अब एक चिड़िया पर फिदा हुए आनंद महिंद्रा, उसे अपनी कंपनी में देना चाहते हैं नौकरी
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा एक चिड़िया को अपनी कंपनी में नौकरी देना चाहते हैं। यह चिड़िया अपने चूजों को सांप जैसे शिकारियों से बचाने के लिए अपने घोसले में नकली रास्ता बनाती है। शिकारी इसे ही असली रास्ता समझ लेते हैं और धोखा खा जाते हैं। इस चिड़िया की इसी अदा पर आनंद महिंद्रा फिदा हैं।
नई दिल्ली। महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा एक चिड़िया को अपनी कंपनी में नौकरी देना चाहते हैं। यह चिड़िया अपने चूजों को सांप जैसे शिकारियों से बचाने के लिए अपने घोसले में नकली रास्ता बनाती है। शिकारी इसे ही असली रास्ता समझ लेते हैं और धोखा खा जाते हैं। इस चिड़िया की इसी अदा पर आनंद महिंद्रा फिदा हैं।
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Nature is simply brilliant. I think we need to recruit these birds for our Corporate Risk and Corporate Strategy Departments! pic.twitter.com/HCZ231mXp6
— anand mahindra (@anandmahindra) August 6, 2022
महिंद्रा ने ट्वीट किया, 'नेचर सच में लाजवाब है। मुझे लगता है कि हमें इस चिड़िया को अपने कॉरपोरेट रिस्क और कॉरपोरेट स्ट्रैटजी डिपार्टमेंट्स में रिक्रूट करना चाहिए।' आनंद महिंद्रा का इशारा ऐसे लोगों की बहाली करने से है जो इस चिड़िया जैसी नीतियां बनाकर कंपनी को जोखिम से बचा सके। उन्होंने ट्वीट में इस चिड़िया की फोटो भी शेयर की है। यह चिड़िया अफ्रीका के अंगोला, बोत्सवाना, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे में पाई जाती है। इसका नाम Cape Penduline Tit या southern penduline tit है।
चिड़िया की खासियत
यह पक्षी Remizidae फैमिली की है। इसका वैज्ञानिक नाम Anthoscopus minutus है। इसका प्राकृतिक आवास ड्राई सवाना, सबट्रॉपिकल, ट्रॉपिकल ड्राई स्रबलैंड और भूमध्यसागर की तरह की वनस्पति है। इसका घोसला 15 सेंटीमीटर ऊंचा, नौ सेमी गहरा और इतना ही चौड़ा होता है। इसे बनाने में यह कॉटन वूल जैसी मुलायम सामग्री का इस्तेमाल करती है। यह साउथ अफ्रीका की सबसे छोटी पक्षियों में से एक है। यह अपने अंडों और चूजों को शिकारियों से बचाने के लिए इस तरह घोसला बुनती है कि सांप जैसे शिकारियों को धोखा दे सके।
इस चिड़ियां को बनाने में इसे 20 से 35 दिन लगते हैं।इस घोसले के एक तरफ ऐसा ढांचा बना होता है जो घोसले में जाने के रास्ते की तरह दिखता है लेकिन असल में यह दरवाजा नहीं होता है। अगर कोई शिकारी इसमें घुसता है तो उसे कुछ नहीं मिलता है। वह खुद को ठगा हुआ महसूस करता है। घोसले में घुसने का असली रास्ता इस ढांचे के ऊपर होता है। चिड़िया के घुसते ही असली रास्ता बंद हो जाता है। इसमें घुसने से पहले चिड़िया इसे अपने पैर की मदद से खोलती है। इसी तरह घोसले से निकलने पर चिड़िया इस रास्ते को बंद कर देती है।