Jharkhand: साहिबगंज के बरहेट में कोयला ढोने वाली दो मालगाड़ी आपस में टकरायी, दो की मौत
झारखंड के साहिबगंज जिले में बरहेट यार्ड के समीप एनटीपीसी के एमजीआर लाइन पर मंगलवार सुबह दो मालगाड़ियां अपास में टकरा गयी। टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ और कोयला लदी मालगाड़ी के इंजन में आग लग गयी। इस हादसे में पहले से खड़ी मालगाड़ी के दो लोको पायलट की मौत हो गयी।

साहिबगंज। झारखंड के साहिबगंज जिले में बरहेट यार्ड के समीप एनटीपीसी के एमजीआर लाइन पर मंगलवार सुबह दो मालगाड़ियां अपास में टकरा गयी। टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ और कोयला लदी मालगाड़ी के इंजन में आग लग गयी। इस हादसे में पहले से खड़ी मालगाड़ी के दो लोको पायलट की मौत हो गयी।
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इस हादसे में चार कर्मचारी घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए बरहेट सीएचसी में भेजा गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेफर कर दिया गया। घायलों को मालदा भेजा गया है। मृतकों में बोकारो जिला के सेक्टर नौ निवासी 32 वर्षीय अंबुज महतो तथा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज निवासी ज्ञानेश्वर माल शामिल हैं। घायलों में जितेंद्र कुमार, उदय मंडल, राम घोष और टीके नाथ शामिल हैं।
मंगलवार की सुबह लगभग 3:30 बजे में कोयला लेकर जा रही दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गयी थीं।एक मालगाड़ी ललमटिया से फरक्का की ओर जा रही थी। जबकि दूसरी मालगाड़ी फरक्का से ललमटिया की ओर जाने के लिए खाली ट्रैक पर खड़ी थी। हादसे के बाद कोयला लदी मालगाड़ी का इंजन पटरियों से उतरकर जमीन में धंस गया।घटना के बाद मालगाड़ी के इंजन में आग लग गई थी। इसकी सूचना लोगों ने अग्निशमन विभाग को भी दी। इसके बाद साहिबगंज और राजमहल से दो दमकल मौके पर भेजी गयी।
दमकल कर्मियों ने पहुंचकर आग पर काबू पाया। बताया जाता है कि फरक्का से ललमटिया जा रही खाली मालगाड़ी बरहेट में बनाये गये साइड लाइन में खड़ी थी। कोयला लेकर फरक्का जा रही मालगाड़ी को सीधे जाना था, लेकिन कंट्रोलर की गलती से वह भी साइड लाइन पर चली गयी और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से जा टकरायी।दोनों मालगाड़ी में दो-दो इंजन लगे थे। घटना हुए साढ़े चार घंटे से अधिक बीतने के बाद भी एनटीपीसी के कोई पदाधिकारी सुबह आठ बजे तक घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था। इससे कर्मियों में भी काफी आक्रोश देखा गया।
इंडियन रेलवे का नहीं है ये ट्रैक
कोयला ढोने वाली मालगाड़ियों के टकराने की घटना को लेकर इंडियन रेलवे ने अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट की है। रेलवे ने कहा है कि यह एनटीपीसी के स्वामित्व वाली एमजीआर लाइन (मेरी गो राउंड) एक निजी ट्रैक है। इसे एनटीपीसी के द्वारा ही संचालित किया जाता है।रेलवे ने कहा है कि ये रेल मार्ग कहलगांव और फरक्का ताप विद्युत संयंत्रों को जोड़ता है और इसे आमतौर पर 'एनटीपीसी ललमटिया एमजीआर' के नाम से जाना जाता है। ऐसे में इस हादसे का भारतीय रेलवे से कोई संबंध नहीं है।जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद एनटीपीसी ने रेलवे के मालदा मंडल से सहायता मांगी है। इसके तहत 140 टन की क्रेन भेजने के लिए अनुरोध किया गया है।कोलकाता में रेलवे के सीपीआरओ डी दत्ता का कहना है कि क्रेन साहिबगंज से भेजी जा रही है और रेल मार्ग बहाली कार्य में एनटीपीसी के अफसरों की हर संभव मदद की जा रही है।