झारखंड: तीन विदेशी तब्लीगी महिलाओं ने क्वारंटाइन सेंटर में बनाये फिजीकल रिलेशन, हुई प्रेगनेंट
जहां रखना था सोशल डिस्टैंसिंग, वहां बना लिए शारीरिक संबंध। हो गये प्रेगनेंट। मामला है तब्लीगी जमात से जुड़ी तीन विदेशी महिलाओं का। क्वारंटाइन सेंटर और जेल में रहते हुए तीनों के प्रेगनेंट होने के खुलासे के बाद प्रशासन सकते
- एडिशनल कलेक्टर को मिली जांच की जिम्मेवारी
रांची। जहां रखना था सोशल डिस्टैंसिंग, वहां बना लिए शारीरिक संबंध। अब हो गये प्रेगनेंट। मामला है तब्लीगी जमात से जुड़ी तीन विदेशी महिलाओं का। क्वारंटाइन सेंटर और जेल में रहते हुए तीनों के प्रेगनेंट होने के खुलासे के बाद प्रशासन सकते हैं। रांची के खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की तीन विदेशी महिलाओं के प्रेगनेंट होने के मामला की डीसी छवि रंजन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। एडिशनल कलेक्टर मामले की जांच करेंगे।
111 दिनों से प्रशासन की कड़ी निगरानी में रहने के बाद भी हो गयीं प्रेगनेंट
क्वारंटाइन सेंटर में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन क्यों नहीं हुआ, इस सेंटर की निगरानी का जिम्मा किसके जिम्मे थे उससे पूछताछ की जाएगी। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन व वीजा नियमों के उल्लंघन के मामले में तब्लीगी जमात के 17 विदेशी नागरिकों के विरुद्ध रांची के हिंदपीढ़ी पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज है। इस मामले में सभी विदेशी नागरिक अरेस्ट किये गये थे। तीनों महिलाएं उनके पति समेत 17 विदेशी 30 मार्च से खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में थे, जहां से 20 मई को सभी बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार में भेजे गये थे। हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंगलवार को सभी जेल से बाहर निकले तो पता चला कि तीनों महिलाएं तीन माह की प्रेगनेंट हैं। दो माह पूर्व जेल में जाने से पहले महिलाओं ने बताया था कि वे एक-एक माह की प्रेगनेंट हैं, जबकि वे 50 दिनों से क्वारंटाइन सेंटर में थीं।
अब सवाल उठ रहा है कि पहले क्वा्रंटाइन सेंटर और फिर बिरसा मुंडा जेल में करीब चार माह बिताने वाली तब्लीकगी जमात से जुड़ीं तीनों विदेशी महिलाएं 111 दिनों से प्रशासन की कड़ी निगरानी में रहने के बाद भी प्रेगनेंट कैसे हुई। रांची के हिंदपीढ़ी में बड़ी मस्जिद से पकड़े गये तब्लीिगी जमात के 17 विदेशी मौलवियों में तीन महिलाएं जेल से छूटने के बाद प्रेगनेंट मिली हैं। कहा जा रहा है ये जेल में नहीं राजधानी रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में प्रेगनेंट हुई हैं। जहां सोशल डिस्टैंसिंग के सख्त रूल्स की अनदेखी कर इन महिलाओं ने खुलकर शारीरिक संबंध बनाए। नतीजतन वे प्रेगनेंट हो गईं।अभी ये तीनों महिलाएं तीन से चार महीने की प्रेगनेंट हैं। भले ही मामले में रांची जिला प्रशासन ने इन तीन प्रेगनेंट महिलाओं के मामले में जांच शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर खेलगांव क्वाारंटाइन सेंटर में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने के बदले वहां तब्लीागी महिलाएं कैसे प्रेगनेंट हो गईं, इस पर अफसरों ने मौन साध ली है। मामले में यहां लापरवाही हुई। हालांकि इसका दोषी कौन है, ये बताने को कोई तैयार नहीं।
तीन तब्लीागी महिलाएं ऐसे हुई प्रेगनेंट
रांची के खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में जिन तीनतब्लीकगी महिलाओं के प्रेगनेंट होने के के पीछे सबसे बड़ी वजह सोशल डिस्टैंसिंग के अनुपालन के बदले शारीरिक संबंध बनाने को कहा जा रहा है। इन महिलाओं के जेल से छूटने के बाद जो ताजा मेडिकल रिपोर्ट आया है, उसके मुताबिक ये तीनों महिलाएं खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में रहते हुए ही प्रेगनेंट हुई हैं।रांची पुलिस रिकार्ड के अनुसार इन सभी विदेशियों को इस साल 30 मार्च को कस्टडी में लिया गया था। इसके बाद सभी को खेलगांव के क्वाकरंटाइन सेंटर में रखा गया। महामारी एक्ट में केस दर्ज होने के बाद कोर्ट ने 18 अप्रैल को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। लगभग 50 दिनों के बाद 20 मई को सभी 17 विदेशी मौलवियों को रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया, जहां तीन महिलाओं में से दो ने एक माह का प्रेगनेंट होने की जानकारी मौखिक तौर पर जेल प्रशासन को दी। झारखंड हाई कोर्ट से मंगलवार 21 जुलाई को सभी को बेल मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। इसके बाद तीनों तब्लीिगी महिलाओं के प्रेगनेंट होने का खुलासा हुआ।
अभी अपने देश नहीं लौट सकते 17 विदेशी
झारखंड हाई कोर्ट से सशर्त बेल मिलने के बाद जेल से बाहर आए तब्लीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिक रांची में ही रह रहे हैं। नौ पुरुष कडरू स्थित एक घर में ठहरे में हैं। जबकि आठ लोग (चार दंपती) गुदड़ी चौक मिशन रोड में रह रहे हैं। लोकल तब्लीगी जमात के लोगों ने ही उनके रहने की व्यवस्था की है। हाईकोर्ट से 15 जुलाई को इन्हें इस शर्त पर बेल मिली थी कि जब तक केस समाप्त नहीं हो जाता कोई भी विदेशी इंडिया छोड़कर नहीं जायेगा। 17 विदेशियों में से मलेशिया की एक 22 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित पाई गई थी। झारखंड में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला था। निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक आयोजन में शामिल होकर ये सभी ट्रेन से रांची आये थे। इन पर लॉकडाउन और वीजा उल्लंघन का मामला दर्ज है।