PM नरेंद्र मोदी के बर्थडे पर नेहा राठौर का व्यंग्य गीत: हाली-हाली बहाली निकालीं ऐ साहिब, छात्र करेंलें सुसाइड

हार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर व्यंग्य गीत गाया है। उन्होंने युवाओं की बेरोजगारी के सवाल पर यह गीत स्काई कलर की साड़ी में ने गांव में महिलाओं के बैठने के अंदाज में बैठकर यह गीत गाया है।

PM नरेंद्र मोदी के बर्थडे पर नेहा राठौर का व्यंग्य गीत:  हाली-हाली बहाली निकालीं ऐ साहिब, छात्र करेंलें सुसाइड

नई दिल्ली। बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर व्यंग्य गीत गाया है। उन्होंने युवाओं की बेरोजगारी के सवाल पर यह गीत स्काई कलर की साड़ी में ने गांव में महिलाओं के बैठने के अंदाज में बैठकर यह गीत गाया है।

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बेराजगारी पर सवाल

नेहा ने गीत में गाया है कि साहेब हाली-हाली, साहेब हाली-हाली बहाली निकालीं ऐ साहिब... साहेब हाली-हाली भरती निकालीं ऐ साहिब....हाथ जोड़ें बेरोजगार, सुनी कल्कि अवतार, कवनो करीं चमत्कार रऊआ धरती के मिलिकार.. साहेब हाली-हाली..., इनका काम है अनाड़ी, खाली बढ़ावें लें दाढ़ी.. रुकल इनोनॉमी के नाड़ी..... साहेब हाली... हाली भरती निकाली... छात्र करें लें सुसाइड, रऊआ करें लें एवॉइड, बेराजगारी के मुद्दे को काहे लगाते हैं साइड...साहेब हाली-हाली... कह के गइल रहले वादा.. तोहरा बदलल इरादा..तोहर मन में रहल खोट खाला लेवे अइले वोट....साहेब हाली- हाली बहाली निकालीं ऐ साहेब हाली हाली...।

आ रही है तरह-तरह की प्रतिक्रयाएं

नेहा सिंह रौठार के इस गीत के बाद लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रयाएं दे रहे हैं। विरोध में आ रही टिप्पणियों पर नेहा सिंह राठौर ने कहा है कि मेरा साथ दीजिए। मेरी ये लड़ाई आपकी लड़ाई है। बेरोजगारी की समस्या से पूरे भारत के युवा जूझ रहे हैं। हमें मिलकर प्रयास करना होगा ताकि सरकार पर दबाव बने। इस समस्या का जल्दी निदान हो। बेरोजगारी जैसी समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम सभी को एक सुर में अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।

नेहा ने कहा कि सत्ता के पक्ष में बोलकर आप अपना पक्ष कमजोर करते हैं। सत्ता हमेशा अपना हित देखती है। सत्ता से सवाल पूछने में ही आम जनता की भलाई है। इस वक्त मैं वही काम कर रही हूं जो देश की मीडिया को करनी चाहिए थी। लेकिन मीडिया का बड़ा हिस्सा सरकारों के तलवे सहलाने में लगा हुआ है। ऐसे मे किसी न किसी को ये जिम्मेदारी लेनी ही होगी। अगर आप सवाल नहीं पूछेंगे तो हमारे नेताओं और सत्ताधीशों पर आपका कोई कंट्रोल नहीं रह जायेगा। हम सभी भेड़-बकरियों की तरह हांक दिए जायेंगे।