झारखंड: नीति आयोग की टीम के साथ बैठक, CM हेमंत सोरेन बोले- स्टेट के पास सीमित संसाधन, सेंट्रल करे सहयोग
झारखंड दौरे पर आये नीति आयोग के सात सदस्यीय टीम ने बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान सेंट्रल व स्टेट के बीच बेहतर तालमेल से विकास की गति को तेज करने पर जोर दिया गया। सीएम हेमंत ने कई मुद्दों पर सेंट्रल से सहयोग की अपील भी की।
रांची। झारखंड दौरे पर आये नीति आयोग के सात सदस्यीय टीम ने बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान सेंट्रल व स्टेट के बीच बेहतर तालमेल से विकास की गति को तेज करने पर जोर दिया गया। सीएम हेमंत ने कई मुद्दों पर सेंट्रल से सहयोग की अपील भी की।
नीति आयोग के सदस्यों ने सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट के बीच बेहतर समन्वय से विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से सीएम हेमंत सोरेन के साथ चर्चा की। सीएम की अध्यक्षता में राज्य के विकास से संबंधित विषयों पर नीति आयोग की टीम के साथ उच्च स्तरीय बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। इससे जुड़ी योजनाओं और नीतियों के निर्माण और निर्धारण में नीति आयोग की अहम भूमिका है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े केंद्र सरकार के सीनीयर अफसरों के साथ विभिन्न विभागों से जुड़े मसलों पर सकारात्मक विचार विमर्श हुआ।
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सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि स्टेट के पास सीमित संसाधन है, लेकिन चुनौतियां भी कई हैं।ऐसे में राज्य सरकार की जरूरतों को देखते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट सरकार को सहयोग करने की जरूरत है, ताकि इन चुनौतियों से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य की समस्याओं को समझते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्य योजना बनायी जाये, ताकि विकास को गति और नयी दिशा मिल सके।
माइंस आधारित प्रोजेक्ट स्थापित होने से मिलेगा लाभ
सीएम कहा कि भले ही राज्य में विभिन्न प्रकार के खनिज की बहुतायत है, लेकिन यहां का खनिज दूसरे राज्यों और विदेशों में भेजे जाते हैं। वहां उसकी प्रोसेसिंग की जाती है। अगर खनिज आधारित प्रोजेक्ट को यहीं स्थापित किया जाये, तो इससे राज्य के विकास के साथ- साथ यहां के लोगों का भी सर्वांगीण विकास संभव होगा। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से प्रयास शुरू कर दिये गये हैं।
माइनिंग एरिया का सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक सर्वेक्षण हो
CM हेमंत ने कहा कि राज्य के माइनिंग एरिया में कई तरह की समस्याएं है. खनन के कारण इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। वहीं लोग भी तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में इन इलाकों पर विशेष फोकस करते हुए माइनिंग एरयिा का सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक सर्वे समय-समय पर किया जाना चाहिए। इससे यहां रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव का पता चलेगा।
अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए बने अलग से पॉलिसी
उन्होंने कहा कि झारखंड अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बाहुल्य राज्य है, लेकिन वे काफी पिछड़े हुए हैं। अनुसूचित जाति और जनजातियों को आगे बढ़ने का मौका मिले. इसके लिए उन्हें केंद्र से भी पूरा सपोर्ट दिया जाना चाहिए। अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जातियों के लिए अलग से पॉलिसी बनायी जाये, ताकि उनके विकास से जुड़ी कार्ययोजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो सके।
जल संचयन को मिले बढ़ावा
सीएम ने कहा कि जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा। वाटर रिजर्वायर को लेकर गंभीरता से काम करने की जरूरत है। इसमें सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेट को मिलकर ठोस पहल करनी होगी, ताकि जल संचयन को बढ़ावा मिल सके। सीएम ने पलामू पाइपलाइन इरिगेशन प्रोग्राम को लेकर भी अपने सुझाव दिये। स्टेट में NHAI द्वारा बनाये जा रहे राष्ट्रीय राजमार्गों में गुणवत्ता की कमी होने पर नाराजगी जतायी। कहा कि सड़कों के बनाने में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाये। मनरेगा मजदूरी दर में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
नीति आयोग ने कोरोना काल में स्टेट गवर्नमेंट के किये गये कार्यों की प्रशंसा की
मौके पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल ने कहा कि सेंट्रल व स्टेट के बीच बेहतर संबंध और समन्वय बनाने की दिशा में नीति आयोग एक कड़ी का काम कर रहा है। झारखंड सरकार के साथ आज की बैठक काफी अहम रही। इसमें विकास से संबंधित मसलों पर विचार विमर्श हुआ। इसमें सेंट्रल व स्टेट के बीच अगर कोई गतिरोध है, तो उसके समाधान में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि नीति आयोग जो भी पॉलिसी बनाती है, उसमें मंत्रालय के साथ विस्तार से विचार-विमर्श होता है। वहीं, सरकार की नीतियों और योजनाओं की मॉनिटरिंग तथा वैल्यूएशन के लिए भी कई इंस्टिट्यूट है।नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्यों को मजबूत बनाने के साथ नया भारत बनाना है। इसी कड़ी में स्टेट गवर्नमेंट द्वारा किये गये कार्यों के लिए सीएम हेमंत सोरेन की प्रशंसा की।की.
22 डिपार्टमेंट के प्रोपोजल और इश्यूज पर चर्चा
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि स्टेट गवर्नमेंट के 22 डिपार्टमेंट ने अपने प्रोपोजल स्ताव और इश्यूज से अवगत कराया था। इन सभी पर सेंट्रल गवर्नमेंट का भी रिस्पांस मिला है। बैठक में आज मुख्य रूप से कोयला, ऊर्जा, रेलवे राजस्व, जल संसाधन, खनिज, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, सिविल एविएशन गृह, जनजातीय मामले, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विषयों पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
बैठक में स्टेट के फाइनेंस मिनिस्टर रामेश्वर उरांव, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल, झारखंड के चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, सीएम के प्रिंसिपल सेकरटरी राजीव अरुण एक्का, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे के अलावा नीति आयोग के सीनियर एडवाइजर नीरज सिन्हा, मिशन डायरेक्टर राकेश रंजन, ज्वाइंट सेक्रेटरी डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिसर शैलेंद्र कुमार द्विवेदी, डिप्टी एडवाइजर डॉ त्यागराजू बीएम, प्रोफेशनल सिद्धे जी शिंदे, सीनियर एसोसिएट नमन अग्रवाल और विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव उपस्थित थे।