झारखंड आंदोलनकारियों को नहीं मिल सकता स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा, विधानसभा मेंआलमगीर ने दी जानकारी
ग्रामीण विकास व संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं दिया जा सकता। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्हें मिलनेवाला मानदेय बढ़ाया गया है।
रांची। ग्रामीण विकास व संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं दिया जा सकता। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्हें मिलनेवाला मानदेय बढ़ाया गया है।
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मानदेय नहीं आंदोलनकारियों को चाहिए सम्मान
आजसू एमएलए सुदेश महतो ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को सम्मान चाहिए, मुआवजा नहीं।इसपर चर्चा के दौरान कई विधायकों ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को तीन-चार हजार रुपये मानदेय नहीं, उन्हें सम्मान चाहिए। विधायकों ने झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग में आंदोलनकारियों की पहचान को लेकर बड़ी संख्या में लंबित आवेदनों पर भी सवाल उठाये। कहा कि आंदोलनकारियों की पहचान में कैजुअल रवैया अपनाया जा रहा है, जो ठीक नहीं है। आयोग के सुदृढ़ीकरण व इसके स्थायी करने की भी मांग उठी। सुदेश ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग में सात हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं। झामुमो विधायक मथुरा महतो ने जो आंदोलनकारी जेल नहीं गये, उन्हें भी सम्मान देने की मांग उठाई। स्टीफन मरांडी ने आयोग में संसाधन नहीं होने पर सवाल उठाए। वहीं, आजसू विधायक लंबोदर महतो ने झारखंड आंदोलन के दौरान मृत लोगों की पहचान कर उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग की।
श्रमिक मित्र नहीं हटाये जायेंगे
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि वर्ष 2015 में प्रखंड स्तर पर बहाल किये गये 526 श्रमिक मित्र नहीं हटाए जायेंगे। इससे पहले एमएलए सरयू ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि राज्य सरकार ने अब पंचायत स्तर पर श्रमिक मित्रों का चयन करने का निर्णय लिया है। इसकी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि वैसे श्रमिक मित्र जो तीन साल तक काम कर चुके हैं, उन्हें पंचायत स्तर चयनित होनेवाले श्रमिक मित्रों में दोबारा शामिल नहीं किया जाएगा।
आरोपित इंजीनियर को कंट्रेक्ट पर नियुक्त करने पर सवाल
एमएलए प्रदीप यादव ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में आरोपित इंजीनियर विमल कुमार झा को एक साल के लिए कंट्रेक्ट पर बहाल किए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सीबीआइ भी उनके विरुद्ध जांच कर रही है। मिनिस्टर मिथिलेश ठाकुर ने इंजीनियर के विरुद्ध कोई आरोप नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि ऐसे इंजीनियरों को विभाग की जरूरत है। हालांकि उन्होंने प्रदीप यादव द्वारा चुनौती दिए जाने पर चीफ सेकरेटरी द्वारा इसकी जांच कराने का आश्वासन दिया।
जेएमएम एमएलए ने कहा- मिनिस्टर काम नहीं करते, जनता में होती है बदनामी
बजट सत्र के दौरान बुधवार को दूसरी पाली में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर अपनी पार्टी के के साथ-साथ कांग्रेस एमएलए के भी निशाने पर रहे। किसी ने तंज कसा तो किसी ने सीधे आरोप लगाए। बीजेपी एमएलए ने भी विभिन्न मुद्दों को लेकर भ्रष्टाचार तक के आरोप लगाए। जवाब देते हुए ठाकुर ने बीजेपी नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि सभी को पानी-पानी कर दूंगा। कुछ देर के लिए हंगामा हुआ।इसके बाद बीजेपी एमएलए सदन का बहिष्कार कर निकल गये।
जेएमएम एमएलए दिनेश विलियम्स मरांडी पूरे फार्म में दिखे
जेएमएम एमएलए दिनेश विलियम्स मरांडी मोमेंटम झारखंड पर भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए बढ़े तो अपनी पार्टी के मिनिस्टर का भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कि पेयजल व स्वच्छता मंत्री गढ़वा में अधिक समय देते हैं, जिससे प्रदेश में हो रही गड़बड़ियों का संज्ञान उन्हें नहीं है। मंत्री काम नहीं करते तो बदनामी होती है। उन्होंने इस मसले पर मुख्यमंत्री से भी चर्चा करने की बात कही। भाजपा को हाथी उड़ाने वाली पार्टी करार दिया। मंत्री से आग्रह किया कि गढ़वा से बाहर निकलकर दूसरे जिलों में भी देखें। पंचायतों में कम से कम 25 चापाकल लगवाने की मांग भी उन्होंने की।
गबन के आरोपित इंजीनियर को चीफ बनाने का मामला उठा
अनुदान मांगों पर बीजेपी एमएलए अनंत ओझा एवं अमित मंडल के कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अनंत ओझा ने कहा कि महत्वपूर्ण जगहों पर भ्रष्ट अफसर बैठे हुए हैं। निर्मल भारत खाते से 57 लाख के गबन के आरोपी को इंजीनियर इन चीफ बनाने की तैयारी चल रही है। घोटालेबाज अफसर राज्य का भला नहीं कर सकते। एमएलए अमित मंडल ने कहा कि सरकार बोलती कुछ और है और करती कुछ और है।
रोजगार के नाम पर युवाओं को गड्ढा खोदने का काम दे दिया
हजारीबाग एमएलए मनीष जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस रोजगार के नाम पर युवाओं को गड्ढा खोदने का काम सौंप दिया। किसी भी गांव में जाइए तो सबसे जर्जर भवन इंदिरा आवास योजना का मिलता है। दूसरी ओर मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना आदि के माध्यम से गरीबों को सम्मान देने का काम किया। उन्होंने कहा कि पूरे साल में 11 प्रतिशत राशि खर्च करनेवाली सरकार को इतने पैसे कैसे खर्च करेगी यह पता नहीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न मामलों के आरोपी अभियंता रघुनंदन शर्मा को इंजीनियर इन चीफ बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में विभाग को राशि मिली तो वह भी घोटाले की भेंट चढ़ जाएगी।
हर पंचायत में दस-दस चापाकल लगाने की ममता ने की मांग
कांग्रेस एमएलएक ममता देवी ने हर पंचायत में दस-दस चापाकल देने की मांग की। उन्होंने कई क्षेत्रों को ओडीएफ घोषित किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई और जांच की मांग की। प्रदीप यादव ने पुनासी जलाशय योजना और ऐसी अन्य पुरानी योजनाओं की जांच की मांग की जिसमें सिर्फ पैसे खर्च हो रहे हैं। कहा, पिछली सरकार ने झूठ का सहारा लेकर कई इलाकों को ओडीएफ करार दिया। इसकी जांच की मांग के साथ ही उन्होंने राज्य सिंचाई आयोग बनाने की भी मांग की।