IRCTC scam case: तेजस्वी यादव को जाना पड़ सकता है जेल, CBI की अर्जी पर स्पेशल कोर्ट ने दी नोटिस
आइआरसीटीसी घोटाला मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी की परेशानी बढ़ सकती है। सीबीआई ने तेजस्वी यादव की बेल कैंसिल करने के लिए दिल्ली की स्पेशल कोर्ट में एक अर्जी लगाई है। इसके बाद कोर्ट ने तेजस्वी यादव को नोटिस भी जारी कर दिया है। इस अर्जी के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने तेजस्वी को समन किया है। आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले के आरोपी तेजस्वी यादव फिलहाल बेल पर हैं।
पटना। आइआरसीटीसी घोटाला मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी की परेशानी बढ़ सकती है। सीबीआई ने तेजस्वी यादव की बेल कैंसिल करने के लिए दिल्ली की स्पेशल कोर्ट में एक अर्जी लगाई है। इसके बाद कोर्ट ने तेजस्वी यादव को नोटिस भी जारी कर दिया है। इस अर्जी के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने तेजस्वी को समन किया है। आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले के आरोपी तेजस्वी यादव फिलहाल बेल पर हैं।
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Special Judge Geetanjali Goel issued notice to Tajaswi Yadav on CBI's plea and sought his response in the matter. https://t.co/V8ANWrdU3w
— ANI (@ANI) September 17, 2022
बेल कैंसिल करने के लिए सीबीआइ ने दी याचिका
एएनआइ के अनुसार आइआरसीटीसी घोटाले में तेजस्वी की बेल कैंसिल करने के लिए सीबीआइ ने दिल्ली की स्पेशल कोर्ट में गुहार लगाई है। सीबीआई की स्पेशल जज गीतांजली गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस नोटिस में तेजस्वी से ये सवाल पूछते हुए जवाब मांगा है कि क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि ये याचिका IRCTC टेंडर घोटाले को लेकर दी गई है। मालूम हो कि IRCTC टेंडर घोटाले के केस में तेजस्वी यादव साल 2018 से ही बेल पर हैं। इस केस में CBI ने पहले ही तेजस्वी यादव समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है।अगर कोर्ट इस मामले में तेजस्वी यादव की बेल खारिज करता है, तो बिहार में डिप्टी सीएम की उनकी कुर्सी संकट में पड़ सकती है।
लालू यादव फैमिली घोटाले की जद में
लालू यादव के रेल मिनिस्टर रहते हुए इस घोटाले में उनके परिवार के कई सदस्य फंस रहे हैं। लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव भी इनमें शामिल हैं। तेजस्वी यादव सहित दूसरे आरोपितों के खिलाफ सीबीआइ इस मामले में पहले ही आइपीसी की धारा 420, 120बी सहित भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है।
राबड़ी देवी भी हैं आरोपित
सोर्सेज के अनुसार, अगर सीबीआइ अपने आरोप कोर्ट के सामने सिद्ध करने में सफल होती है, तो तेजस्वी यादव को इस मामले में सात साल तक की सजा हो सकती है। इस मामले में तेजस्वी यादव के साथ ही उनकी मां राबड़ी देवी भी आरोपित हैं। मां और बेटे को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में वर्ष 2018 में बेल दी थी। आरजेडी और तत्कालीन रेल मिनिस्टर लालू प्रसाद यादव इस मामले में मुख्य आरोपित हैं। इस केस में ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तेजस्वी के साथ साथ उनकी उनकी मां राबड़ी देवी को बेल दे दी थी।
2004 से 2009 के बीच हुआ है घोटाला
यह मामला मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए गवर्नमेंट में लालू प्रसाद यादव रेल मिनिस्टर थे। इसी दौरान आइआरसीटीसी की ओर से पुरी और रांची के रेलवे होटल को रख-रखाव और सुधार के लिए निजी एजेंसी को दिया गया था। आरोप है कि लालू यादव ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए नियमों को ताक पर रखकर यह काम विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाजा होटल्स को दिया था।
14 लोग हैं आरोपित
आइआरसीटीसी घोटाले में कुल 14 लोग आरोपित बनाये गये हैं। सीबीआइ ने पहले इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ जांच शुरू की थी। बाद में छह और लोगों के नाम भी जोड़े गए। सीबीआइ का कहना है कि रेलवे के इन होटलों को निजी एजेंसी को देने के बदले लालू यादव ने अपने करीबियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। सीबीआइ के मुताबिक कोचर ने इन होटलों के एवज में पटना के बेली रोड पर तीन एकड़ का अपना प्लाट लालू यादव के बेहद करीबी प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी को बाजार दर से काफी कम कीमत पर बेच दिया था। इस जमीन को मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड ने 1.47 करोड़ रुपए में खरीदा था, जबकि इस जमीन का वास्तविक मूल्य काफी अधिक था। यह जमीन सरकार द्वारा निर्धारित सर्कल रेट से भी कम पर बेच दी गई थी।
हजार करोड़ की जमीन मात्र सवा करोड़ में मिली
सीबीआइ के अनुसार बाद में इसी भूखंड को लालू यादव की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट ने सिर्फ 65 लाख रुपये में ही हासिल कर लिया। तब सरकारी दर से इस जमीन की कीमत लगभग 32 करोड़ रूपये औऱ बाजार का रेट लगभग 94 करोड़ रुपए था। सीबीआइ के अनुसार यह प्रापर्टी 1000 करोड़ रुपये से भी अधिक की हो सकती है।