SAIL के 70 हजार से अधिक स्टाफ को मिलेगा 26.05 परसेंट पर्क्स, एनजेसीएस में समझौता

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के स्टाफ के वेतन-भत्ते में रिवीजन पर सहमति बन गयी है। नेशनल ज्वायंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की कोर ग्रुप की गुरुवार की देर रात बैठक में मैनेजमेट व यूनियनों के बीच समझौता हो गया।

SAIL के 70 हजार से अधिक स्टाफ को मिलेगा 26.05 परसेंट पर्क्स, एनजेसीएस में समझौता
  • सेल के ठेका मजदूरों के वेतन आवास भत्ता से जुड़े मामलों पर बैठक शीघ्र 

नई दिल्ली। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के स्टाफ के वेतन-भत्ते में रिवीजन पर सहमति बन गयी है। नेशनल ज्वायंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की कोर ग्रुप की गुरुवार की देर रात बैठक में मैनेजमेट व यूनियनों के बीच समझौता हो गया।

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नई दिल्ली के होटल अशोका में आयोजित बैठक में शामिल हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के लीडर राजेंद्र सिंह ने बताया कि नये समझौते के अनुसार सेल के सभी कर्मियों को 26.05 प्रतिशत पर्क्स् (वेतन-भत्ता) देने पर सहमति बनी है। इस समझौते से देश भर में सेल के विभिन्न प्लांटों इकाइयों में कार्यरत 70 हजार से ज्यादा कामगारों को छह से दस हजार रुपये तक का प्रतिमाह लाभ हो सकता है। बैठक में सेल के टॉप अफसरों  के साथ मान्यता प्राप्त श्रमिक यूनियनों एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू बीएमएस के प्रतिनिधि शामिल थे। समझौते के बाद सेल प्रबंधन तीन श्रमिक यूनियनों एटक, इंटक, एचएमएस के प्रतिनिधियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिया है। जबकि दो यूनियनों सीटू बीएमएस ने 28 परसेंट से कम भत्ते पर असहमति जतायी है।

एचएमएस के राजेंद्र सिंह ने बताया सेल के कामगारों का वेतन पुनरीक्षण 1 जनवरी 2017 से ही लंबित था. यूनियनों की ओर से 30 परसेंट भत्ते की मांग की जा रही थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक बहस विचार-विमर्श के बाद 26.05 परसेंट भत्ते के पेमेंट पर  मैनेजमेंट ने सहमति जता दी। सेल ने जनवरी 2020 से नये समझौते के अनुसार सभी कामगारों को एरियर देने पर भी सहमति जतायी है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि सेल के ठेका मजदूरों के वेतन आवास भत्ता से जुड़े मसलों पर शीघ्र ही दूसरी बैठक आयोजित की जायेगी।

संसद में भी उठा था पे-रिवीजन का मुद्दा 
सेल कर्मियों के लंबित पे-रिवीजन का मुद्दा पिछले दिनों संसद में भी उठा था। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के एमपी विजय बघेल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि सेल का पिछले तीन साल का लाभ पांच हजार करोड़ से अधिक है। इसके बावजूद कर्मियों के वेतन-पुनरीक्षण पर निर्णय नहीं लिया जा रहा है।