नई दिल्ली: पुलिस कस्टडी में मौत के मामलों की होगी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जांच, NHRC का आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने पुलिस कस्टडी में मौत के सभी मामलों की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। संसद के उच्च सदन यानी की राज्यसभा में होम मिनिस्टरी की ओर से यह जानकारी दी गयी है।
- होम मिनिस्टरी ओर से संसद में दी गयी जानकारी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने पुलिस कस्टडी में मौत के सभी मामलों की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। संसद के उच्च सदन यानी की राज्यसभा में होम मिनिस्टरी की ओर से यह जानकारी दी गयी है।
संसद में बताया गया कि आपराधिक न्यायिक प्रक्रिया की धारा 176 (1A) के तहत कोर्ट द्वारा अधिकृत पुलिस कस्टडी या अन्य कस्टडी में मौत के प्रत्येक मामले में अनिवार्य ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जांच होगी। इसके लिए एनएचआरसी ने वर्ष 2020 की सितंबर में ही आदेश जारी किया है। क्या सरकार सभी राज्यों-संघ शासित प्रदेशों को कस्टोडियल डेथ, एनकाउंटर के सभी मामलों की जांच के लिए निर्देश जारी करेगी के सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री ने राज्यसभा में उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान की 7वीं अनुसूची के अनुसार, 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य विषय हैं। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए कानून के प्रावधानों को अक्षर और भावना से पालन करने के लिए है।
राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में जी किशन रेड्डी ने बताया कि वर्ष 2019 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 और 1948 प्रकाशित रिपोर्ट में बताया कि यूएपीए के तहत लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2016 और 2019 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति क्रमशः 5922 और 132 हैं।