एमपी निशिकांत दुबे के विरोध में झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन गोलबंद, स्टेट प्रसिडेंट के खिलाफ साजिश का आरोप
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन सभी शाखाओं के पदाधिकारी व सदस्य के स्टेट प्रसिडेंट राकेश कुमार पांडेय के समर्थन में गोलबंद हो गये हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे पर एक साजिश के तहत काम करने का आरोप लगाया है।
- आरोप लगने के बाद पद छोड़ने की तैयारी में पुलिस मेंस एसोसिएशन प्रसिडेंट
रांची। झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन सभी शाखाओं के पदाधिकारी व सदस्य के स्टेट प्रसिडेंट राकेश कुमार पांडेय के समर्थन में गोलबंद हो गये हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे पर एक साजिश के तहत काम करने का आरोप लगाया है।
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन की एसीबी ब्रांच, झारखंड जगुआर शाखा व झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन की रांची शाखा ने बयान जारी कर एमपी की निंदा की।पदाधिकारियों ने कहा कि 21 जून को एमपी ने सीएम हेमंत सोरेन को एक ट्वीट कर आरोप लगाया था कि एमएलए प्रदीप यादव पर दर्ज रेप के केस को उठाने के लिए झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय पीड़िता को धमका रहे हैं। पीड़िता से 22 जून को मेंस एसोसिएशन के प्रसिडेंट के खिलाफ एक आवेदन भी बोकारो के एसपी को दिलवा दिया।एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि यह कृत्य सस्ती लोकप्रियता पाने या फिर से पीड़िता को बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने से संबंधित हो सकता है। पूर्व में भी एमपी निशिकांत दुबे सिपाही-हवलदार से लेकर पुलिस के सीनीयर अफसरों पर बेबुनियाद आरोप लगाते थे, जिसका प्रदेश अध्यक्ष खंडन करते थे। इसी बौखलाहट में सांसद ने प्रदेश अध्यक्ष को फंसाने के लिए पीड़िता उकसाया।
आरोप से आहत पुलिस मेंस एसोसिएशन प्रसिडेंट पद छोड़ने की तैयारी में!
एमएलए के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता पर दवाब डालने को लेकर गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे ने झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन प्रसिडेंट राकेश कुमार पांडेय पर आरोप लगाये थे। आरोप से राकेश कुमार पांडेय आहत हैं। वह पद छोड़ने का विचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने सभी समर्थकों का आभार प्रकट करते हुए पद छोड़ने की संभावना जताया है।
उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपना बात रखते हुए कहा है कि जो खबर उनके संबंध में आई है वाह कुछ महत्वकांक्षी षड्यंत्रकारी लोगों का अपना स्वार्थ सिद्धि करने से संबंधित है। झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन सदैव अपने सदस्यों का बात पुलिस हेडक्वार्टर से लेकर सरकार व प्राधिकार तक पहुंचा कर अपने सदस्यो को अधिक से अधिक बुनियादी सुविधा दिलाने का काम करता रहा है। किसी भी कार्य से झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन का नाम कोई धूमिल नहीं कर सकता है। व्यक्ति विशेष से बड़ा संगठन है।
प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनकी जवाबदेही है कि वे अपने लोगों का सम्मान बचाने के साथ-साथ संगठन का भी नाम ऊंचाई और बुलंदियों पर ले जाएं। उनके किसी भी कार्य से अगर संगठन की छवि धूमिल होती है तो सदस्यों का मनोबल गिरता है। ऐसी नौबत आती है तो वे पद को त्याग देंगे। आप सभी ने जिस प्रकार अपने समर्थन से षडयंत्रकारियों को करारा जवाब देते हुए मनोबल को बढ़ाया है वह बेकार नहीं जायेगा। सच्चाई परेशान हो सकती है परंतु गुम नहीं हो सकता।