Jharkhand: रामगढ़ के एक्स एमएलए ममता देवी व और राजीव जायसवाल को हाइकोर्ट से मिली बेल
झारखंड हाइकोर्ट में गोला गोलीकांड में रामगढ़ की एक्स एमएलए ममता देवी और बीजेप लीडर राजीव जायसवाल को मिली सजा को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल अपील की सुनवाई हुई। दोनों सजायाफ्ता की ओर से दायर बेल पिटीशन पर भी भी सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने ममता देवी, राजीव जायसवाल के अधिवक्ता एवं राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद ममता देवी एवं राजीव जायसवाल को बेल प्रदान कर दी।
रांची। झारखंड हाइकोर्ट में गोला गोलीकांड में रामगढ़ की एक्स एमएलए ममता देवी और बीजेप लीडर राजीव जायसवाल को मिली सजा को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल अपील की सुनवाई हुई। दोनों सजायाफ्ता की ओर से दायर बेल पिटीशन पर भी भी सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने ममता देवी, राजीव जायसवाल के अधिवक्ता एवं राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद ममता देवी एवं राजीव जायसवाल को बेल प्रदान कर दी।
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बेल मिलने से ममता देवी के जेल के बाहर जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है। इसी से संबंधित एक मामले में उन्हें पूर्व में जमानत मिल चुकी है। हाइकोर्ट के जस्टिस नवनीत कुमार की कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। सरकार की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार एवं भोलानाथ ओझा ने पैरवी की। ममता कुमारी की ओर से अधिवक्ता एके साहनी, राजीव जायसवाल की ओर से अधिवक्ता एके कश्यप ने पैरवी की।
इस मामले में 13 दिसंबर 2022 को ममता देवी और राजीव जायसवाल को पांच साल की सजा मिली थी। सजा को चुनौती देते हुए ममता देवी और राजीव जायसवाल की ओर से हाइकोर्ट में अपील दाखिल की गयी है। साथ ही बेल की गुहार भी लगायी गयी है। 13 दिसंबर 2022 को हजारीबाग जिला जज चतुर्थ कुमार पवन की अदालत ने ममता देवी एवं अन्य को पांच साल की सजा सुनायी थी। 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था। आठ दिसम्बर को एमएलए ममता देवी दोषी करार दिये जाने के बाद पुलिस ममता देवी को कस्टडी में लेकर जेल भेजी थी। एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट ने 307, आर्म्स एक्ट सहित आधा दर्जन धाराओं में ममता देवी समेत 13 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
फायरिंग में हुई थी कई लोगों की मौत
रामगढ़ के गोला पुलिस स्टेशन एरिया में 29 अगस्त 2016 को आइपीएल कंपनी को बंद कराने को लेकर कंपनी के सामने ममता देवी के नेतृत्व नागरिक चेतना मंच के बैनर तले 150-200 संख्या में ग्रामीण धरना पर बैठे थे। इस दौरान ग्रामीण उग्र हो गये थे। पुलिस को आत्मरक्षा और बचाव को लेकर फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कुछ लोगों की मौत हो गयी थी। दो से तीन दर्जन लोग घायल भी हो गये थे। बतौर मजिस्ट्रेट तैनात सीओ, बीडीओ और थानेदार सहित अन्य जवानों को भी चोट आयी थी। गोली कांड को लेकर रजरप्पा और गोला पुलिस स्टेशन में चार अलग अलग एफआइआर दर्ज करायी गयी थी। इनमें गोला थाना में कांड संख्या 65/2016,रजरप्पा थाना कांड संख्या 81 /2016, गोला थाना कांड संख्या 64/2016 शामिल है।