Jharkhand:बाबूलाल मरांडी का गंभीर आरोप, अनुराग गुप्ता के डीजीपी होने से IPS नहीं बन सके स्टेट के पुलिस अफसर
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में स्वीकार करने से एक बार फिर इनिकर कर दिया है। स्टेट पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग में प्रोन्नति के लिए यूपीएससी में गठित समिति में संबंधित स्टेट के चीफ सेकरेटरी, होम सेकरेटरी व डीजीपी नामित सदस्य होते हैं।

रांची। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में स्वीकार करने से एक बार फिर इनिकर कर दिया है। स्टेट पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग में प्रोन्नति के लिए यूपीएससी में गठित समिति में संबंधित स्टेट के चीफ सेकरेटरी, होम सेकरेटरी व डीजीपी नामित सदस्य होते हैं। डीजीपी अनुराग गुप्ता के नाम पर यूपीएससी ने असहमति जतायी, जिस कारण मंगलवार को प्रोन्नति समिति की बैठक टल गयी है।
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समाचारों से पता चला है कि झारखंड पुलिस सेवा के अफ़सरों की आईपीएस में प्रोन्नति के लिये आयोजित यूपीएससी की बैठक इसलिये रद्द हो गई क्योंकि रिटायरमेंट के बाद भी अवैध एवं ग़ैरक़ानूनी रूप से डीजीपी के पद पर काम कर रहे अनुराग गुप्ता को उस बैठक में शामिल रखने से यूपीएससी से मना कर दिया।…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 13, 2025
झारखंड स्टेट पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस में प्रोमोशन को लेकर आहूत यूपीएससी की बैठक ना होने के दूसरे दिन विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने गंभीर आरोप लगाया है। बाबूलाल ने बयान जारी कर इसके लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने उन्हें बैठक में शामिल रखने से मना कर दिया। इस कारण 12 अगस्त को बैठक नहीं हो सकी। डीजीपी के वजह है कि मंगलवार को प्रस्तावित प्रोन्नति समिति की बैठक नहीं हो सकी। इस बैठक के लिए अगली तिथि भी निर्धारित नहीं हुई है।
यूपीएससी में आईपीएस प्रमोशन के लिए झारखंड से 17 सीनियर डीएसपी के नाम भेजी गयी है। UPSC की बैठक झारखंड में आईपीएस के कुल नौ रिक्त पदों पर प्रमोशन के लिए प्रस्तावित थी। इसमें बैठक में शामिल होने वालों में चीफ सेकरेटरी अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल व डीजीपी अनुराग गुप्ता को शामिल होने संबंधित सूचना यूपीएससी को दी गयी थी।
यूपीएससी ने बैठक से एक दिन पहले ही पत्राचार कर राज्य सरकार को बता दिया था कि उक्त बैठक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा। इसके बावजूद मंगलवार को मुख्य सचिव व गृह सचिव शामिल हुईं। तर्क दिया कि राज्य सरकार ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया है। उन्हें राज्य सरकार की डीजीपी नियुक्ति नियमावली के तहत डीजीपी बनाया गया है, जो वैध है। इसके बावजूद यूपीएससी ने उनके तर्क को स्वीकार नहीं किया। इसके चलते प्रोन्नति समिति की बैठक नहीं हो सकी।
17 सीनीयर डीएसपी के प्रमोशन को ले होनी थी बैठक
झारखंड के जिन सीनीयर डीएसपी लेवल के अफसरों के ले यूपीएससी में बैठ होनी थी उनमें शिवेंद्र, राधा प्रेम किशोर, मुकेश कुमार महतो, दीपक कुमार-1, मजरूल होदा, राजेश कुमार, अविनाश कुमार, रौशन गुड़िया, श्रीराम समद, निशा मुर्मू, सुरजीत कुमार, वीरेंद्र कुमार चौधरी, राहुल देव बड़ाईक, खीस्टोफर केरकेट्टा, प्रभात रंजन बरवार,अनूप कुमार बड़ाईक व समीर कुमार तिर्की शामिल हैं।
डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट में टल रहा है टकराव
डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर सेंट्रल गवर्नमेंट व झारखंड गवर्नमेंट के बीच टकराव चल रहा है।सेंट्रल गवर्नमेंट ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल को ही रिटायर माना है। इसे लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड गवर्नमेंट को को कई बार पत्राचार भी किया था। अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद अनुराग गुप्ता कोस्टेट गवर्नमेंट ने डीजीपी के पद पर बैठा रखा है।सेंट्रल ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर बनी झारखंड सरकार की नियुक्ति नियमावली को भी नियम विरुद्ध माना है। उसके आधार पर अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार को असंवैधानिक बताया है। सेंट्रल के पत्राचार के बावजूद स्टेट गवर्नमेंट अपने निर्णय पर अडिग है। स्टेट गवर्नमेंट ने अनुराग गुप्ता का डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार को वैध बताया है। इसे लेकर स्टेट गवर्नमेंट ने भी सेंट्रल को अपना तर्क देते हुए जवाब भी भेजा था। सेंट्रल व स्टेट के बीच डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर एक-दूसरे के तर्क पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है।
अनुराग गुप्ता की वजह से योग्य अफसर का आईपीएस बनना टला
बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में कहा है कि अनुराग गुप्ता के डीजीपी रहने की वजह से ही झारखंड पुलिस के योग्य अफसरों को आईपीएस बनने का जो अवसर मिला था, वह अनिश्चितकाल के लिए टल गया है। यह तब हुआ है, जब प्रमोशन पाने वाले अफसरों के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण है।
12 अगस्त को होने वाली बैठक टली
यूपीएससी ने राज्य सेवा के पुलिस अफसरों को प्रोमोशन देने के लिए 12 अगस्त को बैठक बुलायी थी। बैठक में शामिल होने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता दिल्ली भी गये थे। लेकिन अचानक बैठक रद्द कर दी गई. बैठक रद्द होने को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में इसका कारण यूपीएससी द्वारा अनुराग गुप्ता को डीजीपी नहीं मानना बताया है।
बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की है याचिका
बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की डीजीपी पद पर नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होनी है। हर सुनवाई से पहले इसको लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाये जाते रहे हैं।