाही शुरू हो गई थी। 17 माह के बाद 19 मार्च को दोनों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था।
शाहरुख से तंग आकर छात्रा ने छोड़ दिया था स्कूल जाना
बताया जाता है कि 17 वर्षीय छात्रा से हत्यारोपी शाहरुख हुसैन एकतरफा प्यार करता था। घटना के दो साल पहले से ही छात्रा को आरोपी ने परेशान कर रखा था। छात्रा ने आग से झुलसने के बाद पीजेएमसीएच, दुमका मे इलाज के दौरान मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था कि आरोपी शाहरुख ने सहेली से उसका मोबाइल नंबर ले लिया था। फोन कर परेशान करने लगा था। उससे वह बातचीत करना पसंद नहीं करती थी। स्कूल सेआने-जाने के ममय भी उसे परेशान एवं छेड़छाड़ किया करता था। तंग आकर पिता ने स्कूल जाना बंद करवा दिया था। आरोपी ने उसके घर में पत्थरबाजी भी की थी। छात्रा को जान से मारने की धमकी भी दी थी। जिससे वह काफी डरी सहमी थी। 23 अगस्त को आरोपी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर घटना को अंजाम दे दिया।